संजय सोनी
भानुप्रतापपुर। वन परिक्षेत्र दुर्गुक़ोंदल अंतर्गत परेकोड़ो सर्किल के गोदावरी कच्चे माइंस के द्वारा माइंस क्षेत्र से लगे सैकड़ों हरे-भरे वृक्षों की अवैध कटाई की जा रही है। इस मामले को दबाने के लिए माइंस प्रबंधन द्वारा अवैध कटाई किये गए कुछ वृक्षों को गड्ढे में दबा दिया गया व कुछ वृक्षों को बेचने कि बात सामने आ रही है।
बता दें कि वन परिक्षेत्र दुर्गुक़ोंदल के वन परिक्षेत्र अधिकारी द्वारा अपने क्षेत्र का सतत निरीक्षण नही किये जाने एवं कार्य मे लापरवाही का फायदा प्रबंधन द्वारा उठाये जा रहे है। यही वजह है कि माइंस प्रबंधन अपने फायदे को देखते हुए नियम कायदे को दर किनार करते हुए माइंस क्षेत्र से लगे हुए हरे-भरे वृक्षों की जब चाहे कटाई करवा दिया जाता है।
क्या है मामला
गोदावरी माइंस से लगा हुआ नारंगी क्षेत्र कक्ष क्रमांक 608 खसरा 100 रकबा 5.76 में माइंस प्रबंधन द्वारा सैकड़ों हरे-भरे वृक्षों की अवैध कटाई करते हुए अतिक्रमण कर अपने क्षेत्र का अवैध रूप से विस्तार किये जा रहे है। जानकारी होने के बावजूद भी वन विभाग के अधिकारियों के द्वारा माइंस प्रबंधन के खिलाफ कार्यवाही नही किये जाना भी वन अधिकारियों के मिलीभगत होने से इंकार नही किया जा सकता है।
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सेप्टी जोन से खिलवाड़
गोदावरी माइंस क्षेत्र के चारो ओर बनाये गए सेप्टी जोन के कुछ जगह तोड़कर प्रबंधन द्वारा नया सेप्टी जोन बनाया गया। वही पुराने सेप्टी जोन को तोडऩे कि अनुमति माइंस प्रबंधन द्वारा नही ली गई। पूर्व में स्थित सेप्टी जोन के वृक्षों को काटकर उन क्षेत्रों से हटाये गए।
बिना अनुमति सड़क का निर्माण
माइंस प्रबंधन द्वारा सड़क निर्माण के लिए बिना अनुमति लिए ही वृक्षों के कटाई करना। बता दे कि आरी डोंगरी माइंस क्षेत्र से साल्हे मुख्य मार्ग तक फोरलेन कांक्रीट का सड़क का निर्माण किया जा रहा है। जिसमे सड़क किनारे लगे हरे-भरे वृक्षों को कंपनी के द्वारा धराशायी किया गया है। काटे गए वृक्षों में सौगोन प्रजाति के वृक्ष भी शामिल है। वही कंपनी के द्वारा अनुमति लिए बिना ही वनमार्ग को परिवर्तित किये गए है।
इस संबंध में दिलराज प्रभाकर मुख्य वन संरक्षक वनवृत कांकेर, दुलेश्वर प्रसाद साहू वन मंडल अधिकारी पूर्व वन मंडल भानुप्रतापपुर एवं मुकेश नेताम वन परिक्षेत्र अधिकारी दुर्गुक़ोंदल से मोबाइल से सम्पर्क किया गया लेकिन कोई भी अधिकारी बात करना उचित नहीं समझा गया।