एसडीएम के निर्देश की नगरपालिका कर रही अवहेलना
दिलीप गुप्ता
सरायपाली
नगर का गौरवपथ अब गौरवपथ न होकर सिरदर्द व विवादित पथ अधिक होने लगा है । आये दिनों कुछ न कुछ विवाद होते ही रहता है । नगरवासी एक आदमी के भ्रष्टाचारी आचरण व हिटलरशाही व्यवहार के चलते पूरा नगर परेशान है । अपने निजी स्वार्थ , तुष्टिकरण व अपनो को लाभ पहुंचाने की नीयत के चलते कांग्रेस सरकार के समय बनाये गए प्राक्कलन के अधिकांश भाग के निर्माण कार्यो में बदलाव कर दिए जाने से एक ओर जहां गौरवपथ के निर्माण में लागत बढ़ रही है तो वही समय भी अधिक लग रहा है । गौरवपथ निर्माण में नगरपालिका द्वारा जो प्रक्रिया अपनाई जा रही है उससे आये दिनों कोई न कोई विवाद खड़ा हो जाता है । सड़क निर्माण की चौड़ाई में अपने जा रही प्रक्रिया से संबंधित व्यापारी व नगरवासियो ने एसडीएम नम्रता चौबे से मुलाकात की थी ।
इस संबंध में एसडीएम नम्रता चौबे द्वारा समस्त नागरिकों , अधिकारियों व प्रभावितों की एक सामूहिक बैठक 20 फरवरी को नगरपालिका के सभागृह मे आयोजित की गई थी । बैठक में सभी नगरवासियो ने अपनी अपनी समस्याएं रखी । गौरवपथ निर्माण में बरती जा रही अनियमितताएं व भ्रष्टाचार की शिकायतों के साथ साथ सड़क चौड़ी करण में पक्षपात पूर्ण रवैये की भी शिकायत की गई थी । इसके साथ ही प्राक्कलन के विरुद्ध नगरपालिका द्वारा घंटेश्वरी मंदिर से बैतारी चौक तक लगभग 30-40 क्रासिंग ( कट ) बेवजह छोड़े जाने की भी शिकायत की गई थी । जबकि इस क्रासिंग का प्राक्कलन में कही भी उल्लेख नही होने की बात कही गई । जगह जगह थोड़ी थोड़ी में दूर 30 से 70 फिट चौड़ी क्रासिंग छोड़े जाने से यहां अनेक दुर्घटनाएं घट चुकी है । इन अवैध तरीके से चुनावी फायदे व अपने लोगो को खुश करने की नीयत से बनाये गए खतरनाक क्रासिंग को बन्द काईये जाने की भी मांग जोर शोर से की गई ।
इस समस्या से अवगत होते हुवे व स्वीकार किये जाने के बाद एसडीएम नम्रता चौबे द्वारा नगरपालिका व ठेकेदार को तत्काल प्रभाव से इन अवांछित क्रासिंग को बढ़ती दुर्घटनाओ व नागरिको की मांग को देखते हुवे बन्द किये जाने का मौखिक आदेश दिया गया था ।
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आज 3 महीने बीत जाने के बाद भी नगरपालिका व ठेकेदार द्वारा एक भी क्रासिंग को बन्द नही किया गया है । इनका यह कृत्य सीधे एक सक्षम अधिकारी के आदेश की अवहेलना व अवमानना करने के समान है । नगरपालिका के अधिकारी व पदधिकारियो का अधिकारी के आदेशों को रद्दी में डालने का यह कृत्य उनके कार्यशैली व घमंड को प्रदर्शित करता है । एसडीएम के आदेश के बाद कुछ क्रासिंग में रेत से भरे आधे आधे बोरो को क्रासिंग स्थल पर रख दिया गया था उसके 2 -4 दिनों बाद रेत की बोरियां गायब हो गई । इस तरह की कार्यशैली से नगरवासियो में भी असंतोष व्याप्त है ।