Groundwater- भूजल को लेकर चिंतित हैं पानी कारोबारी

वाटर हार्वेस्टिंग, वाटर रिचार्ज और सोख्ता गढ्ढा की योजना

राजकुमार मल

भाटापारा- फरवरी और मार्च के महीने तो ठीक गुजरे लेकिन विदा लेते अप्रैल के बाद अगले दो महीने कैसे गुजरेंगे? इसने साफ संकेत दे दिए हैं क्योंकि पानी का बाजार भी गिरते भूजल के घेरे में आ चुका है।

सीजन की डिमांड जोरदार है। हमेशा आगे रहने वाला पानी पाउच इस बार भी आगे है लेकिन पहली बार पाउच से लेकर जार तक की पैकिंग गंभीर संकट में हैं। संकट से निपटने के उपाय बेहद सीमित हैं, इसलिए ईकाइयां अब वाटर रिचार्ज और वाटर हार्वेस्टिंग की योजना पर अमल करने पर गंभीरता के साथ ध्यान दे रहीं हैं ताकि संकट का स्थाई समाधान किया जा सके।

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संकट में ईकाइयां

जिले में पानी के कारोबार से प्रत्यक्ष तौर पर जुड़ी लगभग दर्जन भर ईकाइयां हैं। भूजल के दम पर एक माह में लगभग 6 से 8 लाख लीटर पानी कारोबार करने वाला यह क्षेत्र सीजन के शेष दो माह की मांग को लेकर चिंतित हैं क्योंकि भूजल भंडार में कमी आने लगी है लिहाजा पाउच जैसी छोटी पैकिंग की उपलब्धता को लेकर गंभीर है यह सभी क्योंकि पानी पाउच में ही सबसे ज्यादा मांग रहती है।

तैयारी में है खुदरा बाजार

अपेक्षा अनुरूप मांग से खुश है खुदरा बाजार लेकिन घटते भूजल और ईकाइयों से आ रही खबरों को ध्यान में रखते हुए इसने अग्रिम तैयारी के तहत भंडारण सीमा दोगुना करने जैसी योजना पर काम चालू कर दिया है ताकि मांग और आपूर्ति के बीच निरंतरता प्रभावित न हो। इसलिए अग्रिम सौदे जैसी व्यवस्था बनाई जा रही है। इसमें भी पाउच को पहली प्राथमिकता दी जा रही है।

कर रहे यह उपाय

वाटर हार्वेस्टिंग, वाटर रिचार्ज और सोख्ता गड्ढा। पहली बार ईकाइयां इन तीनों उपायों पर गंभीरता के साथ अमल करने की योजना बना रहीं हैं ताकि प्रतिकूल दिनों में जल आपूर्ति बाधित नहीं होने पाए। अतिरिक्त बोर खनन जैसे उपायों से इसलिए दूरी बनाने की योजना है क्योंकि निश्चित नहीं है ज्यादा गहराई पर भी पानी की समुचित मात्रा का मिलना।

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