छत्तीसगढ़ राज्य अपनी स्थापना का रजत जयंती वर्ष मना रहा है । विकास और विस्तार की बहुत सी गाथाएं गाईं लिखी जा रही हैं। 25 सालों में राजधानी रायपुर का क्षैत्रफल और आबादी में बड़ा इज़ा$फा हुआ है। अब तक राजधानी परियोजना क्षेत्र का एनसीआर की तजऱ् पर रायपुर, नवा रायपुर , भिलाई, दुर्ग, राजनांदगाँव तक विस्तार का काम भी गति पकड़ रहा है। बढ़ते शहर की ज़रूरतों के मुताबिक़ सरकार ने शराब दुकानें बढ़ाई है। पुलिस थाने, पुलिस चौकी, पुलिस बल भी बढ़ा है इसी के साथ अपराध और नशाख़ोरी का कारोबार भी बढ़ रहा है। चिंता की बात यह है कि इसकी गिरफ्त में सबसे ज्यादा युवा वर्ग है। छत्तीसगढ़ में बारी-बारी से सत्तारूढ़ दोनों ही राजनैतिक पार्टी वह कॉग्रेस हो या भाजपा दोनों ही शराबबंदी की बाते तो कहते रहे किन्तु शासन मिलने वाली राजस्व की बढ़ी राशि और इससे इतर होने वाले अप्रत्यक्ष लाभों को लेकर शराबंदी तो दूर शराब की दुकाने जरूर बढ़ी। साथ ही शराब की खपत भी। छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला भी इस बीच राष्ट्रीय सुर्खियों में रहा।
रायपुर में इधर के दिनों में नशा बिक्री के जो मामले पकड़ में आये हैं उनके अनुसार पंजाब और पाकिस्तान के नेटवर्क के माध्यम से रायपुर में नशे की सप्लाई की जा रही है। पुलिस ने शहर के विभिन्न स्थानों पर छापेमारी कर छह तस्करों को गिरफ्तार किया और उनके कब्जे से 57 लाख रुपये मूल्य का 273.19 ग्राम ड्रग्स जब्त किया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पिछले दिनों दी गई जानकारी में भी इस मुद्दे पर चिंता व्यक्त करते हुए बताया कि पिछले दस वर्षों में मादक पदार्थों के अपराध में 230 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। छत्तीसगढ़ में सेडेटिव दवाओं का उपयोग 1.45 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय औसत से अधिक है, और गांजा का उपयोग 4.98 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय औसत से अधिक है।
पिछले कुछ वर्षों में जब भी भारत में नशे और ड्रग्स की चर्चा होती है, तो पंजाब का नाम सबसे पहले सामने आता है। ‘उड़ता पंजाबÓ जैसी फिल्मों ने इस राज्य को नशे के अंधेरे में डूबे हुए के रूप में प्रस्तुत किया है। लेकिन अब यह चेतावनी की घंटी छत्तीसगढ़ में भी सुनाई दे रही है। नशे के मामलों में छत्तीसगढ़ ने कई राज्यों को पीछे छोड़ दिया है और यह राज्य अब नशे के अंधे कुएं में उतरता जा रहा है। हाल ही में रायपुर में नशे की सप्लाई के लिए पंजाब और पाकिस्तान के नेटवर्क का खुलासा हुआ है। पुलिस ने शहर के विभिन्न स्थानों पर छापेमारी कर छह तस्करों को गिरफ्तार किया और इन आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। नशे के बढ़ते मामलों को देखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के निर्देशन में खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने प्रदेशभर में नशीली दवाओं के अवैध कारोबार और प्रावधानों का उल्लंघन करने वाले व्यापारियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई शुरू की है। औषधि निरीक्षकों की टीम लगातार छापेमारी कर रही है। पिछले एक हफ्ते में 163 प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया गया, जिनमें से छह मेडिकल स्टोर्स में अनियमितता पाई गई, जिन्हें अनुज्ञापन प्राधिकारी को कार्रवाई हेतु भेजा गया है।
छत्तीसगढ़ में नशे के बढ़ते मामलों ने राज्य की छवि को प्रभावित किया है। पंजाब की तरह, यदि समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो यह राज्य भी नशे के अंधे कुएं में डूब सकता है। सरकार और समाज को मिलकर इस समस्या से निपटने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे, ताकि युवाओं को नशे की लत से बचाया जा सके और राज्य को इस संकट से उबारा जा सके। बिलासपुर पुलिस ने एक नशे के कारोबारी की दो करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति जब्त की, जो चार राज्यों में फैले नेटवर्क का हिस्सा था। पुलिस ने पिछले एक माह में 34 से ज्यादा पैडलर्स को गिरफ्तार किया है जिनमें पंजाब का बड़ा तस्कर लवजीत सिंह और राजनांदगांव का सुवित श्रीवास्तव शामिल हैं।
भाजपा की विष्णु देव साय सरकार ने शराब दुकानें और नीति में परिवर्तन अवश्य किया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए नई शराब दुकानों की स्थापना पर रोक लगाने का निर्णय लिया है। राज्य में शराब की दुकानों की संख्या स्थिर रखने का इरादा जताया गया है। इसके तहत राज्य सरकार ने सभी दुकानें, कैफे, पार्लर आदि 24 घंटे खोलने की अनुमति दी है, लेकिन शराब दुकानें रात 10 बजे तक ही खुली रखने की अनुमति है। शराब दुकानों का निर्धारण किया गया है। राजधानी रायपुर में 5-स्टार रेटेड शराब दुकानों की संख्या 11 है वहीं 4 स्टार की संख्या 29 और 3 स्टार की संख्या 3 जो घटती नहीं बढ़ती जा रही है इसके अलावा रायपुर में 7, दुर्ग में 6 दुकाने संभावित है।
मादक पदार्थों (ड्रग्स) से जुड़े अपराध और पुलिस कार्रवाई पर नजर डालें तो राज्यव्यापी और राष्ट्रीय स्तर पर उपलब्ध आंकड़े के अनुसार नशे से संबंधित एफआईआर (एनडीपीएस एक्ट मामले) में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (क्राइम इन इंडिया 2022) के अनुसार, ड्रग तस्करी से संबंधित एफआईआर में छत्तीसगढ़ में 2020 में 815 मामले, 2021 में 1,092 मामले, 2022 में 1,085 मामले दर्ज किये गये है। 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें पंजाब के लवजीत सिंह (बंटी) प्रमुख थे। इनके कब्जे से 412.87 ग्राम हेरोइन जब्त हुई, जिसकी कीमत लगभग 1 करोड़ आंकी गई।
छत्तीसगढ़ में नशे के बढ़ते मामलों और तस्करी के नेटवर्क ने राज्य की सुरक्षा और सामाजिक संरचना के लिए गंभीर खतरे उत्पन्न किए हैं। पंजाब और पाकिस्तान के माध्यम से होने वाली तस्करी, अंतरराज्यीय नेटवर्क, और नशे के कारोबार में वृद्धि के आंकड़े इस समस्या की गंभीरता को दर्शाते हैं। सरकार और समाज को मिलकर इस संकट से निपटने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।
ताकि राज्य को इस संकट से उबारा जा सके और युवाओं को नशे की लत से बचाया जा सके।