-सुभाष मिश्र
गुरु हरिशंकर परसाई ने बहुत पहले जान लिया था कि यदि धर्म को धंधे से जोड़ लिया जाए तो उसे योग कहते हैं। छत्तीसगढ़ की पवित्र नगरी डोंगरगढ़ प्रज्ञागिरी पहाड़ी जहां धार्मिक वातारवण विद्यमान है, वहां फार्म हाउस को आश्रम में आसानी से तब्दील किया जा सकता है। यही किया धार्मिक गुरुओं के नये अवतार तरुण अग्रवाल उर्फ सोनू ने।
सूरदास ने कहा भी है कि
जैसे उडि़ जहाज का पंक्षी मेरो मन अनंत कहां सुख पावे।
या यूं भी कहा जा सकता है कि उडि़ जहाज को पंछी, फिरि जहाज पर आवै।
सो तरूण अग्रवाल उर्फ सोनू ने देश-विदेश की सैर करके गोवा के खुले समुद्री वातारण को छोड़कर अपने घर डोंगरगढ़ वापसी की।
दरअसल, इस समय हमारे देश में धर्म के नाम पर, योग के नाम पर और बहुत सारे चमत्कार के नाम पर बहुत सारे बाबा प्रकट हो रहे हैं और उनको लगता है कि इससे बहुत आसानी से लोगों को बेवकूफ बनाएंगे। वे उनकी धार्मिक भावनाओं को भुनाएंगे और खुद मजे करेंगे। उनका जो फार्म हाउस होगा वो आश्रम कहलाएगा और लोग वहां श्रद्धा से जाएंगे। एक दूसरे की देखा-देखी देश में बहुत सारे बाबा जेल में रह के भी बाहर आ जाते हैं। चुनाव के समय बहुत से बाबाओं पर हत्या, बलात्कार जाने क्या-क्या आरोप होते हैं पर वो मजे करते दिखते हैं तो जो बाकी पीढ़ी है उसमें भी कुछ लोगों को लगता है कि यह भी धंधा जो है बहुत अच्छा है।
इसी तरह धार्मिक गुरुओं के नए अवतार के रूप में तरुण अग्रवाल उर्फ सोनू प्रकट हुए। पाखंडी बाबा तरुण अग्रवाल उर्फ सोनू (45) 20 साल पहले डोंगरगढ़ में पीसीओ चलाता था। इसके बाद गोवा चला गया। 2 साल पहले गोवा से डोंगरगढ़ लौटा, फिर प्रज्ञागिरी पहाड़ी पर 6 करोड़ में जमीन खरीदकर फॉर्म हाउस बनवाया। जिसे आश्रम के रूप में प्रचारित किया गया।
पुलिस ने पाखंडी बाबा तरुण अग्रवाल उर्फ सोनू को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस को फॉर्म हाउस में संदिग्ध गतिविधियां होने की लगातार शिकायत मिल रही थी। 26 जून को पुलिस ने छापेमारी की। इस दौरान फॉर्म हाउस के अंदर पुलिस ने सेक्स टॉयज, इंजेक्शन-वियाग्रा (उत्तेजना वाली की गोलियां) और गांजा बरामद हुआ। डोंगरगढ़ में बीते डेढ़ साल से तरुण और उसके विदेशी दोस्तों का नेटवर्क सक्रिय था। तरुण अपनी गाडिय़ों में कई बार अलग-अलग विदेशी युवतियों के साथ देखा गया है। पुलिस को तरुण की सोशल मीडिया आईडी में कई विदेशी नागरिकों के वीडियो मिले हैं।
पुलिस की एफआईआर में आरोपी तरुण अग्रवाल पर गांजा बेचने और बच्चों को गांजा पिलाने का जिक्र है। पुलिस ने आरोपी के फॉर्म हाउस में दबिश देकर बरामद के पीछे रखे दीवान से गांजा बरामद किया है।
तरुण अग्रवाल अपनी गाडिय़ों से कई बार अलग-अलग विदेशी युवतियों के साथ देखा गया। उसके वायरल हुए वीडियो में आप देखेंगे कि वह किस तरह से लड़कियों को योग सिखा रहे हैं किस तरह से वो मजे कर रहे हैं। पुलिस हिरासत में आए तरुण अग्रवाल का परिवार डोंगरगढ़ का मूल निवासी है। शहर में सेठ परिवार के नाम से जाना जाता है। उनका आश्रम भी सेठ बालकिशन प्रसाद अग्रवाल मेमोरियल फाउंडेशन के नाम से है। उनके बड़े भाई ठेकेदारी करते है जो अग्रवाल समाज के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। पिता का बहुत पहले देहांत हो चुका है। एक मंझले भाई की फॉर्च्यून की दुकान है। वर्तमान में आरोपी तरुण कथित गुरु के नाम से प्रचलित है। प्रज्ञागिरी पहाड़ी के पास तरुण अग्रवाल उर्फ सोनू (45 साल) जटाधारी साधु के वेश में रहकर आश्रम चलाता था। तरुण 20 साल से गोवा में था। वहीं से उसने योग सिखा, वहां विदेशियों को योग सिखाता था, डोंगरगढ़ में पिछले डेढ़ साल से साधु के वेश में रह रहा है।
पहले ये 20 साल गोवा में रहा उसने गोवा में योग सीखा वहां विदेशियों को योग सिखाता था और फिर ये डोंगरगढ़ लौट आया।
आश्रम के नाम से प्रकाश झा ने वेब सीरीज बनाई थी और उन्होने कहा था कि वे एक काल्पनिक सीरिज बनाए हैं, मगर सब जानते हैं कि कोई काल्पनिक नहीं है। हम ऐसे बहुत सारे बाबाओं की छवि रोज देखते हैं जो धर्म के नाम पर प्रवचन के नाम पर लोगों को सादगी का लेक्चर देते हैं पर खुद बहुत बड़ी-बड़ी गाडिय़ों में घूमते हैं और राजनीतिक लोग उनके आगे पीछे डोलते हैं। हमारे समाज में बहुत सारे लोगों को लग रहा है कि यह बहुत अच्छा शॉर्टकट है। हम कुछ धर्म की बात करें, हम प्रवचन की बात करें, आध्यात्म की बात करें तो लोग बहुत इंप्रेस होते हैं क्योंकि देश के लोगों में बहुत सारी तकलीफें हैं तो उनको लगता है कि इसका निदान अगर कहीं नहीं हो रहा है तो बाबा या गुरु हैं वो इसे दूर कर देंगे। इनका टारगेट अधिकांश जगह महिलाएं होती हैं जिनसे ये पैसे भी झटकते हैं उनकी वो श्रद्धा में भी पड़ जाती है उनका दैहिक शोषण भी करते हैं।
डोंगरगढ़ जो कि एक धार्मिक स्थान है जहां पर लोग ज्योत जलाने जाते हैं और मां बम्लेश्वरी की आराधना करते हैं। वहां के सोनू अब एक नए तरह के बाबा के रूप में प्रकट हुए और प्रज्ञागिरी पर फार्म हाउस चला रहे थे। आश्रम से पुलिस को सेक्स टॉयस मिले है, उत्तेजना पैदा करने वाली गोली मिली है। अगर ये एक आश्रम है तो वहां पर यह सब चीजें क्यों है। यह लोगों को सोचना पड़ेगा कि बाबा जो है वह कोई बाबा नहीं है वह बाबा के भेष में एक ढोंगी आदमी है। जो जीवन को आराम से काटना चाहता है। उसने एक लबादा जो योग गुरु का या धार्मिक गुरु का है, ओढ़ रखा है। हमारे आपके आसपास ऐसे बहुत सारे तरुण अग्रवाल जैसे लोग हैं। हर भगवा कपड़ा पहना हुआ व्यक्ति, हर दाढ़ी बढ़ाया हुआ व्यक्ति साधु संत या महाराज नहीं होता या पढ़ा-लिखा विद्वान नहीं होता। जिसके प्रति हमारी आस्था है बहुत सारे साधु के वेश में शैतान होते हैं, ठग होते हैं। हमको यह पहचानना है कि हमारी आस्थाओं, हमारे धार्मिक रीति-रिवाज, परंपरा और हमारे भीतर के विश्वास का या हमारे भीतर बहुत सारी जो जिज्ञासाएं हैं, उसको शांत करने वाला व्यक्ति कौन है। ऐसे साधु के वेश में छुपे शैतान और ढोंगी की पहचान करें और अपनी समस्याएं अपनों से साझा करें क्योंकि वह ही आपकी मदद कर पाएंगे।