छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय दस दिवसीय विदेश प्रवास से छत्तीसगढ़ लौट आये हैं। अपने विदेश प्रवास के दौरान उन्होंने छत्तीसगढ़ के औद्योगिक, सांस्कृतिक और सामाजिक विकास से जुड़ी बहुत सी बातों पर चर्चा की। जापान और दक्षिण कोरिया के बड़े निवेशकों से मिलकर उन्हें छत्तीसगढ़ में पूंजी निवेश के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने अपने जापान और दक्षिण कोरिया भ्रमण के दौरान छत्तीसगढ़ में नई तकनीक के साथ औद्योगिक निवेश के लिए चर्चा की।
छत्तीसगढ़ के ब्रांड एम्बेडसर के रुप में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ न केवल प्राकृतिक संसाधनों से संपन्न है, बल्कि यहां का युवा वर्ग मेहनती और कुशल है। कोरियाई कंपनियों के साथ जुड़कर उन्हें स्किलिंग और तकनीकी प्रशिक्षण के नए अवसर मिलेंगे, जिससे प्रदेश की मानव संसाधन क्षमता वैश्विक स्तर पर मजबूत होगी। यह साझेदारी प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई ऊँचाइयों तक ले जाएगी और आने वाले वर्षों में छत्तीसगढ़ आत्मनिर्भरता और वैश्विक साझेदारी का आदर्श उदाहरण बनेगा। छत्तीसगढ़ अपनी प्रो-एक्टिव एवं विकासोन्मुख औद्योगिक नीति 2024-30, प्रचुर प्राकृतिक संसाधनों और प्रशिक्षित जनशक्ति के बल पर वैश्विक निवेश और औद्योगिक सहयोग के लिए पूरी तरह तैयार है। मुख्यमंत्री श्री साय ने निवेशकों को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार सिंगल-विंडो क्लीयरेंस, व्यवसाय सुगमता और उद्योग अनुकूल नीतियों के माध्यम से प्रत्येक निवेशक को हर स्तर पर सहयोग प्रदान करेगी।
अपने आपको छत्तीसगढिय़ा सबले बढिय़ा कहने वाले हमारे बहुत से साथियों को शायद यह नहीं पता होगा कि छत्तीसगढ़ का क्षेत्रफल लगभग 1,35,192 वर्गकिलोमीटर है। भारत का 9वां सबसे बड़ा राज्य है। छत्तीसगढ़ की आबादी जनगणना 2011 के अनुसार लगभग 2.55 करोड़ थी। अनुमानित 2025 में जनसंख्या लगभग 3 करोड़ के करीब है। भारत में जनसंख्या के मामले में छत्तीसगढ़ का स्थान 17वां है। खनिज संपदा की दृष्टि से देखा जाए तो भारत के कुल खनिज उत्पादन में छत्तीसगढ़ का योगदान लगभग 18 प्रतिशत है। राज्य का लगभग 44 प्रतिशत हिस्सा वनाच्छादित है जो कि देश के औसत से कहीं अधिक है। देश के अन्य राज्यों से तुलना की जाए तो छत्तीसगढ़ केरल से लगभग 3.5 गुना बड़ा है। केरल का क्षेत्रफल लगभग 38,863 किमी. पंजाब 50,362 वर्ग किमी, हरियाणा 44212 वर्गकिमी, उत्तराखंड 53483 वर्ग किमी, हिमाचल प्रदेश 55673 वर्ग किमी है। क्षेत्रफल में छत्तीसगढ़ इजराइल से 6 गुना बड़ा है।
छत्तीसगढ़ न केवल भारत का नौवां सबसे बड़ा राज्य है, बल्कि क्षेत्रफल में यह कई प्रमुख भारतीय राज्यों और इजराइल जैसे देशों से भी बड़ा राज्य है। लेकिन आबादी की दृष्टि से यह मध्यम श्रेणी में आता है।
दक्षिण कोरिया के शीर्ष व्यापार संघ के प्रतिनिधियों से बातचीत कर ईवी चार्जिंग स्टेशन निर्माण और उन्नत रेलवे तकनीकों को राज्य में लाने की इच्छा जाहिर की। इसके अलावा खाद्य प्रसंस्करण को लेकर भी चर्चा हुई। उन्होंने ओसाका में आयोजित वल्र्ड एक्सपो 2025 में जाकर छत्तीसगढ़ की प्रस्तुति को देखा। छत्तीसगढ़ में निवेश को आकर्षित करने के लिए मुख्यमंत्री ने यहां की औद्योगिक नीति के बारे में बताया। उनका मानना है कि निवेश से न केवल उद्योग बढ़ेंगे बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार नए अवसर, तकनीकी प्रशिक्षण और कौशल विकास कार्यक्रम भी सक्रिय होंगे। नवंबर 2024 में लागू नई औद्योगिक नीति के तहत अब तक लगभग 6.5 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अपने दक्षिण कोरिया प्रवास के दौरान ग्रीन मोबिलिटी सॉल्यूशंस की अग्रणी कंपनी माडर्न टेक कार्पोरेशन और रेल रखरखाव समाधानों की प्रमुख कोरियाई कंपनी यूनेकोरेल को छत्तीसगढ़ में निवेश और सहयोग के लिए आमंत्रित किया। इस कंपनी के जरिए स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देना, सतत परिवहन अधोसंरचना का निर्माण करना और रेलवे नेटवर्क को मज़बूत बनाना है। प्रदेश में अत्याधुनिक ईवी चार्जिंग मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करने का प्रस्ताव देते हुए कहा कि यह परियोजना राज्य को स्वच्छ ऊर्जा और सतत परिवहन अधोसंरचना के क्षेत्र में नई पहचान दिलाएगी।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने दक्षिण कोरिया प्रवास के दौरान निकोरेल के सीईओ डोंग पिल पार्क से मुलाकात की। यह कंपनी कोरिया की अग्रणी रेल मेंटेनेंस समाधान प्रदाता है।
अपने प्रवास के दौरान छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सियोल में दक्षिण कोरिया के सबसे बड़े व्यापार संगठन कोरिया इंटरनेशनल ट्रेड एसोसिएशन के चेयरमैन जिन सिक युन और वाइस प्रेसिडेंट किम की ह्यून से मुलाकात की। मुख्यमंत्री श्री साय ने छत्तीसगढ़ की औद्योगिक नीति 2024-30, प्राकृतिक संसाधनों और कुशल मानव संसाधन की ताकत को रेखांकित करते हुए निवेश, तकनीकी हस्तांतरण और स्किलिंग के क्षेत्र में संभावनाओं पर विस्तृत चर्चा की।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में आयोजित छत्तीसगढ़ इन्वेस्टर कनेक्ट कार्यक्रम में कोरिया इंटरनेशनल ट्रेड एसोसिएशन और निवेशकों के समक्ष छत्तीसगढ़ में निवेश की संभावनाओं की विस्तार से जानकारी दी।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने सरताज फूड्स, ओसाका को छत्तीसगढ़ में फूड प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने के लिए 11.45 मिलियन डॉलर (100 करोड़) का निवेश प्रस्ताव दिया। यह परियोजना राज्य के फूड प्रोसेसिंग क्षेत्र को नई ऊंचाई देगी, बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन करेगी। बिजनेस-टू-गवर्नमेंट बैठकों के अंतर्गत मुख्यमंत्री श्री साय ने मोराबु हंशिन कंपनी के प्रेसिडेंट एवं रिप्रेजेंटेटिव डायरेक्टर नाओयुकी शिमाडा से भी भेंट की। यह कंपनी कुशल इंजीनियरों, सिस्टम डेवलपमेंट और वर्कफोर्स सॉल्यूशंस के क्षेत्र में अग्रणी है। बैठक में कौशल प्रशिक्षण और वर्कफोर्स एक्सचेंज के क्षेत्र में सहयोग की संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा हुई।
मुख्यमंत्री श्री साय की यह पहली विदेश यात्रा थी जो कि राज्य के विकास के दृष्टिकोण से काफी सुखद और उत्साहवर्धन करने वाली थी। इस यात्रा के परिणाम बाद में दिखाई देंगे। वैसे हम पूर्व में मुख्यमंत्रियों द्वारा की गई विदेश यात्राओं की बात करें तो पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह 2016 में अमेरिका गए थे। जहां सोलर एनर्जी, आईटी, डिफेन्स जैसे ‘सनराइज़ सेक्टर्सÓ में निवेश आमंत्रण दिया था। मई-जून 2017 में 99 दिन के लिए दक्षिण कोरिया व जापान गए। जहां निवेश रोड शो, ऑटो/इलेक्ट्रॉनिक्स/निर्माण में साझेदार खोजे गए। इन यात्राओं के नतीजे स्वरुप 2017 में विदेश रोड शो के दौरान/बाद कई प्रपोज़ल और कुछ एमओयू जैसे एक चीनी मैन्युफैक्चरिंग कंपनी का 9 एसडी 20 मिलियन का एमओयू (स्टेशन वैगन/ऑटो संबंधित) की ख़बरें समाने आई पर परियोजनाओं की ग्राउंडिंग, उत्पादन शुरू होने पर सार्वजनिक, समेकित सरकारी आंकड़े सीमित हैं।
इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल फरवरी 2020 में अमेरिका गए थे। जहां आईटी, एग्रो/फूड प्रोसेसिंग, बायोफ्यूल, टेक्सटाइल, फार्मा, आयुर्वेद आदि में निवेश के लिए आमंत्रण दिया था। एनआरआई/इंडियन-अमेरिकन निवेशकों के साथ मीटिंग्स भी की। दौरे के तुरंत बाद निवेश-राशि/प्लांट-ग्राउंडिंग के ठोस सरकारी आंकड़े सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं हैं।
2016-17 रमन सिंह के रोड शो में ऊर्जा/ऑटो/मैन्युफैक्चरिंग से जुड़े कई इंटेंट/एमओयू हुए थे। कुछ घरेलू निवेश सौदे (2,000 करोड़, 2015) भी समान कालखंड में साइन हुए पर ये सीधे विदेश दौरे से लिंक्ड हैं, ऐसा कहना मुश्किल है। सार्वजनिक पोस्ट-टूर ट्रैकर सीमित है। बघेल के 2020 दौरे में सेक्टर-फोकस व इन्वेस्टर-आउटरीच पर ज़ोर रहा पर सटीक एफडीआई, ग्राउंडेड प्लांट के राज्य-स्तरीय सार्वजनिक डेटा नहीं मिलते। सीएम साया के ताज़ा दौरे में एमओयू/एलओएल सामने आने शुरू हो गए हंै। ओसाका का 9एसडी 11.45 एम साथ ही ईवी चार्जिंग इक्विपमेंट/रेल-टेक के लिए वार्ता आगे बढ़ी है। ये सेक्टर-स्पेसिफि़क औद्योगिकरण की दिशा दिखाते हैं।
मुख्यमंत्रियों के विदेश दौरे निवेश पाइपलाइन बनाते हैं। हर मुख्यमंत्री ने विदेश यात्राओं के जरिए निवेश आकर्षित करने की कोशिश की, लेकिन ज़्यादातर एमओयू या घोषणाओं तक सीमित रही है। रमन सिंह के दौर में विदेशी दौरों से एमओयू-लेवल चर्चाएं हुईं, लेकिन ठोस निवेश अथवा कार्यान्वयन के सार्वजनिक डेटा सीमित हैं। भूपेश बघेल के कार्यकाल में इंडस्ट्री ड्राइव के तहत घरेलू निवेश और एमओयू की संख्या अधिक रही। निवेश प्रस्तावों में 90,000 करोड़ तक थे जबकि 1,513 करोड़ का निवेश स्थापित हुआ।
इन सभी पहलों के साथ स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री साय जी का यह दस दिवसीय प्रवास केवल एक औपचारिक यात्रा नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ के औद्योगिक, सांस्कृतिक और सामाजिक विकास के लिए एक निर्णायक मोड़ है।
मुख्यमंत्री साय की सुखद विदेश यात्रा

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