राजकुमार मल
भाटापारा। सीजन अचार का। मौका मसाले के पास है लेकिन पहली बार पैक्ड मसाले की डिमांड ने बाजार को हैरत में डाला हुआ है क्योंकि तेज कीमत के बावजूद खरीदी बढ़ते क्रम पर है।
भरपूर फसल आम की। खूब आ रहा है नींबू, मिर्च और गाजर। कीमत क्रय शक्ति के भीतर ही है इसलिए घरेलू मांग अचार बनाने के लिए निकली हुई है। इस स्थिति में सरसों तेल और अचार बनाने के काम आने वाले मसाले गर्म हो चले हैं।
340 से 520 रुपए किलो
महंगे हैं पैक्ड मसाले फिर भी उपभोक्ता स्वीकार कर रहे हैं 340 से 520 रुपए किलो जैसी उच्च कीमत। संकेत उस सरसों दाल में भी तेजी के मिल रहे हैं, जो 100 से 140 रुपए किलो जैसी उच्चतम दर पर पहले से ही बनी हुई है। अब आएं सरसों तेल पर, जो 140 180 रुपए किलो पर पहुंची हुई है। तेजी की धारणा इसमें इसलिए व्यक्त की जा रही क्योंकि इसमें अचार बनाने वाली ईकाइयों की मांग का दबाव बना हुआ है।
फसल जोरदार फिर भी…
आम की फसल इस बार जोरदार बताई जा रही है लेकिन मंदी की धारणा से बाजार इसलिए इनकार कर रहा है क्योंकि अमचूर और अचार बनाने वाली ईकाइयों की मांग का दबाव लगातार बना हुआ है। ऐसा ही हाल नींबू का भी बताया जा रहा है, जो अलग-अलग क्षेत्र में भिन्न-भिन्न दर में मिल रहा है। इसमें भी मंदी की धारणा नहीं है क्योंकि गन्ना जूस और शरबत बनाने वालों की भरपूर डिमांड है।
5 से 10 रुपए किलो
सीजन उनका भी चालू है जो अचार के लिए कच्चा आम काटते हैं। छोटा हुआ तो 5 रुपए किलो और बड़ा होने की स्थिति वाले आम की प्रति किलो कटाई 10 रुपए लिए जा रहे हैं। इस दर में तेजी की धारणा इसलिए नहीं है क्योंकि कच्चा आम बेचने वाले विक्रेता यह काम खुद ही कर रहे हैं।
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