“आज की जनधारा” का वार्षिक कैलेंडर और विशेषांक: साहित्य और कला का संगम…

Raipur: आज की जनधारा ने अपने वार्षिक कैलेंडर 2025 का नया संस्करण जारी किया है, जो इस बार कविता पोस्टर पर आधारित है। वार्षिक कैलेंडर में इस बार आज की जनधारा के रविवारी अंक में प्रसारित है इस कैलेंडरमें चुनिंदा कविताओं को पोस्टर के रूप में प्रस्तुत किया गया है। इन कविता पोस्टरों को श्री अरुण काठोटे ने तैयार किया है, जिनमें प्रमुख कवियों की रचनाएँ शामिल हैं, इन कवियों के नाम केदारनाथ अग्रवाल, उदय प्रकाश, वीरेन डंगवाल, बोधिसत्व, नज़ीर अकबराबादी, निदा फ़ाज़ली, भवानी प्रसाद मिश्र, नरेश सक्सेना, कुंवर नारायण, कात्यायनी, एकांत श्रीवास्तव, कैफ़ी आज़मी, आलोक धन्वा, बच्चा लाल “उन्मेष”, राजेश रेड्डी, जसिंता केरकेट्टा, गुलजार, गोपालदास नीरज, चित्रा पवार, पूनम वासम, विमलेन्दु, और शुभा की कविताएं शामिल की गयी है ।


calendar 2025_final

इससे पहले भी आज की जनधारा ने प्रतिष्ठित पेंटिंग पर आधारित कैलेंडर जारी किया था, जिसमें स्वर्गीय प्रभु जोशी और सुनीता वर्मा की पेंटिंग्स शामिल थीं। पिछले कुछ वर्षों से जनधारा ने साहित्य और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि पर आधारित इसी तरह के विशेष कैलेंडर जारी किए हैं, जो कला और साहित्य के बीच की गहरी साझेदारी को दर्शाते हैं।

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आज की जनधारा पिछले तीन वर्षों से लगातार साहित्यिक विशेषांक भी प्रकाशित कर रहा है। इस बार का विशेषांक प्रेम,विशेषांक, “प्रेम अगम और अपरिभाष्य अनुभव” पर आधारित होगा, जिसे वैलेंटाइन डे के अवसर पर जारी किया जाएगा। पिछले विशेषांकों में “ग्लोबल गाँव में स्त्री”, “आज़ादी के 75 वर्ष”, “हिंदी साहित्य और सूचना-सभ्यता के स्वपनपाश ” जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर प्रकाश डाला गया था। इन विशेषांकों के संपादक प्रसिद्ध साहित्यकार भालचंद जोशी हैं।

आज की जनधारा का यह प्रयास साहित्य, कला और संस्कृति के समन्वय को बढ़ावा देता है, जिससे पाठकों और कला प्रेमियों को एक नया दृष्टिकोण मिलता है।

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