सूरजपुर/12 दिसंबर 2024/ अभियान का प्रतापपुर विधायक श्रीमती शकुन्तला पोर्ते ने किया शुभारंभ। कलेक्टर श्री एस० जयवर्धन के निर्देशानुसार प्रतापपुर विकासखंड के दूरस्थ ग्राम गोविंदपुर में महिला एवं बाल विकास विभाग और यूनिसेफ के संयुक्त तत्वावधान में बाल विवाह मुक्त सूरजपुर अभियान के अंतर्गत प्रतापपुर विकासखंड को बाल विवाह मुक्त बनाने का शुभारंभ किया गया। यह कार्यक्रम गोविंदपुर पंचायत प्रतापपुर विकासखंड में आयोजित किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य किशोरियों के सशक्तिकरण और बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराई से क्षेत्र को मुक्त करना था।
मुख्य अतिथि के रूप में माननीय विधायक प्रतापपुर विधानसभा श्रीमती शकुंतला सिंह पोर्ते उपस्थित रहीं। उन्होंने छत्तीसगढ़ महतारी की छाया चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। विधायक ने अपने संबोधन में बाल विवाह के दुष्प्रभावों पर चर्चा करते हुए कहा कि जैसे राजा राम मोहन राय ने सती प्रथा के खिलाफ समाज को जागरूक कर उसे समाप्त किया था वैसे ही हमें प्रतापपुर और सूरजपुर जिले को बाल विवाह मुक्त बनाना होगा। सभी को अपने-अपने हिस्से के दायित्व का निर्वहन करना पडेगा। बाल विवाह से बालिका का सर्वांगीण विकास बाधित होता है हमें अपने क्षेत्र को बाल विवाह मुक्त बनाना है इसके लिए सभी जनप्रतिनिधि अधिकारी कर्मचारी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं आमजन के सहयोग की अपेक्षा है। उन्होंने उपस्थित जनसमूह स्कूल के बच्चों अधिकारियों कर्मचारियों और ग्रामवासियों को अपने गांव, समाज, ब्लॉक और जिले को बाल विवाह मुक्त करने की शपथ दिलाई।
जिला कार्यक्रम अधिकारी रमेश साहू ने कार्यक्रम के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए बाल विवाह की रोकथाम के लिए किए जाने वाले प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने कार्यक्रम को सफल बनाने में विधायक के सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया।
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जिला बाल संरक्षण अधिकारी श्री मनोज जायसवाल ने बाल विवाह को एक अभिशाप और कानूनी अपराध बताते हुए इसके उन्मूलन के लिए प्रयासों पर जोर दिया। उन्होंने बच्चों को बाल विवाह रोकथाम के ब्रांड एंबेसडर बनने के लिए प्रेरित किया और पंचायत स्तर पर बाल संरक्षण समितियों से जुड़ने का आह्वान किया। साथ ही बच्चों के अधिकारों की रक्षा और बाल विवाह रोकने के लिए विवाह पंजीकरण के महत्व पर चर्चा की। उन्होंने बताया की प्रत्येक विवाह का पंजीयन अपने ग्राम पंचायत के सचिव के पास अवस्य करायें। बेटियों को खूब पढायें उसके अधिकारों को बतायें तब उसका विवाह की साँचें। बिटिया पढेगी तब दुनियां को गढ़ेगी। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के अंतर्गत विवाह में शामिल होने वाले अनुमति देने वाले आयोजन का संपन्न कराने वाले सभी के ऊपर उपरोक्त अधिनियम के अंतर्गत कार्यवाही किया जाना प्रस्तावित है अधिनियम के अंतर्गत सभी के विरूद्ध दो वर्ष कारावास एवं एक लाख जुर्माना के प्रावधान दिये गये हैं इसलिए गांव में किसी भी स्थिति में ना हो इसे सभी मिल कर सुनिश्चित करें। कार्यक्रम में गुड टच और बैड टच की पहचान के संबंध में और पॉक्सो एक्ट के तहत बच्चों की सुरक्षा के कानूनी प्रावधानों के बारे में जानकारी दी गई। यूनिसेफ के जिला समन्वयक श्री प्रथमेश मानेकर ने बाल विवाह के कारणों और इसके दुष्प्रभावों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि बाल विवाह की रोकथाम के लिए वैधानिक प्रावधानों जुर्माना और सजा की जानकारी देना आवश्यक है। उन्होंने सभी से बाल विवाह रोकने के लिए सामूहिक प्रयास करने और इसे जन आंदोलन का रूप देने की अपील की।
परियोजना समन्वयक चाइल्ड लाइन से कार्तिक मजूमदार ने चाइल्ड लाइन की सेवाओं की जानकारी देते हुए बताया कि 1098 चाइल्ड हेल्पलाइन 181 महिला हेल्पलाइन और 100 पुलिस हेल्पलाइन जैसी टोल फ्री सेवाएं बच्चों और महिलाओं की सहायता के लिए उपलब्ध हैं।
कार्यक्रम में बाल विवाह मुक्त अभियान थीम पर स्कूल के बच्चों द्वारा एक नाटक प्रस्तुत किया गया। इस नाटक के माध्यम से समाज में व्याप्त कुरीतियों को उजागर करते हुए इन्हें समाप्त करने का संदेश दिया गया। कार्यक्रम में चित्रकारी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें बच्चों ने बाल विवाह के दुष्प्रभावों को चित्रों के माध्यम से प्रदर्शित किया।
महिलाओं के लिए कुर्सी दौड़ प्रतियोगिता आयोजित की गई जिसमें विजेता प्रतिभागियों को मुख्य अतिथि विधायक महोदय द्वारा पुरस्कार प्रदान किए गए।
उक्त अवसर पर जिला कार्यक्रम अधिकारी रमेश कुमार साहू, जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल नायब तहसीलदार संजय शर्मा, विकासखंड शिक्षा अधिकारी मुन्नू धुर्वे, मुख्य कार्यपालन अधिकारी राधेश्याम मिर्झा यूनिसेफ से प्रथमेश मानेकर, सीडीपीओ संतोषी सिंह, जिला बाल संरक्षण इकाई से अमित भारिया, जैनेन्द्र दुबे, पवन धीवर, परियोजना समन्वयक चाइल्ड लाइन कार्तिक मजूमदार चाइल्ड लाइन से कुमारी शितल सिंह, प्रकाश राजवाडे, जनार्दन यादव, और दिनेश यादव गोविन्दपुर सरपंच बोंगा सरपंच राकेश मोहन मिश्रा एसएचजी समूह की महिलाए आंगनवाडी कार्यकर्ताओं पंचायत सचिव शिक्षक वर्ग छात्र छात्राएं एएनएम मितानिन परियोजना प्रतापपुर के समस्त पर्यवेक्षक उपस्थित थे। कारणों और इसके दुष्प्रभावों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि बाल विवाह की रोकथाम के लिए वैधानिक प्रावधानों जुर्माने और सजा की जानकारी देना आवश्यक है। उन्होंने सभी से बाल विवाह रोकने के लिए सामूहिक प्रयास करने और इसे जन आंदोलन का रूप देने की अपील की।