पार्षद ने की उच्च स्तरीय जांच की मांग
दिलीप गुप्ता
सरायपाली। नगर में निर्माणाधीन व बहुप्रतीक्षित गौरव पथ अपने निर्माण समय से ही विवादों में रहा है । आये दिन कोई न कोई भ्रष्टाचार , अनियमितता , सड़क , नाली , लेटलतीफी , धूल धक्कड़ आदि को लेकर शिकायत आती रही है । पूर्व में विधायक चातुरी नंद द्वारा धरना प्रदर्शन किया गया था । एसडीएम द्वारा भी काम शीघ्र किये जाने की समझाइश दी गई थी । अब नगरपालिका के पार्षद गुंजन अग्रवाल मुख्यमंत्री के साथ ही अनेकों को पत्र लिखकर निर्माणाधीन गौरव पथ में बरती जा रही अनियमितताओ की उच्च स्तरीय जांच की मांग की गई है।
इस संबंध ने भेजे गए पत्र में पार्षद गुंजन अग्रवाल ने कहा है कि गौरव पथ निर्माण नगर पालिका क्षेत्र के अंतर्गत हो रहा है जिसमें भारी अनियमिताएं देखने को मिल रही है नगरी निकाय के संचालक द्वारा इसी सम्बंध में उप अभियंता को निलंबित किया गया है और निलंबन पत्र में स्पष्ट किया गया है कि ठेकेदार द्वारा डिवाइडर की ऊंचाई जो 90 सेंटीमीटर होनी थी उसे मात्र 60 सेंटीमीटर बनाया गया है. ठेकेदार द्वारा मनमानी करते हुए नालियों को अधूरा छोड़ दिया गया है जिससे झिलमिला का तालाब दूषित हो रहा है, एस्टीमेट के अनुसार नाली 1म1 मीटर होनी चाहिए जिसे ठेकेदार द्वारा लाभ पाने के लिए जगह जगह बिना अप्रूवल के मनमानी करते हुए 2म1 मीटर का बना दिया गया है. जिस जगह नाली की ऊंचाई ज्यादा की गई है वहां सड़क को ज्यादा काटना पड़ेगा और ठेकेदार को उसका खर्च ज्यादा वहन करना पड़ेगा राशि बचने जे चक्कर मे ठेकेदार द्वारा नाली की ऊंचाई को बढ़ा दिया गया है.नाली की ऊंचाई लगभग 3 फीट की होनी थी उसे लगभग 7 फीट कर दिया गया है जिसका प्रत्यक्ष प्रमाण देखा जा सकता है.बिना किसी अप्रूवल और गुणवत्ता के नाली की ऊंचाई को यूं बढ़ा देना कई दुर्घटनाओं को निमंत्रण देना है, इस वजह से ठेकेदार द्वारा आम जनता की जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। जगह जगह रोड एवं नाली के लिए सड़क को काट कर छोड़ दिया गया है जिस वजह से रोज़ दुर्घटना हो रही है. धुल की वजह से अस्थमा एवं चर्म रोग जैसी भयंकर बिमारीयो से आम जनता ग्रसित हो रहे है । गिट्टी डाल कर छोड़ दिए जाने से मोटर साइकिल से चलने वाले लगातार दुर्घटना के शिकार हो रहे है.पूर्व में भी शासन द्वारा जाँच की कार्यवाही की गयी थी जिसमे कई अनियमितताए पाई गयी थी उसके बाद भी ठेकेदार के द्वारा निम्न स्तर का काम किया जा रहा है. किसकी शह पर इनके हौंसले बुलंद है ये समझ से परे है.
ठेकेदार द्वारा इस तरह का कृत्य किए जाने से आमजन मे अत्याधिक रोष है साथ ही भ्रष्टाचार से छत्तीसगढ़ शासन की छवि को धूमिल किया जा रहा है और शासन का भी करोड़ों रुपए का नुकसान किया जा रहा है. ऐसा प्रतीत होता है की किसी साजिश के तहत छत्तीसगढ़ शासन को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। पत्र में मांग करते हुवे कहा गया है कि ठेकेदार के ऊपर भ्रष्टाचार किए जाने के लिए कार्यवाही की जाए और ठेकेदार से भ्रष्टाचार के तहत बचाई गई राशि वसूली की जाए साथ की नियमानुसार नाली की ऊंचाई को कम करवाने का आदेश दिया ताकि भविष्य में संभावित दुर्घटना होने से बचा जा सके.
पत्र में पार्षद गुंजन अग्रवाल ने कहा है कि आम जनता की जान से खिलवाड़ करने वाले ठेकेदार पर प्रकरण दर्ज कर छत्तीसगढ़ शासन की निर्देशानुसार गुणवत्ता युक्त निर्माण कार्य करवाया जाए। साथ ही उच्च स्तरीय जांच होने तक ठेकेदार के भुगतान पर पूरी तरह से रोक लगाई जाए ।