0 खनिज न्यास निधि में भ्रष्टाचार कर अधिकारी व नेताओं के हुए वारे न्यारे
भानुप्रतापपुर। जिले में खनिज न्यास निधि से हुए भ्रष्टाचार की खबरों से जनता अंजान नहीं है। आए दिन खनिज निधि के निर्माण कार्यों की खराब गुणवत्ता व सामग्री खरीदी में भ्रष्टाचार होने की शिकायतें मिलती रहती है। अधिकारी व ठेकेदारों की मिलीभगत से खनिज निधि में करोड़ो की राशि का बंदरबांट किया जा रहा है। ऐसा ही एक मामला ग्राम पंचायत भोडिया में सामने आया है। यहाँ के पूर्व माध्यमिक शाला में अतिरिक्त कक्ष का निर्माण जिला खनिज संस्थान न्यास निधि द्वारा 2021- 22 में 10 लाख से करवाया गया। इसकी गुणवत्ता इतनी खराब है कि 2 वर्षों में ही भवन पूरी तरह से कंडम हो गया है। भवन की दीवारें ढहने लगी हैं, छत से पानी टपक रहा है, वहीं फ्लोर और खिड़किया पूरी तरह उखड़ गए है। बच्चों को पुराने अतिरिक्त कक्ष में बैठाने की नौबत आ गयी है। ठेकेदार से वसूली व उसपर कार्यवाही के बजाय अधिकारी इस भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने में लगे हुए हैं।
ज्ञात हो कि जिला खनिज निधि के निर्माण कार्यों में गुणवत्ता का कोई माप दंड नहीं है। अधिकारियों को जितनी मोटी कमीशन उतनी ही खराब गुणवत्ता। इसी तरह भोडिया में भी स्कूल भवन निर्माण में गुणवत्ताहीन कार्य हुआ है। इस कार्य के लिए निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत भोड़िया को बनाया गया था। लेकिन निर्माण के समय में ग्राम पंचायत द्वारा गुडवत्ता पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। जिस कारण अतिरिक्त कक्ष भवन लोकार्पण से पहले जर्जर हो गया था वहीं अब भवन पूरी तरह कंडम हो गया है। भवन निर्माण के लिए जितनी राशि आई रहती है उसके आधे राशि में ही भवन का निर्माण किया जाता हैं बाकी राशि को विभाग के अधिकारी व जनप्रतिनिधि मिल कर कमीशनखोरी में डकार जाते हैं। सूत्रों की माने तो जनपद पंचायत के निर्माण कार्यों में मुख्य कार्यपालन अधिकारी को 3 प्रतिशत, लेखपाल को 1 प्रतिशत, एकाउंटेंट को 1 प्रतिशत, इंजीनियर को 3 प्रतिशत व एसडीओ को 2 प्रतिशत कमीशन के रूप में दिया जाता है।
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शिक्षा के मन्दिर का भी नहीं किया सम्मान
ग्राम पंचायत भोडिया के माध्यमिक शाला का भवन कई वर्षों पूर्व जर्जर हो चुका था और ग्रामीण नए भवन की मांग लम्बे समय से करते आ रहे थे। खनिज निधि से जब अतिरिक्त कक्ष हेतु स्वीकृति मिली तो ग्रामीणों को लगा कि अब बच्चों को पढ़ाई के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा। लेकिन शिक्षा के इस मंदिर में भी अधिकारी व ठेकेदार भ्रष्टाचार से नहीं कतराए। भवन की गुणवत्ता खराब होने के चलते 1 साल भी नहीं टिक सकी। मजबूरीवस बच्चों को प्राथमिक शाला के अतिरिक्त कक्ष में बिठाना पड़ रहा है जो पहले से ही जर्जर स्थिति में है। नए पर कंडम भवन में शिक्षकगण स्टाफ रूम बना कर बैठ रहे हैं लेकिन भवन की स्थिति ऐसी है कि कोई बड़ी दुर्घटना कभी भी हो सकती है।