छत्तीसगढ़ में डाटा सेंटर की कमीः डिजिटल एक्सपर्ट डा. संदीप धूपड़

छत्तीसगढ़ में डाटा सेंटर की कमी

0 सर्वर डाउन और लिंक फेल की समस्या बनी चुनौती
0 डिजिटल इंडिया में डाटा सेंटर की बढ़ती आवश्यकता

रायपुर। छत्तीसगढ़ समेत पूरे भारत में डाटा सेंटर की कमी से बैंकिंग, रेलवे, एयरलाइंस और सरकारी सेवाओं में सर्वर डाउन और लिंक फेल जैसी समस्याएं आम हो गई हैं। देश में वर्तमान में 2018 मे 275 से बढ़कर अब 1500 से भी कम डाटा सेंटर हैं, जबकि डिजिटलाइजेशन और ऑनलाइन सेवाओं की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए वहीं 2018 में 40,000 डाटा सेंटरों जो अब एक लाख से ज्यादा की जरूरत है। इस कमी का असर न केवल सेवाओं की गुणवत्ता पर पड़ रहा है, बल्कि डाटा सुरक्षा पर भी खतरा मंडरा रहा है। डाटा सेंटर की कमी का सीधा असर छत्तीसगढ़ में डाटा सेंटर की कमी का सबसे बड़ा प्रभाव बैंकिंग और अन्य महत्वपूर्ण सेवाओं जैसे रेलवे बुकिंग के द्वारान देखा जा सकता है।
अक्सर बैंक में काम करवाने के दौरान सर्वर डाउन और लिंक फेल की समस्या सामने आती है। जिससे की ना तो बैलेंस देखा जा सकता हैं और ना ही पासबुक अपडेट होती है। राज्य का अधिकांश डाटा दूसरे राज्यों या विदेशों में स्टोर होता है, जिससे सेवाओं में अक्सर रुकावटें आती हैं। डिजिटल एक्सपर्ट डॉ. संदीप धूपड़ के अनुसार, छत्तीसगढ़ में डाटा सेंटर की कमी ने तकनीकी समस्याओं को और बढ़ा दिया है। देश में डाटा सेंटरों की भारी कमी : चीन जैसे देश ने पिछले 20 सालों में अपने सभी डाटा को देश के अंदर ही स्टोर करने की व्यवस्था की है, जबकि भारत अपने महत्वपूर्ण डाटा को उत्तर अमेरिका और अन्य देशों में स्टोर करता है। इससे न केवल सेवाओं में देरी होती है, बल्कि सुरक्षा भी प्रभावित हो सकती है।
डिजिटलाइजेशन के इस दौर में भारत में अधिक डाटा सेंटरों की कमी देश की सुरक्षा और दक्षता दोनों के लिए खतरा है। विशेषकर, बैंकिंग, हेल्थकेयर, ई-कॉमर्स और सरकारी सेवाओं में सर्वर डाउन की घटनाएं आम हो गई हैं, जिससे सेवाओं में रुकावट आती है। \क्च डिजिटल इंडिया में डाटा सेंटर की कमी: बड़ी चुनौती डिजिटल एक्सपर्ट डॉ. संदीप धूपड़ ने कहा कि डिजिटल इंडिया की बढ़ती आवश्यकताओं के बावजूद, हमारे देश में डाटा सेंटरों की भारी कमी है। रोजाना उत्पन्न होने वाले डेटा को सुरक्षित स्टोर करने और आसानी से एक्सेस करने के लिए पर्याप्त डाटा सेंटर होना जरूरी है। वैसे तो हाइपर डाटा सेंटर एक आधुनिक डाटा सेंटर होता है जिसकी इस देश को अत्यंत आवश्यकता है फिलहाल, हमें अपना डेटा विदेशों में स्टोर करना पड़ता है, जिससे उसकी सुरक्षा और रिकवरी में भी समस्या आती है। छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में अगर एज डाटा सेंटर के आने से इस कमी जैसे लिंक फेल और सर्वर डाउन की समस्याएं दूर हो जाएगी लेकिन अब तक इस पर कोई निर्णय लेना अभी भी बाकी है। हाइपर स्केल डाटा सेंटर और ईडीसी जैसे आधुनिक समाधान इन समस्याओं को दूर करने में मददगार साबित हो सकते हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ में अब तक हाइपर स्केल डाटा सेंटर व ईडीसी मौजूद नहीं है। युवाओं के लिए रोजगार के अवसर साइबर एक्सपर्ट, प्रदेश में डाटा सेंटर का विकास राज्य की डिजिटल प्रगति में अहम भूमिका निभा सकता है। इसके साथ ही, युवाओं के लिए नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था भी सशक्त होगी। छत्तीसगढ़ जैसे राज्य को तेजी से डाटा सेंटर की जरूरत है ताकि सर्वर और लिंक फेल जैसी समस्याओं से निजात मिले और राज्य को तकनीकी रूप से मजबूत बनाया जा सके। इसके साथ ही, युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर और डाटा सुरक्षा के लिहाज से यह कदम बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा। हालांकि, अक्सर नेटवर्क की समस्या के कारण यह सेवाएं बाधित हो जाती हैं, जिससे आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ता है।विशेषकर ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में नेटवर्क की कमी और तकनीकी दिक्कतों के कारण लोगों को बुनियादी सुविधाएं मिलने में देरी होती है। इसका सीधा असर गरीब और जरूरतमंद लोगों पर पड़ता है, जिन्हें समय पर सुविधाएं नहीं मिल पातीं। इस समस्या को दूर करने के लिए डाटा सेंटर की क्षमता बढ़ाने और नेटवर्क इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की आवश्यकता है, ताकि आम जनता को सरकारी सेवाओं का बिना रुकावट के लाभ मिल सके। इतना ही नहीं आने वाले समय में ्रढ्ढ – आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ड्रोन डिलीवरी या ड्राइवर लेस कार तभी चल पाएगी जब पर्याप्त मात्रा में किसी स्थान पर डाटा सेंटर होंगे।

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