Editor-in-Chief सुभाष मिश्र की कलम से – चुनाव में बढ़ता बेनामी खर्च और महंगे होते चुनाव
-सुभाष मिश्र कोई गरीब ईश्वर तभी चुनाव लड़ सकता है जब उसके बेटे की हत्या हो गई हो और उसका इल्जाम ऐसे लोगोंं पर हो जो इस घटना को सहानुभूति के साथ जातिगत और साम्प्रदायिक रुप में वोट में बदलकर एक ऐसा नेरेटिव बना सके, जो किसी पार्टी को तत्कालिक रुप से लाभ का सौदा […]
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