Elections

BJP हेमंत की भाभी हुई भाजपा में शामिल

BJP हेमंत की भाभी हुई भाजपा में शामिल, दुमका से लड़ सकती हैं चुनाव

0 सीता सोरेन, चंपाई सोरेन सरकार में मंत्री नहीं बनाए जाने से नाराज थीं रांची। झारखंड में बड़ी सियासी उठापटक देखी जा रही है। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भाभी और झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) की विधायक सीता सोरेन ने जेएमएम के सभी पदों और राज्य विधानसभा से इस्तीफा देने के बाद मंगलवार को […]

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Editor-in-Chief सुभाष मिश्र

Editor-in-Chief सुभाष मिश्र की कलम से – एक साथ चुनाव : वक्त की जरूरत या सियासी उपज

-सुभाष मिश्र एक देश एक इलेक्शन को लेकर गठित कोविंद कमेटी ने अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंप दी है। 18 हजार 626 पन्नों वाली ये रिपोर्ट 191 दिन की रिसर्च का नतीजा है। इस रिपोर्ट को तैयार करने के दौरान 47 राजनीतिक दलों की राय ली गई है। इनमें से 32 ने एक

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Editor-in-Chief सुभाष मिश्र

Editor-in-Chief सुभाष मिश्र की कलम से- जाति के जाल से मुक्त नहीं होगा चुनाव

-सुभाष मिश्र देश आम चुनाव की दहलीज पर है तमाम बड़े नेता वादों दावों की झड़ी लगाते नजर आ रहे हैं। वहीं जाति और क्षेत्रवाद का जाल भी बढ़ते जा रहा है। इस जाल से कौन से दल को कितना वोट फंसाने में कामयाबी मिलती है, ये देखने वाली बात होगी लेकिन कोशिश तो हर

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Editor-in-Chief सुभाष मिश्र

Editor-in-Chief सुभाष मिश्र की कलम से – चुनाव में बढ़ता बेनामी खर्च और महंगे होते चुनाव

-सुभाष मिश्र कोई गरीब ईश्वर तभी चुनाव लड़ सकता है जब उसके बेटे की हत्या हो गई हो और उसका इल्जाम ऐसे लोगोंं पर हो जो इस घटना को सहानुभूति के साथ जातिगत और साम्प्रदायिक रुप में वोट में बदलकर एक ऐसा नेरेटिव बना सके, जो किसी पार्टी को तत्कालिक रुप से लाभ का सौदा

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Editor-in-Chief सुभाष मिश्र

Editor-in-Chief सुभाष मिश्र की कलम से – हलाल या हराम: चुनाव तक है ये कोहराम

-सुभाष मिश्र कहावत है कि मुर्गा अपनी जान से जाये, खाने वाले को मजा न आये। मुर्गा या अन्य कोई जानवर जिसे खाने से आपका धर्म, संस्कार बाधित नहीं होता, उसे आप अपनी खान-पान की पद्धति जलवायु और उपलब्धता के आधार पर खाते हैं। बहुत सारे लोगों को मांसाहार कतई नहीं भाता वे शाकाहारी, फलहारी

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Editor-in-Chief सुभाष मिश्र

Editor-in-Chief सुभाष मिश्र की कलम से – चुनाव, तकनीक और ‘खिलवाड़’

-सुभाष मिश्र आज कुछ चर्चित मुद्दों की बात एक साथ करेंगे। पहले बात छत्तीसगढ़ में पहले चरण के मतदान की, यहां बस्तर, राजनांदगांव और कवर्धा क्षेत्र की 20 सीटों पर चुनाव हुआ। नक्सलियों की धमकी के बाद भी ज्यादातर विधानसभा क्षेत्रों में लोगों ने जमकर मतदान किया। अपने मताधिकार का उपयोग करते हुए लोगों ने

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Editor-in-Chief सुभाष मिश्र

Editor-in-Chief सुभाष मिश्र की कलम से – चुनाव में निजीकरण का मुद्दा

– सुभाष मिश्र छत्तीसगढ़ में हो रहे चुनाव में वैसे तो स्थानीय मुद्दे हावी हैं, लेकिन इन प्रादेशिक मुद्दों के साथ ही बस्तर में एक मुद्दा ऐसा है जिस पर बात हो रही है वो राष्ट्रीय महत्व का है। हम बात कर रहे हैं नगरनार स्टील प्लांट के संबंध में जहां कांग्रेस का आरोप है

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From the pen of Editor-in-Chief Subhash Mishra

Editor-in-chief सुभाष मिश्र की कलम से-विकास नहीं इन मुद्दों पर होगा चुनाव !

-सुभाष मिश्र   2023 और 24 के चुनावों से पहले भाजपा जिस तरह कदम उठा रही है उससे समझा जा सकता है कि पार्टी किन मुद्दों पर फोकस करते हुए चुनावी समर में ताल ठोंक सकती है। एक तरफ तो दावा किया जा रहा है कि मोदी सरकार ने विश्वभर में भारत को एक अलग

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Editor-in-Chief

Editor-in-Chief सुभाष मिश्र की कलम से -चुनाव में धान और शराब बनेंगे बड़े मुद्दे !

From the pen of Editor-in-Chief Subhash Mishra – Paddy and liquor will become big issues in the elections! – सुभाष मिश्र प्रधानमंत्री मोदी के छत्तीसगढ़ दौरे के बाद से प्रदेश की सियासी फिजां बदल गई है और ये पूरी तरह चुनावी मोड में शिफ्ट होते नजर आ रही है। चुनाव से पहले जिस तरह की

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Editor-in-Chief सुभाष मिश्र की कलम से – चुनाव से पहले दावे और हकीकत !

From the pen of Editor-in-Chief Subhash Mishra – Claims and reality before elections! – सुभाष मिश्र अगले 12 महीने प्रदेश और देश का माहौल चुनावमय रहेगा। इसके मद्देनजर छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय स्तर के नेताओं का आना-जाना शुरू हो गया है। खासतौर पर केन्द्रीय मंत्री लगातार प्रदेश के दौरे पर आ रहे हैं। हाल ही में

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