Editor-in-Chief सुभाष मिश्र की कलम से – अश्लीलता का बाजार और बदनामी का भय

Editor-in-Chief सुभाष मिश्र

-सुभाष मिश्र

हमारे देश में आजकल अश्लीलता का बाजार बढ़ता जा रहा है। अश्लीलता को ग्लैमराइज किया जा रहा है। ऐसे में एक शब्द अक्सर सुनने को मिलता है हनी ट्रैप। आजकल लोग बड़ी तादाद में हनी ट्रैप में फंस रहे हैं। वैसे तो हम सुनते आ रहे हैं कि हनी ट्रैप का उपयोग जासूसी के लिए, दूसरों की गुप्त जानकारी हासिल करने या फिर कभी-कभी किसी को ब्लैकमेल करने के लिए किया जाता रहा है। लोग एक देश से दूसरे देश में जासूसी करने, गुप्त जानकारियों को निकालने के लिए इसका प्रयोग करते रहे हैं। हमारी पौराणिक कथाओं में साधुओं और ऋषियों का तप भंग करने या किसी राजा या बड़े व्यक्ति को सम्मोहित कर अपने जाल में फंसाने के लिए विषकन्याओं का भी जिक्र मिलता है। ये विष कन्याएं उन्हें अपने मोहपाश के जाल में फंसाकर उनकी सारी गुप्त जानकारियां हासिल कर लिया करती थीं। बाद में ये काम मीडिया के ज़रिए बहुत से लोग कर रहे हैं। अब विष कन्याएं एस्कॉर्ट्स, लाईजनर कहलाती हैं। यह सोशल मीडिया का दौर है, इसमें बहुत सारे हनी ट्रैप के मामले दिख रहे हैं। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार की घटना में सामने आया कि इसमें एक हेड कांस्टेबल हनी ट्रैप का मास्टर माइंड है। सैक्स और ब्लैकमैलिंग की हालिया घटनाओं में कोई इंजीयरिंग कालेज का छात्र है, तो कहीं कोई मेडिकल का स्टूडेंट शामिल है। अश्लीलता के बढ़ते कारोबार के बीच हरिशंकर परसाई की एक लघुकथा याद आती है जिसका शीर्षक है -अश्लील पुस्तक। ये लघुकथा क्या है जो आज से 50 साल पहले लिखी गई।
शहर में शोर था कि अश्लील साहित्य का बहुत प्रचार हो रहा है। अखबारों में समाचार छपते थे और लोगों के पत्र प्रकाशित होते थे कि सड़कों के फुटपाथ पर अश्लील पुस्तकें बिकती हैं। समाज के 10-12 युवकों ने एकजुट होकर निर्णय लिया कि ऐसा साहित्य हमें जहां भी बिकता हुआ मिलेगा। हम उसे छीन लेंगे और उसकी सार्वजनिक होली जलाएंगे। टीम ने एक पुरानी पुस्तक की दुकान में अचानक छापा मारा, जहां से 20-25 पुस्तकें बरामद हुईं। इनकी तादाद इतनी थी कि हर एक युवक के हाथ में 3-4 किताबें ही आईं। इस पर उनके मुखिया ने ऐलान किया कि कल इसकी सूचना किसी अखबार को देकर परसों निर्धारित स्थान पर इसकी सार्वजनिक होली जलाएंगे। इसका प्रचार करने का फायदा समाज के युवकों को भी मिलेगा। कल सभी लोग मेरे घर पर मुझसे मिलो। अब सवाल किताबों का उठा तो उन्होंने कहा कि हर किसी के पास 3-4 किताबें ही तो हैं। आप लोग इनको छिपाकर अपने-अपने घर ले जाइए। नहीं तो अगर बाबा या फिर चाचा देख लेंगे तो मुसीबत हो जाएगी। सभी अपने-अपने घर चले गए। दूसरे दिन सभी निर्धारित समय पर उनके घर पर तो पहुंचे मगर किताबें कोई भी साथ नहीं लाया था। मुखिया ने कहा कि सभी अपनी-अपनी किताबें यहां रखे बोरे में जमा कर दो। इनको कल सार्वजनिक जगह पर ले जाकर जलाएंगे। मगर यहां तो कोई किताबें लाया ही नहीं था। इन लोगों ने बताया कि वे लोग अभी किताबें पढ़ रहे हैं। ऐसे में उन लोगों ने मशविरा दिया कि कल तक पढ़ लेंगे तो परसों जलाएंगे। तीसरे दिन भी कोई किताब नहीं लाया। एक ने कहा कि यार….किताब तो पापा के हाथ लग गई है। तो दूसरे ने कहा कि हमारी वाली किताब तो अंकल जी पढ़ रहे हैं। अब वे पढ़ लेंगे तभी तो लाऊँगा? तीसरे ने कहा कि भाभी उठाकर ले गई है। कहा है कि दो-तीन दिनों में पढ़कर लौटा देगी। चौथे ने कहा कि पड़ोस की चाची मेरी किताबें उठाकर ले गईं हैं, पढ़ लें तो दो-तीन दिनों में जला देंगे। अश्लील पुस्तकें कभी नहीं जलाई गईं, बल्कि वे अब और भी सुरक्षित तरीके से पढ़ी जा रही हैं। ये कहानी आज से 50 साल पहले लिखी गई थी और आज हम उसकी बात उस समय में कर रहे हैं जब हमारे पास बेहद अत्याधुनिक टेक्नॉलॉजी है। इस तकनीकी युग में अश्लीलता का बाजार बढ़ता जा रहा है, पर हमें बदनामी का भय है। हम अश्लीलता का मजा तो लेना चाहते हैं, मगर हम चाहते हैं कि हमारी बदनामी भी न हो? इसी बदनामी को लोग भुना रहे हैं यानि इसी का भय दिखाकर ब्लैकमेल कर रहे हैं। छोटे से लेकर बड़े शहरों में भी ये धंधा बदस्तूर फल-फूल रहा है।
कहा जाता है अशालीनता की धरती पर ही अश्लीलता पैदा होती है। अब ये अशालीनता क्या है? ये शालीनता क्या है? इसमें एक बड़ा ही बारीक सा अंतर है। जब से ये सारी चीजें बाजार में आई है तो अश्लीलता हमारे समाज में हमेशा से एक रहस्यमयी चीज रही है। हम इस पर कभी भी खुलकर बात नहीं करते हैं। हमें बदनामी का भय है। जैसा कि हरिशंकर परसाई की कहानी में हमने पढ़ा, कि किताबों को सरेआम जलाएंगे। हमारे पास आज मोबाइल, टीवी से लेकर कम्प्यूटर तक पर इतने सारे ऐसे नोटिफिकेशन देखने को आपको मिल जाएंगे, जिनका कंटेंट ही नहीं विजुअल भी वल्गर होता है। पहले रसूखदार लोगों के अश्लील फोटोज दिखाने के बदले वसूली का चलन शुरू हुआ। जो बढ़ते-बढ़ते अब विडियोग्राफ़ी तक आ पहुंचा। ऐसे तमाम मामलों में कैमरों की भूमिका पहले भी थी और आज भी है, भविष्य में भी रहेगी। इससे इनकार नहीं किया जा सकता है। पहले ब्लैक एंड व्हाइट फोटोज का जमाना था, उसके बाद कैमरे रंगीन हुए। तकनीकी तरक्की ने उड़ान क्या भरी, अश्लीलता का बाजार भी आसमान की उंचाइयां छूने लगा। इन सबके पीछे बस एक ही चीज होती है भयादोहन, यानि बदनामी का भय दिखाकर पैसों की वसूली करना। ये समाज में पहले भी था, आज भी है और भविष्य में भी रहेगा। इससे इनकार नहीं किया जा सकता है।
समाज में अपराध लगातार अपना स्वरूप बदलता है। इसी तरह अश्लीलता के बाजार ने भी अपना स्वरूप बड़ी तेजी से बदला। अपराधियों ने बदलती तकनीक का भरपूर फायदा उठाया। उधर सोशल मीडिया के आने से इस अपराध के पर और भी लंबे हो गए। अब हर कोई इस बारे में तमाम मंचों पर खुलेआम बातें कर रहा है। सोशल मीडिया पर तमाम ऐसी जगहें हैं जहां लोग जाकर बेधड़क अपनी पीड़ा बयान करते हैं। जहां उनको बड़ी तादाद में लोग देखते और सुनते हैं तो वहीं बड़ी तादाद में लोग इसके शिकार बनते हैं, इनमें ज्यादा तादाद महिलाओं और बच्चियों की होती है।
आज तमाम तरह के मोबाइल और स्पाई कैमरों के बाजार में आ जाने से इसमें और भी ईजाफा होता जा रहा है। स्पाई कैमरे भी ऐसे कि जिनको आसानी से देखा भी नहीं जा सकता। इनका उपयोग रसूखदार लोगों की निजता को देखने उसकी वीडियोग्राफी करने और उसे वायरल करने की धमकी देकर मोटी रकम की वसूली तक के लिए किया जाता है। इस तरह की तमाम घटनाएं हमारे इर्द-गिर्द देखने को मिलती हैं। कहीं कोई किसी के अंतरंग क्षणों का वीडियो बनाता है तो कहीं कोई किसी टायलेट में कैमरे लगाकर तमाम युवतियों की अश्लील तस्वीरें और वीडियोज निकाल कर उन्हें धमकाता है। कुल मिलाकर ये कैमरा वसूली के बाजार का हथियार बनता जा रहा है। आलम ये है कि कब किसका कौन सा वीडियो किस सोशल मीडिया प्लेटफ़ार्म पर वायरल कर देगा, समझ से परे है।
हनी ट्रैपिंग यानि जाल में किसी ऐसे व्यक्ति से संपर्क करना शामिल है, जिसके पास किसी समूह या व्यक्ति की आवश्यक जानकारी या संसाधन है, फिर जाल बिछाने वाला व्यक्ति लक्ष्य को एक झूठे रिश्ते, जिसमें वास्तविक शारीरिक भागीदारी शामिल हो सकती है या नहीं भी हो सकती है) में फंसाने की कोशिश करेगा। जिसमें वे जानकारी प्राप्त कर सकें या हनी ट्रैपिंग एक तरह जासूसी है। जिसमें पारस्परिक, राजनीतिक हनीट्रैप एक ऑनलाइन धोखाधड़ी का रूप हो सकता है। जिसमें व्यक्ति को धोखा देकर उससे पैसे निकाले जाते हैं।
हनी ट्रैप शब्द का प्रयोग तब भी किया जाता है जब डेटिंग साइट्स का उपयोग किसी पीडि़त तक पहुंच प्राप्त करने के लिए किया जाता है। निजी जांचकर्ताओं को अक्सर पत्नियों, पतियों और अन्य भागीदारों का हनी पॉट बनाने के लिए नियुक्त किया जाता है। आमतौर पर जब लक्ष्य या जांच के विषय के साथ अवैध रोमांटिक संबंध का संदेह होता है तो इसमें इस्तेमाल के लिए आपत्तिजनक तस्वीरें लेने के उद्देश्य से संबंध बनाने के अभ्यास के लिए किया जा सकता है। हनी ट्रैप का इस्तेमाल मुख्य रूप से हनी ट्रैप के विषय पर सबूत इक_ा करने के लिए किया जाता है। हनी ट्रैपिंग का इस्तेमाल नए उपयोगकर्ता को अवैध ड्रग्स की लत लगाने और ड्रग तस्करी के लिए भी किया जाता है।
अभी हाल ही में पूरे विश्व समुदाय में जिस हनी ट्रैप के मामलों की सबसे ज़्यादा चर्चा हो रही है वह है प्रसिद्ध मैसेजिंग ऐप टेलीग्राम के सीईओ पावेल डुरोव की गिरफ्तारी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उनकी गिरफ्तारी के बाद से उनकी 24 साल की गर्लफ्रेंड यूलिया वाविलोवा लापता है। यूलिया की वजह से ही डुरोव की गिरफ्तारी हुई है। वे डुरोव के साथ एक प्राइवेट जेट में अजरबैजान से पेरिस पहुंची थीं। हैरानी की बात तो ये है कि फ्रांस में डुरोव पर 12 केस दर्ज थे। इसके बाद भी वे वहां पर गए। सोशल मीडिया पर ऐसा दावा किया जा रहा है कि यूलिया की वजह से ही डुरोव गिरफ्तार हुए। दरअसल जब वे दोनों पेरिस पहुंचे तो यूलिया ने डुरोव के प्राइवेट जेट से कई सारी इंस्टा स्टोरी पोस्ट की। कहा जा रहा है कि इसी वजह से पुलिस को पता चला और डुरोव की गिरफ्तारी हुई। यह फुटेज यूलिया ने इंस्टाग्राम पर स्टोरी में लगाया था। इसमें डुरोव कार चलाते दिखाई दे रहे हैं। 25 जून को डुरोव और यूलिया अजरबैजान की राजधानी बाकू में देखे गए थे। यूलिया भी डुरोव की तरह रूसी मूल की हैं। खुद को क्रिप्टो ट्रेनर बताने वाली यूलिया दो साल से दुबई में रहती हैं। वे रूसी, अंग्रेजी, अरबी और स्पेनिश समेत कई भाषाएं जानने का दावा करती हैं। चार महीने पहले यूलिया डुरोव के संपर्क में आई थी। दोनों को कजाकिस्तान, किर्गिस्तान और अजरबैजान समेत कई जगहों पर एक साथ देखा गया। उनकी कुछ तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर आई थीं। डुरोव की गिरफ्तारी के बाद से यूलिया का कोई पता नहीं है। इस वजह से सोशल मीडिया पर यह दावा किया जा रहा है कि डुरोव हनीट्रैप का शिकार हो गए हैं। उन्हें गिरफ्तार कराने के लिए ही यूलिया ने उनसे नजदीकियां बढ़ाईं और उन्हें पेरिस लेकर गईं।
साल 2019 में मध्य प्रदेश में हनीट्रैप गैंग ने ब्लैकमेलिंग करके करोड़ों रुपए जमा किए। इनके पास 100 से अधिक सेक्स वीडियो मिले। जिनमें 20 से ज्यादा आईएएस-आईपीसी अफसरों के साथ नेताओं के भी वीडियो थे। अब इस वीडियो को लेकर मध्यप्रदेश में एक बार फिर से सियासत तेज हो गई है। मध्य प्रदेश की राजनीति और प्रशासनिक हल्कों में सनसनी मचाने वाले हनी ट्रैप कांड की सुनवाई में कोर्ट में अलग ही नजारा सामने आया। यहां पर मानव तस्करी का शिकार हुई महिला ने आरोपियों को पहचानने से मना कर दिया। ऐसे में मानव तस्करी के मामले के तीन आरोपी बरी हो गए। मध्य प्रदेश के इंदौर में पुलिस ने हनी ट्रैप करने वाले एक गैंग का भंडाफोड़ करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इस गैंग की मास्टरमाइंड सपना साहू नाम की युवती है। पुलिस अफसरों के मुताबिक़ वसूली की साजिशकर्ता सपना साहू उर्फ लेडी डॉन है। उसके खिलाफ कई आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। सपना और सजल मित्तल परिचित हैं। उसने ही सजल की महिला से मुलाकात करवाई थी। महिला ने अपने एक साथी राधे को सजल का विजिटिंग कार्ड वॉट्सएप पर भेजा था। महिला ने राधे से कहा था कि इसकी जानकारी जुटाओ। बड़ा आसामी है। मुझसे तीन महीने से बात कर रहा है। पांच-छह बार मुलाकात कर चुका है। इसके बाद आरोपियों ने सजल मित्तल के खिलाफ रेप का केस दर्ज करवा दिया और उसे खत्म करने के नाम पर दो करोड़ रुपये की डिमांड की।
बलौदाबाजार जिले के बहुचर्चित सेक्स स्कैंडल कांड में शुरू से ही पुलिस की भूमिका नजर आ रही थी। इस घटना के मास्टर माइंड कहे जाने वाले शिरीष पांडे के गिरफ्तार होने के बाद खुलासा होने की उम्मीद थी। जो पुलिस की पूछताछ में सामने आया। इस मामले में संलिप्त पाए जाने पर अब पुलिस ने बलौदाबाजार कोतवाली थाना में पूर्व में पदस्थ प्रधान आरक्षक अंजोर सिंह मांझी को गिरफ्तार किया, उसे अदालत ने 12 दिनों की पुलिस रिमांड पर दिया है।
बिलासपुर जिले की सरकंडा पुलिस ने अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करने वाले 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस गिरोह में दो युवती और चार युवक शामिल बताए जा रहे हैं। वहीं इस गिरोह ने अब तक कई लोगों को अपना शिकार बनाया है। इस मामले में पुलिस के एक आरक्षक की भूमिका भी संदिग्ध लग रही थी। उसे पुलिस ने दबोच लिया। पुलिस की ओर से बताया जा रहा है कि गिरफ्तार आरोपी सोशल मीडिया पर फर्जी आईडी बनाकर चैट करते थे और बाद में दोस्ती करने के बहाने उनका अश्लील वीडियो और फोटो बनाकर वायरल करने की धमकी देकर लाखों रुपए वसूल लिया करते थे। पुलिस के मुताबिक आरोपियों ने हाल ही में एक व्यक्ति से वीडियो वायरल करने की धमकी देकर 2 लाख रुपये मांगे थे। पीडि़त अब तक आरोपियों को 36,000 दे चुका है। पीडि़त की शिकायत पर पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया। बिलासपुर में हनी ट्रैप जैसा यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी इस तरह के मामलों में बिलासपुर पुलिस को सफलता मिल चुकी है। बिलासपुर जिले की सिरगिट्टी पुलिस ने नाबालिग से ब्लैकमेलिंग कर अनाचार करने वाले थर्ड जेंडर को भी गिरफ्तार किया है। पुलिस को सबूत के तौर पर आरोपी के मोबाइल से कई अश्लील वीडियो मिले हैं, जिसके जरिए वो नाबालिग को ब्लैकमेल करता था। आरोपी की उम्र 22 साल है। बिलासपुर में यह पहला मामला है, जब कोई किसी थर्ड जेंडर पर ऐसे गंभीर आरोप लगे हैं और उसे गिरफ्तार किया गया है।
अभी हाल ही में आंध्र प्रदेश में कृष्णा जिले के गुडीवाड़ा में एक इंजीनियरिंग कॉलेज के गल्र्स वॉशरूम में हिडन कैमरा मिलने के बाद हंगामा हो गया। मामला गुडलावलेरु कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग का था। घटना की जानकारी मिलते ही स्टूडेंट्स ने वी वांट जस्टिस की नारेबाजी शुरू कर दी। पुलिस ने इस मामले में कॉलेज में बीटेक फाइनल ईयर के स्टूडेंट विजय कुमार को पकड़ा। पुलिस के मुताबिक अब तक लगभग 300 फोटो-वीडियो लीक हो चुके हैं। राज्य के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं। वहीं कर्नाटक के बेंगलुरु में एक कॉफी शॉप के वॉशरूम में हिडन कैमरा मिला है। इसे टॉयलेट शीट के ठीक सामने डस्टबिन में छिपाकर रखा गया था।
ये सारी घटनाएं हमें बताती है कि पूरा देश और ख़ास करके युवा वर्ग इसकी गिरफ़्त में आ रहा है। हम देखते हैं कि आज हर हाथ में मोबाइल है, इसको बच्चा भी देख रहा होता है। हम चाइल्ड लॉक करते नहीं हैं। बच्चा उस मोबाइल में क्या-क्या देख रहा है, परिजनों को इससे कोई मतलब ही नहीं है। मोबाइल में न जाने कितनी ही प्रतिबंधित साइट्स भी पड़ी रहती है। सेक्स बिकता है लिहाजा उसे लोग देखना पसंद करते हैं। सोशल मीडिया पर ऐसे वीडियोज को अपलोड करने वालों को पैसे भी मिलते हैं। ऐसे तमाम प्लेटफॉर्म है जिन पर इस तरह की अश्लील सामग्री आपको आसानी से मिल जाएगी। इसका असर समाज पर भी पड़ रहा है, तो कुछ लोग चुपचाप इसके मजे भी ले रहे हैं। इसके लिए भले ही उनको पैसे चुकाने हों, वे इसे भी खरीदने तक से गुरेज नहीं कर रहे हैं। वे तो बस इसके मजे ले रहे हैं। अब यहीं आकर ऐसे लोग फंसते हैं। सोशल मीडिया पर एक बहुत बड़ा ग्रुप ऐसे लोगों की पसंद और नापसंद पर नजर रखे हुए है। उसकी पूरी कोशिश रहती है कि ऐसे लोगों को अश्लील कंटेंट या फिर अश्लील वीडियोज अथवा सेक्सुअल टॉक के जरिए फंसाया जाए। उनसे पैसों की वसूली की जाए तो वहीं हम जिस अमेरिका की बात करते हैं वहां के हॉलीवुड के अलावा पॉर्न फिल्मों में काम करने वाले तमाम अभिनेता अपने नाम बताया करते थे। अब हमारे देश में भी सनी लियोनी जैसी पोर्न स्टार को भी हमने स्वीकार कर लिया है। उनके वीडियोज को हमारे देश में भी लोग देखते हैं। उसके वल्गर कंटेंट को भी पढ़ते हैं। ऐसा अगर आप आत्म मनोरंज के लिए करते हैं, तब तो ठीक है। मगर यदि इसका उपयोग किसी व्यक्ति का फंसाने के लिए कर रहे हैं तो इससे हम सभी को सचेत होने की जरूरत है

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