चुनाव से पहले देश की राजनीति में नया संग्राम खड़ा हो गया है। एक तरफ बिहार की धरती पर राहुल गांधी की वोट अधिकार यात्रा निकल रही है, वहीं दिल्ली में चुनाव आयोग ने अभूतपूर्व तेवर दिखाते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर विपक्ष के आरोपों का सीधा पलटवार किया।
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि चुनाव आयोग 75 वर्षों से दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में हर मतदाता के अधिकार की रक्षा कर रहा है। उनका कहना था कि आयोग के लिए न पक्ष है, न विपक्ष—हम सिर्फ संविधान के प्रति जवाबदेह है। आयोग ने राहुल गांधी से उनके आरोपों को शपथ पत्र के जरिए साबित करने या फिर सार्वजनिक माफी मांगने की मांग की।
एक तरफ बिहार में वोट अधिकार यात्रा निकल रही है। वहीं दूसरी तरफ दिल्ली में चुनाव आयोग ने पत्रकारवार्ता आयोजित कर राहुल गांधी के वोट चोरी के आरोप पर पलटवार किया है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बहुत ही ब्यूरोक्रेटिक और बेबाक तरीके से विपक्षी दलों द्वारा लगाये जा रहे आरोपों का सिलेवार जवाब देकर चुनाव आयोग की 75 सालों से कर्मठता की विरासत का हवाला देकर कहा कि वे दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के एक-एक मतदाताओं के लिए चुनाव में वोट डालने की व्यवस्था करता है। आरोप-प्रत्यारोप के इस दौर में संभवत: यह पहली बार होगा जब इंडिया गठबंधन और चुनाव आयोग कोर्ट, कचहरी, सड़क, सदन और पब्लिक के बीच आमने सामने है। चुनाव आयोग का कहना है कि आयोग के लिए कोई पक्ष-विपक्ष न ही है। चुनाव आयोग का कहना है कि उन पर लगे आरोपों को लेकर हलफनामा देना होगा, देश से माफी मांगनी होगी।
मुख्यमंत्री चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार कहते हैं कि केवल, कर्नाटक और अब बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चुनाव आयोग पर निराधार आरोप लगाए जा रहे हैं। उनका कहना है कि चुनाव प्रक्रिया और आयोग पर बेबुनियाद आरोप लगाकर जनता को गुमराह करना दरअसल संविधान का अपमान करना है। इसी तरह की बात सत्तारुढ़ भाजपा के लोग भी राहुल गांधी और इंडिया गठबंधन पर लगाते हैं।
वहीं दूसरी ओर बिहार में राहुल गांधी, लालू यादव, तेजस्वी यादव लगातार वोट अधिकार यात्रा के जरिए चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं।
राहुल गांधी की वोट अधिकार यात्रा 17 अगस्त से शुरू हो रही है। इस यात्रा की शुरुआत रोहतास से जबकि समापन पटना में होगा। 16 दिन में राहुल गांधी 20 जिलों से गुजरते हुए 1300 किलोमीटर का सफर तय करेंगे। राहुल गांधी की ये यात्रा चुनाव आयोग के वोटर लिस्ट एसआईआर 2025 के खिलाफ है। बिहार में सहयोगी राजद और लेफ्ट भी राहुल गांधी की इस यात्रा का हिस्सा बनेंगे। पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव यात्रा में शामिल होने के लिए सासाराम पहुंच भी चुके हैं। वहीं इस यात्रा के लिए बिहार कांग्रेस ने भी बड़े पैमाने पर तैयारी की है। राज्य के करीब सभी कांग्रेस नेताओं ने इस यात्रा को सफल बनाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है।
राहुल गांधी ने बिहार के लोगों से कहा है कि ये संविधान को बचाने की लड़ाई है। हिंदुस्तान में आरएसएस और बीजेपी संविधान को मिटाने की कोशिश कर रही है। हर चुनाव में नरेंद्र मोदी और बीजेपी जीतते हैं। महाराष्ट्र में सारे के सारे ओपिनियन पोल्स में इंडिया गठबंधन को जीतता हुआ बताया गया। लोकसभा चुनाव के समय हमारा गठबंधन महाराष्ट्र में चुनाव जीतता है। उसके बाद उसी चुनाव में महाराष्ट्र में बीजेपी गठबंधन चुनाव जीतता है। हमने पता लगाया कि उसी महाराष्ट्र में चुनाव आयोग ने जादू से एक करोड़ नए वोटर पैदा कर दिए।
तेजस्वी यादव ने कहा- वोट का राज मतलब छोट का राज, कहा- हमारे बाबा साहेब अंबेडकर ने सबको ये ताकत दी। गरीब से गरीब, कमजोर से कमजोर, अमीर और ताकतवर को वोट देने के अधिकार देने का काम हमारे संविधान ने किया लेकिन भाजपा के लोग जो काम खुद नहीं करते, वो चुनाव आयोग से करवाते हैं। वो आपसे आपका वोट देने का अधिकार छीनने का काम कर रहे हैं। कई जिंदा लोगों का नाम काट दिया गया। उनको हम लोगों ने सुप्रीम कोर्ट भेजा और बताया कि चुनाव आयोग कितनी बदमाशी कर रही है बीजेपी के इशारे पर। जिनको चुनाव आयोग ने मृत घोषित किया, उनके साथ राहुल गांधी ने चाय पी। आपके वोट की चोरी नहीं की जा रही, बल्कि डकैती डाली जा रही है।
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि बिहार में एसआईआर प्रक्रिया पारदर्शी है और इसका उद्देश्य मतदाता सूची को शुद्ध करना है। उन्होंने बताया कि 1.6 लाख बूथ लेवल एजेंट्स ने ड्राफ्ट वोटर लिस्ट तैयार की, जिसे सभी राजनीतिक दलों के एजेंट्स ने सत्यापित किया। कुल 28,370 दावे और आपत्तियां प्राप्त हुईं, जिससे प्रक्रिया में व्यापक भागीदारी का पता चलता है। उन्होंने वोट चोरी के आरोपों को भ्रामक बताते हुए कहा कि ऐसे शब्दों का इस्तेमाल संविधान और मतदाताओं की निजता का अपमान है। ईसीआई ने राहुल गांधी से उनके आरोपों के समर्थन में हस्ताक्षरित शपथ-पत्र मांगा और कहा कि यदि वे ऐसा करने में विफल रहते हैं, तो उन्हें माफी मांगनी होगी।
ईसीआई ने यह भी स्पष्ट किया कि एसआईआर का उद्देश्य हर
पात्र मतदाता को सूची में शामिल करना और अपात्र या संदिग्ध नामों को हटाना है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर ईसीआई ने बिहार में मतदाता सूची से हटाए गए 65 लाख नामों का विवरण, कारणों सहित, प्रकाशित करने पर सहमति जताई। ड्राफ्ट वोटर लिस्ट 1 अगस्त को वेबसाइट पर अपलोड की गई और मतदाताओं को अपना नाम जुड़वाने के लिए 30 सितंबर तक का समय दिया गया। अंतिम सूची 1 अक्टूबर को प्रकाशित होगी।
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, चुनाव आयोग के लिए, कोई पक्ष या विपक्ष नहीं है, सभी समकक्ष हैं, चाहे किसी भी राजनीतिक दल का कोई भी हो, चुनाव आयोग अपने संवैधानिक कर्तव्य से पीछे नहीं हटेगा।
ज्ञानेश कुमार ने कहा, जब चुनाव आयोग के कंधे पर बंदूक रखकर भारत के मतदाताओं को निशाना बनाकर राजनीति की जा रही है, ऐसे में चुनाव आयोग आज सबको स्पष्ट करना चाहता है कि, हम निडरता के साथ सभी गरीब, अमीर, बुजुर्ग, महिला और युवा समेत सभी वर्गों और सभी धर्मों के मतदाताओं के साथ चट्टान की तरह खड़े थे, खड़े हैं और खड़े रहेंगे।
इंडिया गठबंधन, विशेष रूप से कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल , ने बिहार में एसआईआर और कथित वोट चोरी के खिलाफ 17 अगस्त से वोटर अधिकार यात्रा शुरू की। यह यात्रा सासाराम से शुरू हुई और 1 सितंबर को पटना के गांधी मैदान में वोटर अधिकार रैलीÓ के साथ समाप्त होगी। राहुल गांधी, तेजस्वी यादव और गठबंधन के अन्य नेता इस अभियान में शामिल हैं। गठबंधन का दावा है कि एसआईआर प्रक्रिया से लाखों पात्र मतदाताओं, खासकर दलितों और गरीबों के नाम, कागजों की कमी के कारण हटाए जा रहे हैं, जिससे उनका मताधिकार छीना जा रहा है।
11 अगस्त को, इंडिया गठबंधन के लगभग 300 सांसदों ने दिल्ली में संसद भवन से ईसीआई कार्यालय तक वोट चोरी के खिलाफ मार्च निकाला, लेकिन पुलिस से अनुमति नहीं मिलने के कारण यह प्रदर्शन सीमित रहा। गठबंधन ने ईसीआई पर बीजेपी के साथ मिलकर मतदाता सूची में हेरफेर करने का आरोप लगाया। विशेष रूप से महाराष्ट्र, कर्नाटक और हरियाणा के चुनावों में।
ईसीआई को कठघरे में खड़े करने की कोशिश
राहुल गांधी और विपक्षी नेताओं ने ईसीआई पर बार-बार मतदाता सूची और ईवीएम डेटा में हेरफेर के आरोप लगाए। राहुल गांधी ने संसद में संविधान की शपथ का हवाला देते हुए कहा कि वह अपने दावों पर अडिग हैं। कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने ईसीआई की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर तंज कसते हुए कहा कि आयोग को चुनाव लड़वाने के बजाय खुद चुनाव लडऩा चाहिए।Ó विपक्ष ने संसद के मॉनसून सत्र में भी इस मुद्दे पर हंगामा किया और सड़क से लेकर संसद तक ईसीआई को घेरने की कोशिश की।
विपक्ष का कहना है कि ईसीआई की एसआईआर प्रक्रिया अलोकतांत्रिक है और इसका मकसद बीजेपी को फायदा पहुंचाना है। एक्स पर कई पोस्ट्स में भी यही भावना दिखती है, जहां ईसीआई को सत्ता का मैच फिक्सर और बीजेपी की कठपुतली कहा गया। हालांकि, ईसीआई ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वह किसी भी झूठे आरोपों से नहीं डरता और उसकी प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी है।
ईसीआई की प्रेस कॉन्फ्रेंस और इंडिया गठबंधन की रैली/प्रदर्शन बिहार में एसआईआर और वोट चोरीÓ के मुद्दे पर तीखी सियासी जंग को दर्शाते हैं। ईसीआई ने अपनी प्रक्रिया को पारदर्शी बताते हुए विपक्ष के आरोपों को भ्रामक करार दिया, जबकि विपक्ष ने इसे लोकतंत्र पर हमला बताकर आंदोलन तेज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप और ईसीआई की जवाबदेही से यह मुद्दा और गर्माने की संभावना है।