बिलासपुर। CG News: छत्तीसगढ़ में जीआरपी के जवानों और अधिकारियों द्वारा संचालित गांजा तस्करी के बड़े रैकेट में एक आईपीएस अधिकारी का नाम सामने आया है। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए, डीजीपी अशोक जुनेजा ने जांच की जिम्मेदारी बिलासपुर के एसपी रजनेश सिंह को सौंप दी है। प्रारंभिक जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं, जिनमें करोड़ों रुपए का लेन-देन और एक विस्तृत नेटवर्क का खुलासा हुआ है, जो विभिन्न राज्यों तक फैला हुआ है।
CG News: खुफिया विभाग को जीआरपी के कुछ जवानों की संदिग्ध गतिविधियों के बारे में सूचना मिली थी। इंटेलिजेंस चीफ अमित कुमार ने इस पर कार्रवाई करते हुए सात अधिकारियों की एक टीम गठित की, जिन्होंने तीन महीने तक हावड़ा-मुंबई और वाल्टेयर लाइनों पर निगरानी रखी। इस दौरान करीब 250 ट्रेनों में यात्रा करके गुप्तचर जानकारी जुटाई गई, जिसके आधार पर चार जवानों को गिरफ्तार किया गया।
CG News: 45 बेनामी खातों में 15 करोड़ रुपए का संदिग्ध लेन-देन
जांच में यह सामने आया कि जीआरपी के जवानों के 45 बेनामी खातों में 15 करोड़ रुपए का संदिग्ध लेन-देन हुआ, जो संभावित रूप से गांजा तस्करी से कमाए गए थे। यह रकम उनके रिश्तेदारों के नाम पर थी। इसके अलावा, जांच में यह भी खुलासा हुआ कि इन जवानों ने ट्रेन में जब्त किए गए गांजे को खुद बेचना शुरू कर दिया था और 2018 के बाद से उड़ीसा से गांजा खरीदने और बेचने का एक नेटवर्क स्थापित किया था, जो झारखंड, महाराष्ट्र और कोलकाता तक फैला था।
CG News: 40,000 रुपए मासिक वेतन पाने वाला एक सिपाही करोड़ों का आसामी
बिलासपुर के सिपाही लक्ष्मण गाईन की संपत्ति ने पुलिस अधिकारियों को चौंका दिया है। वह 40,000 रुपए मासिक वेतन पाने वाला एक सिपाही, जिसके पास करोड़ों रुपये की संपत्ति है, जिसमें महंगी गाड़ियां और एक आलीशान मकान शामिल हैं। लक्ष्मण, जो पहले ड्रग तस्करी के मामले में गिरफ्तार हो चुका था, ने जेल से बाहर आने के बाद इस धंधे को फिर से शुरू किया था।
CG News: अफसरों तक पहुंचती थी तस्करी से मिली रकम
जांच से यह भी पता चला है कि तस्करी से अर्जित धन का एक बड़ा हिस्सा उच्च अधिकारियों तक पहुंचता था, और अब एक आईपीएस अधिकारी की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। एसपी रजनेश सिंह ने कहा कि मामले में गंभीर सबूत मिले हैं और कोलकाता से गिरफ्तार एक ड्रग पैडलर ने यह खुलासा किया कि वह जीआरपी के सरकारी निवास में ठहरा करता था। जांच की विस्तृत रिपोर्ट जल्द ही पुलिस मुख्यालय को भेजी जाएगी।