रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के प्रयासों से छत्तीसगढ़ को मखाना बोर्ड में शामिल किया गया है। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने धमतरी में आयोजित कार्यक्रम में मखाना बोर्ड गठन की घोषणा की तथा राज्य में हो रहे उत्कृष्ट उत्पादन पर प्रसन्नता व्यक्त की।
बोर्ड के माध्यम से किसानों को वैज्ञानिक खेती, जल प्रबंधन, प्रसंस्करण तकनीक तथा बाजार पहुंच में सहायता मिलेगी।
केंद्र सरकार की नई सेंट्रल सेक्टर स्कीम फॉर डेवलपमेंट ऑफ मखाना 2025-26 से प्रारंभ हो रही है, जिसमें शत-प्रतिशत केंद्रीय अनुदान का प्रावधान है। वर्ष 2025-26 के लिए प्रथम चार माह हेतु 180 लाख रुपये स्वीकृत किए गए हैं।
अनुदान प्रावधान:
- तालाब में मखाना खेती: इकाई लागत 1.79 लाख पर 40% (72,000 रुपये)
- स्वयं के खेत में मखाना खेती: इकाई लागत 1.32 लाख पर 40% (53,000 रुपये)
- नए तालाब निर्माण: इकाई लागत 7 लाख पर 40% (2.80 लाख रुपये)
- माइक्रो लेवल प्रसंस्करण इकाई: इकाई लागत 10 लाख पर 35% अनुदान
- स्माल लेवल प्रसंस्करण इकाई (एफपीओ): इकाई लागत 39 लाख पर 50% अनुदान
- स्माल लेवल प्रसंस्करण इकाई (निजी): इकाई लागत 39 लाख पर 35% अनुदान
- लार्ज लेवल प्रसंस्करण इकाई: इकाई लागत 7 करोड़ पर 35% अनुदान
योजना के तहत किसानों को प्रशिक्षण एवं एक्सपोजर विजिट भी कराई जा रही है। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय तथा महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय द्वारा मखाना की उत्कृष्ट खेती का प्रदर्शन किया जा रहा है।