सायलेंसरो व लाउडस्पीकर के तेज आवाज से नगरवासी परेशान
दिलीप गुप्ता
सरायपाली। सरायपाली नगर में इन दिनों पुलिस कार्यवाही की चिंता किये बगैर भारी तादात में नवयुवकों द्वारा अपने मोटरसाइकिलो में मोडिफाईड सायलेंसर लगा कर तेज आवाज के साथ नगर में गाडिय़ा चला रहें हैं। बहुत ही तीखी , डरावनी व फटाखे चलने जैसी आवाजो से नगरवासी , राहगीर व बच्चो में डर पैदा हो गया है । ऐसे मॉडिफाइड साइलेंसर लगाकर ध्वनि प्रदुषण करने वालो के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने की सूचना पुलिस को कोई बार दी गई है व आज की जनधारा में समाचारों का प्रकाशन कर नागरिकों को हो रही परेशानियों की भावनाओ को समाचार प्रकाशित कर कई बार अवगत भी कराया गया है किंतु पुलिस कार्यवाही के अभाव में अभी तक इस पर रोक नही लग सकी है।
ऐेसे मोटरसाइकिल चालको के खिलाफ कई बार पुलिस अधीक्षक द्वारा कार्यवाही किये जाने का निर्देश भी दिए गए हैं किंतु थाना प्रभारियों द्वारा कार्यवाही नहीं किये जाने के कारण आये दिन ऐसे मोटरसाइकिलों की बढ़ोतरी हो रही है जिसके कारण ऐसे खतरनाक आवाज के साथ कानफोड़ू सायलेंसर मोटरसाइकिल वालों के हौसले बुलंद हैं।
ज्ञात हो कि जिले में मॉडिफाइड साइलेंसर के दुरूपयोग व इससे हो रहे ध्वनि प्रदूषण को रोकने हेतु वाहन शोरूम, मोटर पार्टस विक्रेता एवं मेकेनिको के साथ एक बैठक जिला पुलिस व परिवहन अधिकारियों द्वारा महासमुन्द में संयुक्तरूप से ली गई थी ।मीटिंग मे आगामी परीक्षाओ, हॉस्पिटल ,कार्यालयों , नगरवासियों व शांत क्षेत्रो मे फैलाये जा रहे ध्वनि प्रदूषण को रोकने हेतु ऐसे साइलेंसरो के प्रयोग को रोकने हेतु निर्देश दिए गए थे। नगर में अभी यह भी देखने आ रहा है कि कुछ व्यापारियों द्वारा चारपहिया वाहनों में माइक लगाकर तेज आवाज में अपने व्यवसायिक प्रतिष्ठानों का प्रचार प्रसार कर रहे हैं। जबकि जिलाधिकारी द्वारा परीक्षाओं को देखते हुए तेज आवाज में ध्वनिविस्तारक यंत्रो को बजाए जाने पर रोक लगाई गई है।
इस संबंध में पुलिस प्रशासन द्वारा ध्वनि प्रदुषण को रोकने हेतु जारी निर्देशों के परिपालन हेतु व परीक्षा काल पर किसी भी प्रकार का व्यवधान उत्पन्न न हो एवं शांति बनी रहे इसके लिए लाउस्पीकर के साथ साथ मॉडिफाइड साइलेंसर लगाकर तीव्र ध्वनि करने वाले वाहनों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के दृष्टिकोण से जिलें के वाहन व मोटर पार्टस विक्रेता एवं मैकेनिकों को अवगत कराया गया था कि किसी भी प्रकार के मॉडिफाइड साइलेंसरो को न लायें न ही लगाने में सहयोग करें वही सायलेंसरो को उपयोग में लाएं जो कम्पनी द्वारा निर्धारित है। इसका उल्लंघन करने वाले के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी। मोटरसाइकिलों में सायलेंसरो के उपयोग के दिशा निर्देश भी हैं जिनका पालन वाहन चालको , पार्ट्स विक्रेताओं व मैकेनिकों को भी करना है। जांच के दौरान यदि अनाधिकृत रूप से ऐसे सायलेंसरो को पकड़ा गया तो तीनों पर कार्यवाही की जायेगी।
नगर के वरिष्ठ अधिवक्ताओं में राजेश महाणा , देवेंद्र शर्मा व के बी खान ने बताया कि केंद्रीय मोटरयान नियमावली के नियम 120 के अनुरूप मोटरसाइकिलों में कंपनी फिटेड सायलेंसरो को निकालकर मोडिफाइड सायलेंसर या रेट्रो सायलेंसरो का उपयोग किया जा रहा है तो धारा 188 की
धारा 52 का यह उलंघन किया जाना माना जाता है। धारा 190(2) के तहत निर्धारित मानकों से अधिक ध्वनि प्रदूषण करने वाले गाडिय़ों के मालिकों पर 15 हजार रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है किंतु आमतौर पर देखा जाता है कि पुलिस व ट्रैफिक विभाग द्वारा ऐसे प्रकरणों पर बहुत ही कम ध्यान व कार्यवाही किये जाने से लीग बेखौफ होकर इसका दुरुपयोग कर रहे हैं।
चिकित्सक बीएमओ डॉ व्ही ऐ के कोसरिया व Ÿडॉ.सुजाता पटेल ने बताया कि ऐसे मोडिफाइड सायलेंसरो के उपयोग से इससे निकलने वाली तेज व असहनीय आवाजे बुजुर्गों , दिल की बीमारी , कमजोर दिल वालो व खासकर छोटे बच्चो के लिए बहुत ही खतरनाक साबित होते हैं। अचानक ही तेज व विचित्र आवाजों से हार्ट अटैक व अन्य तरह की मुश्किलों का दुष्प्रभाव इन लोगों पर अधिक होता है । ऐसी आवाजो से बचना अधिक जरूरी होता है।
नगर के सुशील जैन ( अध्यक्ष व्यापारी महासंघ) , प्रखर अग्रवाल (अध्यक्ष – संगम सेवा समिति ), नीरज अग्रवाल ( अध्यक्ष – किराना व्यापारी संघ) , मुकेश अग्रवाल ( प्रांतीय सचिव छत्तीसगढ़ एग्रो एसोसिएशन), संजय अग्रवाल ( समाज सेवी ) , सेवा शंकर अग्रवाल ( सचिव – ब्लाक मेडिकल स्टोर एसोसिएशन ) व विनोद जैन ( जैन समाज प्रमुख ) ने इसे गंभीर मामला बताते हुवे स्थानीय प्रशासन व पुलिस विभाग से मांग करते हुए कहा है कि लोगो के जान माल व बेहतर स्वास्थ्य के लिए हानिकारक ऐसे उपकरणों व वाहन चालकों पर कानूनी कार्यवाही की जानी चाहिए। नगर में बुलेट व अन्य मोटरसाइकिलो में ऐसे मोडिफाइड सायलेंसरो की बढ़ती संख्या की जानकारी एसडीओपी ललित मेहर को दी गई है।