Editor-in-Chief सुभाष मिश्र

Editor-in-Chief सुभाष मिश्र की कलम से – लालच और अज्ञानता का फायदा उठाती चिटफंड कंपनियां

-सुभाष मिश्रलोगों की अज्ञानता, लालच और भविष्य के सुनहरे सपने देखने के चलते बहुत से लोग, खास करके ग्रामीण इलाके के लोग चिटफंड कंपनियों के झांसे में आकर घोटालों और धोखाधड़ी का शि...

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Editor-in-Chief सुभाष मिश्र की कलम से – छत्तीसगढ़ शराब घोटाला, बहुतों को घेरने की तैयारी

-सुभाष मिश्रछत्तीसगढ़ में पिछले कुछ समय से कई घोटालों की चर्चा है, जिनमें शराब घोटाला प्रमुख है। हाल ही में, पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्त...

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Editor-in-Chief सुभाष मिश्र की कलम से- आस्था का महाकुंभ

-सुभाष मिश्रऐसे समय जब पूरे देश में सनातन की अनुगूंज चारों ओर सुनाई दे रही हो और केंद्र तथा राज्य की सरकार भी सनातन की परंपरा को आगे बढ़ाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही हो, ऐस...

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Editor-in-Chief सुभाष मिश्र की कलम से - राम बनाम रावण: भाजपा और कांग्रेस आमने-समाने

Editor-in-Chief सुभाष मिश्र की कलम से – राम बनाम रावण: भाजपा और कांग्रेस आमने-समाने

-सुभाष मिश्रछत्तीसगढ़ भी इसी देश का हिस्सा है। उसकी राजनीतिक आबोहवा भी देश के दूसरे हिस्सों से बहुत ज्यादा पृथक नहीं है। जैसी राजनीतिक उठापठक, छिछालेदारी और आरोप-प्रत्यारोप देश...

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Editor-in-Chief सुभाष मिश्र की कलम से- समय के सच को उजागर करती एक हत्या

-सुभाष मिश्रभारत में यदि नक्सलवाद की बात करें तो सबसे पहले छत्तीसगढ़ के बस्तर का नाम आता है। कभी जन अदालत लगाकर या फिर बाज़ार में ग्रामीणों की हत्या, कभी पुलिस जवानों को विस्फो...

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Editor-in-Chief सुभाष मिश्र की कलम से – गड़े मुर्दे उखाड़ने का समय

-सुभाष मिश्रइन दिनों अधिकांश राज्यों की सरकारों को लगता है कि मुर्दों से भी वोट वसूला जा सकता है। वे गड़े मुर्दे उखाडऩे में लगे हैं जो बात इतिहास में दफन है उसको उखाड़कर वोट मे...

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Editor-in-Chief सुभाष मिश्र की कलम से – एक बंगला बने न्यारा

-सुभाष मिश्रमुझे इस समय के राजनीतिक हालात को देखकर कुंदनलाल सहगल द्वारा 1937 में बनी फि़ल्म प्रेसीडेंट में गाया और फि़ल्माया गया गाना याद आ रहा है- एक बंगला बनें न्यारा, रहे क...

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Editor-in-Chief सुभाष मिश्र की कलम से – महाकुंभ 2025: नदियों की स्वच्छता का संकट और समाधान की ओर कदम

-सुभाष मिश्रप्रयागराज (इलाहाबाद) में जनवरी 2025 से 26 फरवरी 2025 तक आयोजित होने वाला महाकुंभ का इस बार एक विशाल आयोजन होगा। इस महापर्व का धार्मिक महत्व तो है ही, लेकिन इसके साथ...

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Editor-in-Chief सुभाष मिश्र की कलम से – राजनीति में रेवड़ी कल्चर की फैलती महामारी

-सुभाष मिश्रराजनीति में आकर अनेक सामाजिक और सांस्कृतिक मुहावरे और शब्द पूरी तरह से बदल जाते हैं और दूसरा ही अर्थ देने लगते हैं। पहले भी ऐसे कईं वाक्य और शब्द थे। राजनीतिक घुसपै...

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Editor-in-chief सुभाष मिश्र की कलम से – मोहन भागवत की चेतावनी और मंदिर-मस्जिद का हल

-सुभाष मिश्रअभी कुछ दिनों पहले अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के अवसर पर पटना में एक महिला कलाकार द्वारा गांधीजी का प्रिय और प्रसिद्ध भजन गाया जा रहा था, जिसमें ईश्वर अल्लाह तेरे ...

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