Editor-in-Chief सुभाष मिश्र

Editor-in-Chief सुभाष मिश्र की कलम से – जानलेवा तन्हाई, अकेलापन और अवसाद

-सुभाष मिश्रमशहूर शायर निदा फ़ाज़ली की गज़़ल के शेर हैं- हर तरफ़ हर जगह बेशुमार आदमी फिर भी तन्हाइयों का शिकार आदमी। सुब्ह से शाम तक बोझ ढोता हुआ अपनी ही लाश का ख़ुद मज़ार आ...

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