Mahasamund News-राजिम भक्तिन माता के नाम पर भी हो छत्तीसगढ़ राज्य अलंकरण पुरस्कार

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खल्लारी। छत्तीसगढ़ राज्य शासन द्वारा राज्य स्थापना दिवस 1 नवंबर को विभिन्न 33 क्षेत्रों में राज्य अलंकरण पुरस्कार प्रदान किया जाता है। छत्तीसगढ़ प्रदेश साहू संघ युवा प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष युगलकिशोर साहू व खल्लारी परिक्षेत्र साहू समाज के उपाध्यक्ष तारेश साहू ने मुख्यमंत्री को इस सम्बन्ध में पत्र लिखकर मांग किए हैं कि राजिम भक्तिन माता के नाम पर भी छत्तीसगढ़ राज्य अलंकरण का एक पुरस्कार रखा जाए।
बता दें कि छत्तीसगढ़ में बहुसंख्यक साहू समाज की आराध्य कुलदेवी एवं छत्तीसगढ़ के प्रयाग कहे जाने वाले तीर्थ स्थल राजिम की अधिष्ठात्री देवी राजिम भक्तिन माता है। जो राजिम लोचन भगवान की अनन्य भक्त थी और जिनके नाम पर ही राजिम नगर का नामकरण हुआ है। राजिम भक्तिन माता जन्म से ही धर्मप्रेमी, प्रकृति प्रेमी और प्राणी मात्र की कल्याण करने वाली थीं। उन्हें वनौषधियों का भी विशेष ज्ञान था। जिनके माध्यम से वे मूक प्राणियों के साथ ही मानव समाज का बिना किसी भेदभाव से सेवा सुश्रुषा एवं उपचार करती थी। वहीं राजिम भक्तिन माता, साहू समाज ही नहीं अपितु सृष्टि में जीव दया और जनकल्याण कर अपना अमिट छाप छोड़ी है। जो सदैव स्मरण योग्य है। इस दिशा में राज्य सरकार यदि राजिम भक्तिन माता के नाम पर भी छत्तीसगढ़ राज्य अलंकरण का एक पुरस्कार देने का निर्णय लेता है, तो यह निर्णय स्वागत योग्य रहेगा। इस निर्णय से समाज का भी मान सम्मान बढ़ेगा।
इस अलंकरण पुरस्कार से राजिम भक्तिन माता के योगदान को लोग जानेंगे :-
छत्तीसगढ़ प्रदेश साहू संघ युवा प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष युगलकिशोर साहू एवं क्षेत्र के सामाजिकजनों ने इस दिशा में समाज की ओर से मांग करते हुये कहा कि छत्तीसगढ़ के ऐसे लोग/संस्था जो पर्यावरण संरक्षण, वन्य जीव/पक्षी संरक्षण के क्षेत्र में विशेष कार्य कर रहे हैं। ऐसे लोगों/संस्थाओं को राजिम भक्तिन माता के नाम पर छत्तीसगढ़ राज्य अलंकरण पुरस्कार प्रदान किया जाए। इससे छत्तीसगढ़ के पुरखा राजिम भक्तिन माता के योगदान को सब लोग जानेंगे और साथ ही पर्यावरण संरक्षण एवं वन्य जीव/पक्षी संरक्षण करने वाले प्रकृति प्रेमी लोगों/संस्थाओं को समुचित प्रोत्साहन मिल सकेगा।

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