exclusive- प्रदेश में प्रॉपर्टी टैक्स बढ़ाने की तैयारी, लोगों की जेब पर पड़ेगा भार

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0 नगरीय प्रशासन विभाग बना रहा ड्राफ्ट, पूरे राज्य के नगर निगमों के लिए एक होगी पॉलिसी

प्रफुल्ल पारे
रायपुर। छत्तीसगढ़ में बड़े शहरों में रहने वाले लोगों की जेब पर बोझ आने वाला है, क्योंकि प्रदेश की विष्णुदेव साय सरकार बड़े शहरों में विकास करने के लिए अब नगर निगमों में प्रॉपर्टी टैक्स को बढ़ाने जा रही है। बताया जा रहा है कि सरकार 2008 के बाद निगमों में प्रॉपर्टी टैक्स का फार्मूला बदलने की तैयारी कर रही है। सरकार दरअसल नगर निगम के चुनाव खत्म होने का इंतजार कर रही थी, क्योंकि उसे डर था कि यदि प्रापर्टी टैक्स चुनाव से पहले बढ़ाया जाता है तो विपक्ष इसे मुद्दा बनाकर चुनाव को प्रभावित कर सकता है लेकिन अब छत्तीसगढ़ के निकायों में लगभग भाजपा का कब्जा हो गया है। इसलिए सरकार अब प्रॉपर्टी टैक्स बढ़ाने की तैयारी कर रही है।
जानकारी के अनुसार शासन ने नए प्रॉपर्टी टैक्स का खाका लगभग तैयार कर लिया है। जिसे अगले महीने यानी मई माह के अंत तक लागू कर दिया जायेगा। दरअसल राज्य सरकार अपनी आय में इजाफा करने के लिए यह फार्मूला तैयार कर रही है। जिसमें हर प्रकार की प्रॉपर्टी की रेंटल वैल्यू में इजाफा कर टैक्स का एक स्लैब निर्धारित किया जायेगा। अगर यह फार्मूला लागू होता है तो स्वाभाविक है कि आम आदमी की जेब पर इसका खासा प्रभाव पड़ेगा। सूत्रों के अनुसार एक अन्य विकल्प कलेक्टर गाइडलाइन पर निर्धारित टैक्स के स्लैब को बढ़ाया जाने पर भी मंथन चल रहा है।
अब तक प्रॉपर्टी के सालाना किराए के आधार पर टैक्स लिया जाता था। इसके लिए हर नगर निगम ने अपना एन्यूअल रेंटल वैल्यू यानी वार्षिक भाड़ा मूल्य का स्लैब बना रखा है जिस पर अलग-अलग स्लैब में 8 से 20 प्रतिशत टैक्स की गणना कर टैक्स तय किया जाता है। दोनों नए फार्मूले में जिस पर भी सहमति बनेगी वह लागू हो जायेगा और इसके लागू होते ही टैक्स में जबरदस्त बढ़ोतरी होने की संभावना है।
प्रस्तावित नए फार्मूले में झुग्गी-बस्ती और अविकसित क्षेत्र में बने बड़े मकानों को भी शामिल किया जाएगा। छग के बड़े नगर निगमों में 500 से ज्यादा स्लम एरिया लोकेशन को डेवलपमेंट के आधार पर पॉश लिस्ट में शामिल किया जा सकता है। यहां अब झुग्गी झोपड़ी की जगह आलीशान निर्माण हो चुके हैं और निगम यहां सीमेंटेड सड़क और सीवेज का नेटवर्क तैयार कर चुका है। पुराने टैक्स परिक्षेत्र की दरों के चलते इन एरिया में बेहद कम दरों पर टैक्स की गणना हो रही थी जिससे निगम को हर साल करोड़ों रुपए का राजस्व घाटा हो रहा था।

पानी और सीवरेज चार्ज भी बढ़ाने पर विचार

नगरीय प्रशासन विभाग नगर निगमों की माली हालत सुधारने और शहरी विकास को बेहतर बनाने के लिए पानी और सीवेज चार्ज भी बढ़ाने पर विचार कर रहा है। सूत्र बताते हैं कि पानी और सीवरेज चार्ज में लगभग 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो सकती है।

ऐसे समझें टैक्स का गणित

हम आपको समझाने के लिए छत्तीसगढ़ के दो बड़े निगमों के प्रॉपर्टी टैक्स के गणित को बता रहे हैं। वर्तमान फार्मूले के अनुसार रायपुर नगर निगम एनुअल रेंटल वैल्यू पर इतना टैक्स वसूल रही है। इसमें 20,001- 35,000 8 प्रतिशत। 35,001 – 50,000 10 प्रतिशत। 50,001 – 75,000 15 प्रतिशत। 75,000 से अधिक 20 प्रतिशत। इसी तरह बिलासपुर नगर निगम ने अपना प्रापर्टी टैक्स इतना निर्धारित कर रखा है, जिसमें 6,000 तक 0 प्रतिशत। 6,001 से 50,000 9 प्रतिशत। 50,001 से 1 लाख 10 प्रतिशत। 1,00,001 से 2 लाख 12 प्रतिशत। 2,00,001 से 3 लाख 14 प्रतिशत। 3,00,001 से 4 लाख 16 प्रतिशत। 4,00,001 से 5 लाख 18 प्रतिशत। 5 लाख से भी ज्यादा 20 प्रतिशत।
नए फार्मूले के आधार पर नए प्रॉपर्टी टैक्स का प्रस्ताव तैयार हो चुका है। जिसके लागू होते ही इस पर व्यापक बहस और विरोध की आशंका से भी इंकार नहीं किया जा सकता, क्योंकि मामला आम आदमी की जेब पर सीधा हमला करने वाला है।