स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गंभीर बीमारियों को लेकर बच्चों को दी विस्तृत जानकारी
(दिपेश रोहिला)
पत्थलगांव । स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के तत्वाधान में गुरुवार को सरस्वती शिशु पत्थलगांव के सभागार में चिरायु योजना के तहत राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्यातिथि के रूप में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के खंड चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर जेम्स मिंज उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत मां भारती के छायाचित्र कर माल्यार्पण करके सरस्वती वंदना के साथ की गई। जिसके पश्चात उपस्थित अतिथियों ने बारी बारी से अपने उद्बोधन में स्कूली छात्र छात्राओं को विभिन्न प्रकार की गंभीर बीमारियों के लक्षण उनके उपाय और सुझाव पर विस्तृत जानकारियां दी।
इस मौके पर बीएमओ डॉक्टर जेम्स मिंज ने कहा गया कि चिरायु योजना के तहत पत्थलगांव विकासखंड अंतर्गत सभी शासकीय स्कूलों एवं आंगनबाड़ी केंद्रों में डॉक्टरों की टीम ० से १८ वर्ष तक के स्कूली बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण कर उनका इलाज किया जा रहा है। एवं गंभीर बीमारियों से ग्रसित बच्चों को उच्च स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करवाई जा रही है।जिससे एनीमिया,टीबी,डेंगू,मलेरिया समेत अनेकों प्रकार के बीमारियों की दर को कमी करने में स्वास्थ्य टीम लगी हुई है। इस दौरान मौजूद स्कूली बच्चों को बीएमओ मिंज ने आयुष्मान कार्ड योजना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि ५ लाख रुपए तक का निशुल्क इलाज शासन द्वारा प्रदान किया गया है।जिसमें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पत्थलगांव पहुंचकर इस योजना का लाभ ले सकते है।
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वहीं उन्होंने सर्वदंश से बारे में बताते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में सर्पदंश के मामले आने पर झाड़ फूंक एवं बैगा गुनिया के चक्कर में ना पड़कर तत्काल नजदीकी उप स्वास्थ्य केंद्र मरीज को पहुंचाया जाए जिससे कि उसकी जान बच सके, अक्सर देखा जाता है कि सर्प के काटे जाने के पश्चात लोग बैगा गुनिया के चक्कर में फंसकर अपनी जान गंवा बैठते हैं। उन्होंने कहा कि टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत २०२५ तक भारत को टीबी बीमारी से मुक्त किया जाना है। इस अभियान को लेकर छत्तीसगढ़ में जोर शोर से स्वास्थ्य विभाग द्वारा कार्य किया जा रहा है जिससे कि १ साल पूर्व ही टीबी मुक्त छत्तीसगढ़ बन सके।
वहीं आयुष चिकित्सा अधिकारी डॉ. मदन सुंदर पटेल कहा कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत चिरायु योजना जन्म से १८ वर्ष तक आयु के जरूरतमंद बच्चों के लिए ही है जिनकी बीमारियों को समय पर पहचान कर निःशुल्क इलाज की सुविधा मुहैया करायी जाती है। इसमें ४४ प्रकार की बीमारियों को अलग अलग कैटेगरी में रखा गया हैं। क्षेत्र अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों सहित शहरी क्षेत्रों के शासकीय स्कूलों एवं आंगनबाड़ी के केंद्रों में टिम द्वारा पहुंचकर बच्चों का परीक्षण कर इलाज किया जा रहा है। कुपोषण को दूर रखने के लिए अनेकों प्रकार की निःशुल्क दवाइयों को उपलब्ध कराया जाता है।
कार्यक्रम में विद्यालय प्राचार्य संतोष पाढ़ी ने आभार प्रदर्शन करते हुए कहा कि स्कूली बच्चों में स्वास्थ्य को लेकर अनेकों प्रकार की बीमारियों से परेशान रहते है।समय समय पर किसी भी छात्र द्वारा स्कूल में अनुपस्थित होने का एक कारण यह बीमारियां भी होती है। जिसका स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा अनेकों स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में जाकर इलाज किया जा रहा है।
इस कार्यक्रम में डॉ. दिव्या धार्या,डॉ. गुंजन सिंह ,सुपरवाइजर अनुज साहू,फार्मासिस्ट दिलीप यादव,एएनएम सुश्री सोन केरिया सूर्यवंशी,एमएलटी सुश्री प्रियंका पैंकरा,एएनएम सुश्री संतोषी पैंकरा,प्रधानाचार्य डेमूधर बंजारा,आचार्या राजेन्द्र सिंह महेश,बहादुर दास महंत,टकेश्वर यादव,आदित्य पाणिग्रही,दिलबंधु यादव,सहदेव बारीक,श्रीमती रिंकी यादव,श्रीमती मिथुला यादव,सुश्री प्रियंका रत्नाकर,सुश्री चुन्नी साव मौजूद रहे।