रमेश गुप्ता
दुर्ग। पिछले कुछ दिनों से दुर्ग जिला अस्पताल चर्चा में है। यह चर्चा इसलिए हो रही है कि क्योंकि यहां दो बच्चों की अदला बदली हो गई। इस मामले ने काफी तूल पकड़ा। हालांकि डीएनए टेस्ट के बाद बच्चे वास्तविक माता पिता को सौंप दिए गए। इस घटना के बाद भी जिला अस्पताल पर लोगों का भरोसा कायम है। दरअसल जिस शबाना का बच्चा बदल गया था उसकी भाभी की डिलवरी भी परिजनों ने जिला अस्पताल में कराई। इसके लिए यहां कार्यरत डॉ. विनीता ध्रुवे एक अहम वजह है।
डॉ. विनीता ध्रुवे पर महिलाओं को काफी भरोसा है। विशेषकर प्रसव वाले केस में डॉ विनिता ध्रुवे जिस तरह से कार्य करती हैं वह सराहनीय है। प्रसव के लिए आने वाली महिलाएं स्वयं यह बात मानती है। शनिवार की रात शबाना ने 18 दिन पहले बदल गए अपने बच्चे को प्राप्त किया तो दूसरी तरफ लेबर पेन होने से परिजन उसकी सगी भाभी रेशमा को भी जिला अस्पताल में ही भर्ती कराया। डॉ. विनिता ध्रुवे ने बताया कि रेशमा का अल्ट्रासाउंड कराने पर बच्चे का वजन करीब 4 किग्रा मिलने व गर्भ में पानी कम होने पर उनका जल्द ऑपरेशन कराना जरूरी थ। परिजनों को यह बताने पर वे बिना किसी आशंका के हामी भरी। इसके बाद डॉ विनिता ध्रुवे की देखरेख में रेशमा की डिलीवरी कराई गई और उसके बाद डॉ. विनीता ने पिता को नवजात सौंपा। डॉ विनिता ने बताया कि जिला अस्पताल की सुविधाओं व डॉक्टर पर भरोसा करते हुए रेश्मा के परिजनों ने सहमति दी तो रात करीब 9 बजे सीजर ऑपरेशन कर सुरक्षित डिलिवरी करा ली गई।
डॉ. विनिता ध्रुवे ने बताया कि डिलिवरी के बाद जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ्य हैं। दोनों को एहतियातन आब्जर्वेशन में रखा गया है। परिवार के वरिष्ठ सदस्य अजहर ने बताया कि शबाना के मामले में एक कर्मचारी से हुई चूक के कारण उनको और प्रशासन को परेशानी उठानी पड़ी थी। अस्पताल की सुविधाओं पर उन्हें भरोसा है। सुविधाओं पर भरोसा होने के कारण ही वे लेबर पेन होने पर रेशमा को जिला अस्पताल की मदर चाइल्ड यूनिट लेकर पहुंचे थे।
CG NEWS- जिस महिला के बच्चा बदला उसकी भाभी की डिलवरी भी हुई जिला अस्पताल में परिवार ने रखा भरोसा

10
Feb