प्रतापपुर / प्रतापपुर विधानसभा के हाथी प्रभावित क्षेत्र में विकास, मुआवजा राशि, हाथी-मानव द्वंद से बचने के उपाय आदि महत्वपूर्ण विषयों पर छत्तीसगढ़ के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) एवं वन विभाग के अधिकारियों के साथ प्रतापपुर विधानसभा के विधायक श्रीमती शकुंतला सिंह पोर्ते की बैठक संपन्न हुई। इस दौरान बैठक में प्रस्तुत महत्वपूर्ण बिंदुओं पर शीघ्र कार्ययोजना तैयार कर कार्य शुरू करने के निर्देश दिए गए।
प्रतापपुर विधानसभा में जंगली हाथियों के आतंक से क्षेत्र में जैन एवं धन की हानि व्यापक पैमाने पर लंबे समय से हो रही है जिससे हाथियों का आतंक क्षेत्र वासियों के लिए बहुत बड़ी समस्या बन गई है इसे गंभीरता से लेते हुए प्रतापपुर क्षेत्र की विधायक श्रीमती शकुंतला सिंह पोर्ते द्वारा सार्थक समाधान के लिए प्रयास प्रारंभ कर दी गई है इसी क्रम में छत्तीसगढ़ के प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य प्राणी सुधीर कुमार अग्रवाल एवं वन विभाग के अधिकारियों के साथ 23 अक्टूबर 2024 को वन विभाग कार्यालय अंबिकापुर में प्रतापपुर विधायक की बैठक संपन्न हुई, बैठक के दौरान जंगली हाथियों से जंगल के किनारे लगे ग्रामों में निर्वस्त्र ग्रामीणों के फसल मकान एवं जनहानि को रोकने एवं हाथियों का जंगल से लगे ग्रामों में प्रवेश रोकने के उपायों पर विस्तृत चर्चा की गई एवं हाथी एवं मानव के द्वंद्व के कारणों पर विचार किया गया इस दौरान प्रदेश में वन विभाग एवं राजस्व विभाग मद से छूटे हुए नारंगी क्षेत्र का फिर से राजस्व एवं वन विभाग के संयुक्त टीम द्वारा सर्वे कराए जाने के प्रस्ताव पर भी विचार किया गया
जिससे इन क्षेत्रों का चिन्हकांकर राजस्व की भूमि राजस्व के मद में एवं वन भूमि को वन विभाग के मद में अंकित किया जा सके। बैठक के दौरान हाथी प्रभावित ग्रामों में जंगल से लगे क्षेत्र में हाई मास्क लाईट लगानें ,जंगल से लगे हाथी प्रभावित क्षेत्रों में ग्रामीणों के कच्चे मकानों को पक्के के मकान बनवाए जाने , हाथियों से हाथी प्रभावित क्षेत्र में हुए जन धन के क्षति की लंबित मुआवजा राशि का दो दिन के अंदर भुगतान करायें जाने, प्रतापपुर शहर में हाथियों का प्रवेश रोकने के लिए शहर के जंगल से लगे 3 किलोमीटर क्षेत्र का हैंगिंग फैनिशिंग कराया जाना,
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वन एवं राजस्व विभाग की संयुक्त टीम बनाकर प्रतापपुर वन परिक्षेत्र के ग्राम शिवपुर एवं अन्य नारंगी क्षेत्र का सर्वे कर नारंगी क्षेत्र को वन या राजस्व मद में शामिल कराए जाने की विस्तृत कार्य योजना बनाकर क्षेत्र की जनता को हाथियों से होने वाले नुकसान को कम करने , हाथी एवं मानव के बीच संघर्ष को रोकने के लिए सार्थक प्रयास करने का निर्देश दिया गया। इस दौरान अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक छत्तीसगढ़, सी एफ अंबिकापुर डीएफओ सूरजपुर अंबिकापुर बलरामपुर गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान के संचालक सूरजपुर प्रतापपुर वाड्राफनगर अंबिकापुर बलरामपुर के एसडीओ फॉरेस्ट एवं वन विभाग के अधिकारी उपस्थित थे ।