भानुप्रतापपुर।भानुप्रतापपुर नगर पंचायत में हुये कल उपाध्यक्ष चुनाव मे जहां 10 पार्षद कांग्रेस के थे और बीजेपी के अध्यक्ष के साथ 6 वोट, परंतु कांग्रेस को 8 वोट पड़े किसी दो कांग्रेसी ने क्रॉस वोट कर किया और चुनाव टाई हो गया जिसके बाद कांग्रेस के प्रत्यसी टाई में हार गये लेकिन उपाध्यक्ष प्रत्याशी रहे पंकज वाधवानी का आरोप सिर्फ एक तुषार ठाकुर पर होना उनकी पुरानी राजनीतिक प्रतिस्पर्धा रंजिश को स्पष्ट दर्शाता है, ठीक आज से 5 साल पहले नगर पंचायत के कांग्रेस उपाध्यक्ष प्रत्याशी ने एक वोट से क्रास वोट का आरोप उसे समय पार्षद रहे पंकज वाधवानी पर लगाया पार्षद रहते हुए भी 5 साल नगर पंचायत कांग्रेस के अध्यक्ष के खिलाफ हर कार्यक्रम में बीजेपी में शामिल रहना, साल 2008 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्यासी गंगा पोटाई के खिलाफ निर्दलीय प्रत्याशी के साथ रहे,विधानसभा उपचुनाव हो या वार्ड क्रमांक 9 के उपचुनाव में बीजेपी से पैसा लेकर प्रत्याशी को हराने का प्रयास करना का सारा आरोप पंकज वाधवानी पर लगा था जिसका पूरा विरोध तुषार ठाकुर ने खुलेआम किया था, यही सब कारण थे जिनके वजह से बहुत लोगों की नाराजगी रही होगी उपाध्यक्ष प्रत्याशी से, लेकिन सारा आरोप पंकज वाधवानी ने बिना सबूत के तुषार ठाकुर पर मडा है, तुषार ठाकुर ने यह भी बताया कि युवा कांग्रेस के हर संगठन चुनाव में दोनों युवा एक ही जगहा के होने की वजह आपस में हर चुनाव में टकराए हैं, आदिवासी युवा का बार-बार चुनौती देना उनको बर्दाश्त नहीं हो रहा है ना ही उनके आकाओ को जिसका वह बदला निकाल रहे हैं, और तुषार ठाकुर पर लोकसभा चुनाव में पार्टी विरोधी काम करने का जो आरोप लगा रहे हैं, जबकि तुषार ठाकुर लोकसभा चुनाव में डोर टू डोर कैंपेन के लिए भारतीय कांग्रेस युवा कांग्रेस से पूरे भारत में टॉप 10 की लिस्ट में शामिल किया हैं, जिसका सम्मान भी उनको मिला है दोनों युवा नेता प्रदेश सचिव थे, परंतु इस सम्मान के बाद तुषार ठाकुर को प्रदेश का महासचिव बनाया गया तुषार ठाकुर को आदिवासी युवा है जो भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी के कन्याकुमारी से कश्मीर तक की यात्रा की, प्रदेश में अब तक हुए युवा कांग्रेस के चारों चुनाव में का हिस्सा रहे पहले आदिवासी रहे युवा हैं, यह सारी बात उनके राजनीतिक प्रतिद्वंदी पंकज वाधवानी को रास नहीं आ रही है, एक दलित आदिवासी को किस तरीके से फसाया जाए प्रकरण में हमेशा वह लगे रहते हैं, कई युवाओं को ऐसी ही षड्यंत्र करके उन्होंने फंसा कर उनकी राजनीतिक खत्म भी की है,यह बात पूरे क्षेत्र के लोग भली भाती जानते हैं, परंतु तुषार ठाकुर एक आदिवासी होने के बावजूद हर बार उनकी चुनौतियों का मुंह तोड़ जवाब दे देते हैं जो कि उनको रास नहीं आ रहा है, तुषार ठाकुर ने आगे कहा कि मैंने उसे अपना कभी कंपीटीटर नहीं माना इस आरोप से मैं बेहद आहत हूं मेरी राजनीतिक छवि की हत्या की गई हैं सिर्फ अपना रास्ता साफ करने के लिए मेरी छवि को धूमिल करने के लिए ओछी राजनीति कर रहे हैं, जिसकी मैंने भानुप्रतापपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई हैं, और पार्टी में भी इसकी जानकारी दी गई हैं!