AIR Bhopal : ‘स्वर उत्सव’ कार्यक्रम में देशभक्ति से परिपूर्ण रचनाओं का समावेश, दर्शकों से खचाखच भरे हॉल में शास्त्रीय संगीत की स्वर लहरियों का और उम्दा शायरी सुमधुर तानो से सजी गज़लो ने करवाया एहसास, आइये देखे VIDEO

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AIR Bhopal :  फरमाइश पे “चल मेरे साथ भी चल ऐ मेरी जाने ग़ज़ल” गाया

 

 

AIR Bhopal :  17 अगस्त की शाम भोपाल के संगीत प्रेमियों को लंबे समय तक याद रहने वाली है. आकाशवाणी भोपाल द्वारा मध्य प्रदेश शासन के सहयोग से संस्कृति विभाग रविंद्र भवन में आयोजित ‘स्वर उत्सव’ कार्यक्रम ने भोपाल के संगीत प्रेमियों को एक अलग एहसास करवाया. दर्शकों से खचाखच भरे हॉल में आयोजित इस कार्यक्रम में जहां एक और देशभक्ति से परिपूर्ण रचनाओं का समावेश था वही शास्त्रीय संगीत की स्वर लहरियों का और वही उम्दा शायरी और सुमधुर तानो से सजी गज़लो का भी.

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“सलाम माँ तुझे सलाम”

 

AIR Bhopal :   सबसे पहले भोपाल के युवा संगीतकार उमेश तरकसवार के संगीत निर्देशन में भोपाल के ही युवा गायक गायिकाओं ने एक के बाद एक मधुर देश भक्ति गीतों से वातावरण मैं जोश से भर दिया. देश देशभक्ति गीतों की शुरुआत फारसी में लिखें गए तराने “सलाम माँ तुझे सलाम” से हुई तत्पश्चात तराना-ए -कफस से ली गई रचना ” हे वतन के वास्ते अक्सर वंदे मातरम” भी सुनाई. तत्पश्चात मंच पर पधारी देश की सुविख्यात गायिका शुभा मुदगल, जिन्होंने आज प्रस्तुति के लिए राग अपनी प्रस्तुति का आरम्भ राग गौड़ मल्हार से किया जिसमे दो
रचनायें प्रस्तुत की.

 

 

विलंबित रचना तिलवाड़ा ताल में निबद्ध एक पारम्परिक बंदिश थीं और मध्य लय रचना त्रिताल में निबद्ध जिनके रचयिता पंडित रामाश्रय झा “रामरंग” थे. इसके बाद आपने राग सरस्वती कल्याण में इन्ही की रची

दो रचनाएँ सुनाई जो कि क्रमशः रूपक और त्रिताल में निबद्ध थी. आपने गायन का समापन स्वयं रचित राग मिश्र मांड में संगीतबद्ध एक दादरा से किया. जिसके बोल लिखें है वाजिद अली शाह “अख़्तर” ने. श्रोता मन्त्रमुग्ध होकर शुभा जी की गायकी का आनंद लेते रहे. इनके साथ तबले पर संगत की अनीस प्रधान और हारमोनियम पर सुधीर नायक ने.

 

यें हिन्द यें मेरा वतन

 

AIR Bhopal : तत्पश्चात गज़लों की दुनिया के सशक्त हस्ताक्षर, लब्ध प्रतिष्ठित उस्ताद अहमद हुसैन और उस्ताद मोहम्मद हुसैन ने अपनी मखमली आवाज़ और ग़ज़लगोई के अंदाज़ से श्रोताओ को दाद देने और झूमने को मजबूर कर दिया. आपने सबसे पहले सुप्रसिद्ध भजन ‘गाईये गणपति जग वंदन’ प्रस्तुत किया. उसके बाद वतनपरस्ती से लेबरेज़ एक गीत ‘यें हिन्द यें मेरा वतन’ से श्रोताओं के मन में देशप्रेम की भावना जगा दी. उसके बाद एक के बाद एक गज़लों की प्रस्तुति देकर खूब तालियाँ और वाहवाही लूटी. भोपाल में हुसैन बन्धुओं के अनेक प्रशंसक हैं. जैसे जैसे कार्यक्रम आगे बढ़ता गया वैसे वैसे लोगों के मन में और ग़ज़लें सुनने का मोह बढ़ता चला गया.जिनमें मुख्य रूप से शामिल थी पारसा जयपुरी की लिखी ग़ज़ल “जो भी तुझे ए जाने वफा भूल गए हैं”, कमाल सिद्दीकी की लिखी गजल ‘जिंदा है इसलिए कि हमें तुमसे प्यार है’ हसरत जयपुरी का कलाम ‘ इश्क जब एक तरफ से हो तो सजा देता है’ को तो दर्शकों ने बहुत पसंद किया.

 

आज़ादी के पर्व का उत्साह

 

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AIR Bhopal : आकाशवाणी भोपाल के कार्यक्रम प्रमुख राजेश भट ने बताया कि आकाशवाणी द्वारा देश भर के अनेक शहरों में आज़ादी के पर्व को उत्साह पूर्वक मनाने के लिए इस तरह के आयोजन किये जा रहे है. उपमहानिदेशक यशवंत चिवंडे ने आपने उद्बोधन में कहा कि आकाशवाणी आज भी स्वस्थ मनोरंजन और सही सूचना श्रोताओं तक पहुंचाने में अपना विशिष्ट स्थान रखता है. कार्यक्रम का संचालन आकाशवाणी के वरिष्ठ उद्घोषक पुरुषोत्तम श्रीवास और अमिता त्रिवेदी ने किया.

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