वाशिंगटन। अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी डिपार्टमेंट (डीएचएस) ने H-1B वीजा चयन प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया है। रैंडम लॉटरी सिस्टम को समाप्त कर अब वेतन एवं स्किल आधारित वेज-वेटेड प्रणाली लागू की जाएगी। यह नया नियम 27 फरवरी 2026 से प्रभावी होगा और FY 2027 के H-1B कैप रजिस्ट्रेशन सीजन से लागू किया जाएगा।
डीएचएस के अनुसार, रजिस्ट्रेशन मार्च 2026 में शुरू होने की उम्मीद है तथा चुने गए उम्मीदवारों की नौकरियां 1 अक्टूबर 2026 से प्रारंभ होंगी। H-1B वीजा की कुल संख्या में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। रेगुलर कोटे के तहत 65,000 तथा एडवांस्ड डिग्री धारकों के लिए अतिरिक्त 20,000 वीजा जारी किए जाएंगे।
नई प्रणाली में आवेदनों का चयन रैंडम तरीके से नहीं होगा। इसके बजाय नियोक्ता द्वारा ऑफर किए गए वेतन स्तर के आधार पर वेटेज दिया जाएगा। उच्च वेतन ऑफर करने वाले आवेदनों की चयन संभावना अधिक होगी, जबकि कम वेतन वाले पद भी पात्र रहेंगे लेकिन उनकी संभावना कम होगी।
सरकार का उद्देश्य सिस्टम में धांधली एवं डुप्लीकेट फाइलिंग को रोकना है। विगत वर्षों में आरोप लगे थे कि कुछ कंपनियां कम वेतन वाले बड़ी संख्या में आवेदन दाखिल कर लॉटरी का दुरुपयोग कर रही थीं।
यूएस सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज (यूएससीआईएस) के प्रवक्ता मैथ्यू ट्रैगेसर ने कहा कि मौजूदा रैंडम प्रक्रिया का दुरुपयोग हो रहा था। कई नियोक्ता अमेरिकी कर्मचारियों से कम वेतन पर विदेशी कर्मचारियों को लाने का प्रयास कर रहे थे। नया सिस्टम कांग्रेस की मंशा के अनुरूप है तथा इससे अमेरिका की प्रतिस्पर्धात्मकता मजबूत होगी।
यह बदलाव विशेष रूप से भारतीय आवेदकों को प्रभावित करेगा, क्योंकि H-1B वीजा प्राप्तकर्ताओं में भारतीयों की हिस्सेदारी सबसे अधिक होती है।