मैच के दौरान लगाए ‘देश विरोधी’ नारे, दुकान पर चला बुलडोजर

मैच के दौरान लगाए 'देश विरोधी' नारे,

सिंधुदुर्ग। महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले के मालवण शहर में एक 15 वर्षीय लड़के और उसके माता-पिता को हिरासत में लिया गया है। यह कार्रवाई रविवार को भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच के दौरान कथित तौर पर “राष्ट्र-विरोधी” नारे लगाने की शिकायत के बाद की गई। इसके साथ ही, स्थानीय प्रशासन ने परिवार की कबाड़ की दुकान को भी बुलडोजर से ढहा दिया।

सिंधुदुर्ग के पुलिस अधीक्षक सौरभ अग्रवाल ने बताया कि घटना रविवार रात करीब 9:30 बजे की है, जब मैच चल रहा था। एक राहगीर ने दावा किया कि उसने लड़के को “राष्ट्र-विरोधी” नारे लगाते सुना। इसके बाद राहगीर और पड़ोसियों ने परिवार से बहस की, जो बाद में झड़प में बदल गई। स्थानीय लोगों की शिकायत के आधार पर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की। चूंकि लड़का नाबालिग है, उसे सुधार गृह भेज दिया गया, जबकि उसके माता-पिता को गिरफ्तार कर सोमवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने परिवार के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 196 (धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 197 (राष्ट्रीय एकता के लिए हानिकारक बयान देना) और 3(5) (साझा इरादे से कई व्यक्तियों द्वारा किया गया कार्य) के तहत मामला दर्ज किया है। सोमवार को स्थानीय निवासियों ने परिवार के खिलाफ मोटरसाइकिल रैली निकाली और आगे की कार्रवाई की मांग की। उत्तर प्रदेश का रहने वाला यह परिवार 15 साल पहले मालवण में आकर बस गया था।

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सोमवार को मालवण नगर परिषद ने परिवार की स्क्रैप दुकान को यह कहते हुए ढहा दिया कि यह अवैध रूप से बनाई गई थी। इस कार्रवाई के दौरान परिवार का एक वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गया। स्थानीय शिवसेना विधायक नीलेश राणे ने इस कार्रवाई का स्वागत किया और सोशल मीडिया पर दुकान के विध्वंस की तस्वीरें साझा कीं। उन्होंने परिवार को “बाहरी” करार देते हुए कहा, “हमने उनकी अवैध दुकान को नष्ट कर दिया है और आगे उन्हें जिले से बाहर निकालने की कोशिश करेंगे।”

मालवणात एक मुसलमान परप्रांतीय भंगार व्यवसायिक यानी काल भारत पाकिस्तान मॅच नंतर भारत विरोधी घोषणा दिल्या.
कारवाई म्हणून आम्ही या परप्रांतीय हरामखोराला जिल्ह्यातून हाकलून देणारच पण त्या अगोदर तात्काळ त्याचा भंगार व्यवसाय उध्वस्त करून टाकला.

मालवण लॉयर्स बार एसोसिएशन ने भी घोषणा की कि वे इस मामले में परिवार का प्रतिनिधित्व नहीं करेंगे। यह घटना भारत-पाकिस्तान चैंपियंस ट्रॉफी मैच के दौरान हुई, जिसमें भारत ने पाकिस्तान को छह विकेट से हराया था। इस मामले ने सोशल मीडिया पर भी बहस छेड़ दी है, जहां कुछ लोग कार्रवाई का समर्थन कर रहे हैं, तो कुछ इसे कानून और नैतिकता के खिलाफ बता रहे हैं। जांच अभी जारी है।

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