झांसी (यूपी): झांसी स्थित रानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के चाइल्ड वार्ड में शुक्रवार देर रात हुए भीषण अग्निकांड में 10 मासूम बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि 16 बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। पहले बताया जा रहा था कि आग शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी, लेकिन अब प्रत्यक्षदर्शियों के बयान ने इस मामले में नया मोड़ ला दिया है।
प्रत्यक्षदर्शी का खुलासा
हमीरपुर के रहने वाले भगवान दास, जो घटना के समय वार्ड में मौजूद थे, ने बताया कि ऑक्सीजन सिलेंडर के पाइप को जोड़ने के लिए एक नर्स ने माचिस की तीली जलाई। जैसे ही तीली जली, पूरे वार्ड में आग फैल गई। भगवान दास ने अपनी बहादुरी से 3-4 बच्चों को अपने गले के कपड़े में लपेटकर बचाया, जबकि अन्य लोगों की मदद से कुछ और बच्चों को सुरक्षित निकाला गया।
अधिकारियों का बयान
झांसी के चीफ मेडिकल सुपरिंटेंडेंट के अनुसार, हादसे के वक्त एनआईसीयू (नवजात गहन चिकित्सा इकाई) वार्ड में 54 बच्चे भर्ती थे। अचानक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में आग लगने से पूरे वार्ड में आग फैल गई। झांसी डिविजन के डीआईजी ने बताया कि आग पर पूरी तरह काबू पा लिया गया है और घायलों को शिफ्ट करने का कार्य जारी है।
सरकार की प्रतिक्रिया
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना का संज्ञान लेते हुए दुख व्यक्त किया है। उन्होंने अधिकारियों को 12 घंटे के भीतर घटना की विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही घायलों के इलाज के लिए हरसंभव मदद सुनिश्चित करने को कहा है।
घटना की वजह पर सवाल
शुरुआती जांच में शॉर्ट सर्किट को हादसे की वजह बताया गया था, लेकिन प्रत्यक्षदर्शी भगवान दास के बयान ने इस दावे को खारिज कर दिया है। उनके अनुसार, नर्स द्वारा माचिस जलाने के कारण यह त्रासदी हुई।
आग के दौरान मची अफरा-तफरी
आग लगते ही वार्ड में चीख-पुकार मच गई। बच्चों को बचाने के लिए वहां मौजूद परिजनों और स्टाफ ने हर संभव प्रयास किया। हालांकि, ऑक्सीजन से भरे वार्ड में आग तेजी से फैल गई, जिससे कई बच्चों को बचाना संभव नहीं हो सका।
पीड़ित परिवारों का दर्द
घटना के बाद अस्पताल में मौजूद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। हर कोई इस दर्दनाक हादसे से स्तब्ध है और जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग कर रहा है।
जांच जारी
पुलिस और प्रशासन ने घटना की जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि प्रत्यक्षदर्शियों के बयान और अन्य सबूतों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। इस हादसे ने अस्पतालों में सुरक्षा मानकों पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
5-5 लाख रुपये की आर्थिक मदद का ऐलान
यूपी की योगी सरकार ने मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने का ऐलान किया है और घायलों को 50 हजार की सहायता राशि दी जाएगी। वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने झांसी मेडिकल कॉलेज में आग लगने की घटना में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है और घायलों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे।