Gandhi Natura Colour Exhibition : गांधी की विरासत का उत्सव मनाने एक अनूठी कलात्मक और सांस्कृतिक प्रदर्शनी ‘गांधी नेचुरा कलर’ का आयोजन

Gandhi Natura Colour Exhibition :

Gandhi Natura Colour Exhibition :  पर्ल एकेडमी की गांधी नेचुरा कलर प्रदर्शनी

Gandhi Natura Colour Exhibition :  नयी दिल्ली !  पर्ल एकेडमी ने महात्मा गांधी की विरासत का उत्सव मनाने के लिए एक अनूठी कलात्मक और सांस्कृतिक प्रदर्शनी ‘गांधी नेचुरा कलर’ का आयोजनन किया है जो छह अक्टूबर तक चलेगी।


इस प्रदर्शनी की शुरुआत 2 अक्टूबर को आयोजित उद्घाटन समारोह के साथ हुई और यह प्रदर्शनी आम लोगों के लिए 3 से 6 अक्टूबर के बीच खुली रहेगी। इसके साथ ही, नई दिल्ली के राष्ट्रीय शिल्प संग्रहालय एवं हस्तकला अकादमी और रोम व सिडनी में भी इस प्रदर्शनी का उद्घाटन किया गया। यह प्रदर्शनी गांधी के अहिंसा, सत्य, सर्वोदय, स्वराज और धार्मिक बहुलतावाद के मूल दर्शन के प्रति श्रद्धांजली अर्पित करता है।


आपसी सहयोग के माध्यम से किए गए इस प्रयास में भारत की पर्ल एकेडमी, इटली की डेज़र्ट 2 एसोसियाज़ियोन कल्चराले और ऑस्ट्रेलिया की डे लुका 1937 / स्टुडियोलैब की रचनात्मक प्रतिभाओं को साथ आने का मौका मिला। यह प्रयास प्रकृति की खूबसूरती, रंगों के महत्व और पर्यावरण के अनुकूल जीवन के सिद्धांतों का उत्सव मनाता है जिसका गांधी जी ने समर्थन किया।


पर्ल एकेडमी के डीन (फैशन बिज़नेस इंटीरियर्स) एंटोनियो एम. ग्रिओली के मार्गदर्शन में पर्ल एकेडमी के अंडरग्रेजुएट टेक्सटाइल डिज़ाइन के छात्र, शिक्षकों और कारीगरों ने मिलकर खादी का इस्तेमाल करके कपड़े की शानदार कारीगरी की। खादी ऐसा कपड़ा है जो गांधी जी के सादगी और स्थायित्व के आदर्शों को दर्शाती है। तीन हिस्सों में बंटी इन कलात्मक डिज़ाइनों की प्रदर्शनी एक साथ भारत, इटली और ऑस्ट्रेलिया में लगाई गई। इसके साथ ही एक डिजिटल पोस्टर भी होगा जिसने इस पूरी प्रस्तुति में चार चांद लगा दिए। शिबोरी और बाटिक जैसी पारंपरिक तकनीकों के साथ-साथ इन कलात्मक कलाकृतियों में प्राकृतिक डाई और इनोवेटिव एआई-जेनरेटेड डिज़ाइन का इस्तेमाल किया गया और इसमें आधुनिक टैक्नोलॉजी और ज़मानों से पसंद की जाने वाली शिल्पकला का अनोखा मिश्रण पेश किया गया। प्रदर्शनी के बाद इन कलाकृतियों को आम लोगों के देखने के लिए दान में दे दिया जाएगा।


इस प्रदर्शनी में जेलाटो-टेस्टिंग अनुभव भी देखने को मिला जिसमें टेक्सटाइल आर्टवर्क से प्रेरित 11 अलग-अलग फ्लेवर देखने को मिले। ऑस्ट्रेलिया के जाने-माने जेलाटो मेकर लुईगी डे लुका ने अलग-अलग स्वाद देने वाले खानपान का अनुभव लोगों को मुहैया कराया जिन्होंने स्वाद को विज़ुअल आर्ट से जोड़कर पेश किया। इसके अलावा, आठ इटैलियन पेंटिंग की श्रृंखला ने प्रदर्शनी की शोभा को और भी बढ़ा दिया।


इन पेंटिंग को प्राकृतिक फैब्रिक और प्रोसेस्ड सब्जियों और फूलों के कचरे से मिले पर्यावरण के लिहाज़ से अनुकूल डाई का इस्तेमाल करके बनाया गया था। ‘गांधी नेचुरा कलर’ ने न सिर्फ गांधी जी की शिक्षाओं के प्रति श्रद्धांजली अर्पित की, बल्कि कला और स्थायी प्रक्रियाओं के माध्यम से पर्यावरण का सम्मान करने और उनकी सुरक्षा करने के महत्व पर ज़ोर दिया। यह प्रदर्शनी संस्कृति और साझा मूल्यों का विचारों को गति देने वाला उत्सव बनकर उभरा।


श्री ग्रिओली ने कहा, “ चूंकि हम तीन देशों को एकजुट कर रहे हैं, ऐसे में हम गर्व के साथ वैश्विक स्तर पर परिवर्तनकारी बदलावों के साथ नए भारत को पेश कर रहे हैं। गांधी-नेचुरा-कलर नामक अपने प्रयास के माध्यम से हम डिज़ाइन शिक्षा के क्षेत्र में भारत की अग्रणी भूमिका का उत्सव मना रहे हैं और साथ ही भारत, इटली और ऑस्ट्रेलिया के बीच अंतर-सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा दे रहे हैं।

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Gandhi Natura Colour Exhibition :  आकर्षक कपड़ों से लेकर इटली की लुभावनी पेंटिंग और जेलाटो क्रिएशंस तक हर कलाकृति गांधी जी के दर्शन और शिक्षाओं से प्रेरित थी और ये बहुआयामी अनुभव देती हैं। साथ मिलकर हम आपसी सहयोग, इनोवेशन और शांति व स्थायित्व के मूल्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं जिसमें गांधी जी को महारत थी और इससे उज्ज्वल व स्थायी भविष्य के नए रास्ते खुलते हैं।”

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