जवानों ने सिक्किम के नदी-तालाब में वॉर सीन क्रिएट किया
नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना ने थलसेना और नौसेना के साथ चीन बॉर्डर से लगे सिक्किम के हाई एल्टीट्यूड एरिया में हेलोकास्टिंग और डाइविंग एक्सरसाइज की। यह कॉम्बैट ट्रेनिंग सिक्किम जैसे दूर-दराज वाले इलाकों में युद्ध जैसे हालात बनने पर सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन में जवानों की मदद करती है। इस स्पेशल प्रैक्टिस के फोटो और वीडियो शुक्रवार शाम भारतीय वायुसेना ने अपने सोशल मीडिया पर शेयर किए। साथ ही लिखा कि तीनों सेनाओं ने एक्स्ट्रीम वैदर कंडीशन में डाइविंग एक्सरसाइज की। हालांकि सेना ने यह कॉम्बैट प्रैक्टिस कब की, इसका खुलासा नहीं किया गया है।
हेलोकास्टिंग ट्रेनिंग क्या है
हेलोकास्टिंग ट्रेनिंग में सेना में शामिल तैराक और गोताखोर जवान युद्धाभ्यास करते हैं। इन जवानों को अलग-अलग क्षेत्रों जैसे पहाड़ों, मैदानों के वॉटर सोर्स या समुद्र में हेलिकॉप्टर और नावों के जरिए ड्रॉप किया जाता है, ताकि वे रियल वॉर सीन क्रिएट करके सर्चिंग और रेस्क्यू की प्रैक्टिस कर सकें। हेलोकास्टिंग के जरिए मैरीटाइम इक्विपमेंट्स और हथियारों को भी पानी में फेंका जाता है। हेलोकास्टिंग को मुश्किल हालात में ऑपरेशनल चैलेंजेस के लिए एयरक्रू और ग्राउंड वर्कर्स को तैयार करने के लिए डिजाइन किया गया है।