leadership हम केवल डिग्री धारक युवा तैयार न करें : मोदी
leadership वाराणसी . प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मूल उद्देश्यों का जिक्र करते हुए कहा है कि इस नीति का पहला मूलमंत्र युवाओं को संकुचित सोच से निकालकर, leadership उन्हें तकनीकी और उन्नत सोच की ओर ले जाना है, जिससे सिर्फ डिग्री धारक युवाओं की फौज खड़ी करने से देश को बचाया जा सके।
leadership मोदी ने गुरुवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर अखिल भारतीय शिक्षा समागम को संबोधित करते हुए कहा कि आज़ादी के पहले शिक्षा का मकसद शिक्षित लोग नहीं बल्कि सेवक वर्ग तैयार करना था।
leadership वो अंग्रेज़ों की शिक्षा पद्धति थी, लेकिन अब ऐसी शिक्षा पद्धति की जरूरत है जो केवल युवाओं को डिग्रीधारक न बनाये बल्कि उनमें नेतृत्व की क्षमता भी पैदा करे।
leadership उन्होंने कहा, “हम केवल डिग्री धारक युवा तैयार न करें, बल्कि देश को आगे बढ़ने के लिए जितने भी मानव संसाधनों की जरूरत हो, वो सब हमारी शिक्षा व्यवस्था देश को दे।
leadership इस संकल्प का नेतृत्व हमारे शिक्षकों और शिक्षण संस्थानों को करना है।” मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मूल आधार, शिक्षा को संकुचित सोच के दायरों से बाहर निकालना और उसे 21वीं सदी के आधुनिक विचारों से जोड़ना है।
leadership मोदी ने नयी शिक्षा नीति के महत्व का उल्लेख करते हुए कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति अब मातृभाषा में पढ़ाई के रास्ते खोल रही है। इसी क्रम में, संस्कृत जैसी प्राचीन भारतीय भाषाओं को भी आगे बढ़ाया जा रहा है।
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उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लिए देश के शिक्षा क्षेत्र में व्यापक पैमाने पर ढांचागत सुविधाओं को दुरुस्त करने पर भी काम हुआ है।
इसी का नतीजा है कि आज देश में बड़ी संख्या में नये कॉलेज, विश्वविद्यालय, आईआईटी और आईआईएम की स्थापना हो रही है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “नई शिक्षा नीति में पूरा फोकस बच्चों की प्रतिभा और उनकी रुचि के हिसाब से उन्हें स्किल्ड बनाने पर है।
हमारे युवा स्किल्ड हों, आत्मविश्वास से भरे हों, व्यवहारिक और परिस्थितियों का अांकलन करने वाले हों, शिक्षा नीति इसके लिए जमीन तैयार कर रही है।”
leadership वाराणसी में हो रहे शिक्षा समागम के महत्व का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “ये शिक्षा समागम उस पवित्र धरती पर हो रहा है, जिस धरती पर आज़ादी से पहले एक शिक्षा का केंद्र स्थापित हुआ था।
देश में आज़ादी का अमृत काल चल रहा है, विद्या ही अमरत्व का मार्ग है, काशी को मोक्ष का स्थान माना गया है और विद्या का बोध केंद्र यहीं स्थापित हुआ।”
leadership उन्होंने कहा कि बनारस शिक्षा और ज्ञान का केंद्र था, क्योंकि यहां की शिक्षा और ज्ञान बहुआयामी थी। मोदी ने कहा कि नये भारत के निर्माण के लिए आधुनिक व्यवस्थाओं का समावेश होना जरूरी है।
देश को आगे बढ़ने के लिए जितने भी मानव संसाधनों की जरूरत हो, वे सभी शिक्षा व्यवस्था को देश के लिये मिलने का संकल्प लेना चाहिये। इस संकल्प का नेतृत्व शिक्षकों और शिक्षण संस्थानों को करना है।
leadership प्रधानमंत्री ने तकनीक के क्षेत्र में आ रहे बदलावों का जिक्र करते हुए कहा कि स्पेस टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में जहां पहले केवल सरकार ही सब काम करती थी, वहां अब निजी क्षेत्र की भागीदारी से युवाओं के लिए नई दुनिया बन रही है।
leadership देश की बेटियों के लिए, महिलाओं के लिए भी जो क्षेत्र पहले बंद हुआ करते थे, आज वे क्षेत्र बेटियों की प्रतिभा के उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, “कोरोना की इतनी बड़ी महामारी से हम न केवल इतनी तेजी से उबरे, बल्कि आज भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ रही बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में एक हैं।
आज हम दुनिया के तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप इकोसिस्टम हैं।”
leadership गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने दोपहर बाद वाराणसी पहुंचने पर स्थानीय एलटी कॉलेज में ‘अक्षय पात्र मध्यान्ह भोजन रसोई’ का उद्घाटन किया। इस रसोई में लगभग एक लाख बच्चों के भोजन की आपूर्ति करने की क्षमता है।
इससे पहले वाराणसी पहुंचने पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हवाईअड्डे पर उनकी अगवानी की।
इस दौरान अखिल भारतीय शिक्षा समागम को संबोधित करते हुए योगी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने ज्ञान के सभी द्वार खोले हैं।
leadership इसके लिए देश भर के शिक्षाविदों का आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि काशी सांस्कृतिक शिक्षा की प्राचीन राजधानी रही है।
महामना ने यहीं काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना की थी। इस शिक्षा समागम में मंथन से जरूर कोई नया मार्ग निकलेगा।
leadership योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय शिक्षा नीति को स्नातक स्तर पर लागू कर चुका है। इसी क्रम में राज्य सरकार तकनीकी शिक्षा क्षेत्र में भी इस नीति को आगे बढ़ाने की ओर अग्रसर है।
उन्होंने प्रदेश के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों को नवाचार के माध्यम से जोड़ने की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि छात्र छात्राओं को शासन की योजनाओं की भी जानकारी देना आवश्यक होता है।
जब छात्र शिक्षा पूरी करके निकले तो उसके सामने भविष्य की पूरी जानकारी हो तभी शिक्षा प्रणाली उसके लिए लाभदायक साबित होगी।
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने वाराणसी में विभिन्न विकास परियोजनाओं का लोकार्पण करते हुए कहा कि उनके लिये विकास का अर्थ सिर्फ चमक-धमक नहीं है, बल्कि गरीब, दलित, वंचित, पिछड़े, आदिवासी और माताओं बहनाें सहित सभी का सशक्तिकरण होना ही विकास है।
leadership मोदी ने यहां लगभग 1700 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाली विकास परियोजनाओं के लोकार्पण समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार ने हमेशा गरीब की समस्याओं का समाधान करने का प्रयास किया है, उसके सुख-दुख में साथ देने का प्रयास किया है।
उन्होंने कहा, “कोरोना की मुफ्त वैक्सीन से लेकर गरीबों को मुफ्त राशन की व्यवस्था तक, सरकार ने आपकी सेवा का कोई अवसर छोड़ा नहीं है।”
मोदी ने कहा कि एक तरफ सरकार देश के शहरों को धुआं मुक्त करने के लिए सीएनजी से चलने वाली गाड़ियों के परिचालन की सुविधाओ का विस्तार कर रही है।
leadership वहीं दूसरी तरफ मां गंगा का ध्यान रखने वाले नाविकों की डीजल और पेट्रोल से चलने वाली नावों को सीएनजी से जोड़ने का भी विकल्प दिया जा रहा है।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने वाराणसी में आने वाले सैलानियों की संख्या में इजाफा होने का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, “सावन बहुत दूर नहीं है।
देश और दुनिया से बाबा विश्वनाथ के भक्त भारी संख्या में काशी आने वाले हैं।विश्वनाथ धाम परियोजना पूरी होने के बाद सावन का ये पहला उत्सव होगा।
विश्वनाथ धाम को लेकर पूरी दुनिया में कितना उत्साह है, ये आपने बीते महीनों में खुद अनुभव किया है।”
प्रधानमंत्री ने काशी वासियों की प्रशंसा करते हुए कहा, “काशी के जागरूक नागरिकों ने जिस तरह देश को दिशा देने वाला काम किया है, उसे देखकर मैं आनंदित हूं।
काशी के नागरिकों ने पूरे देश को संदेश दे दिया है कि शॉर्ट-कट से देश का भला नहीं हो सकता।”
leadership काशी के महत्व का भी जिक्र करते हुए माेदी ने कहा कि काशी हमेशा से जीवंत, निरंतर प्रवाहमान रही है। अब काशी ने एक तस्वीर पूरे देश को दिखाई है, जिसमें विरासत भी है और विकास भी है।
गौरतलब है कि इस मौके पर मोदी ने 1,774 करोड़ रुपये की लागत वाली 43 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया।