हिंगोरा सिंह
अंबिकापुर। बलरामपुर जिले के विशेष सन्दर्भ में” विषय पर दिनांक 6 से 10 नवम्बर 2024 को पांच दिवसीय “राष्ट्रीय कार्यशाला” का आयोजन सरगवाँ पैलेस रिसॉर्ट्स में किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में दिनांक 6 नवम्बर 2024 को मुख्य अतिथि के रूप में सरगुजा सांसद श्री चिंतामणि महाराज रहे, विशिष्ट अतिथि के रूप में श्रीमती रेना जमील (IAS- CEO) सी ई ओ जिला पंचायत बलरामपुर, डॉ. पुनीत कुमार राय प्राचार्य शंकरगढ़ महाविद्यालय, श्री एन के सिंह प्रभारी प्राचार्य बलरामपुर, शासकीय महाविद्यालय एवं श्री मनीष यादव प्रभारी प्राचार्य शासकीय महाविद्यालय राजपुर रहे कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता प्रो.राजीव प्रकाश डायरेक्टर आई.आई.टी. भिलाई के द्वारा कि गई । इस समस्त कार्यक्रम के संयोजक डॉ. नितेश कुमार मिश्र हैं जो पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर के वरिष्ठ सहायक प्राध्यापक हैं ।
इस कार्यक्रम में कई प्रदेशों से विषय विशेषज्ञ आये हैं इनमें डॉ. प्रशांत सिंह, अमरकंटक विश्वविद्यालय, डॉ अनिल टमटा, अम्बिकापुर के जयेश वर्मा, डा. मुकेश सिंह अहिरवार, डॉ एस बी ओट आदि सम्मिलित हैं ।
इस कार्यशाला में पर्यटन से परिचय, पर्यटन के मूल घटक, विरासत पर्यटन, पर्यटन व्यवसाय, साहसिक पर्यटन, आदिवासी पर्यटन आदि विषयों पर पांच दिनों तक व्याख्यान हो रहे हैं ।
दिनांक ये 6/11 को पर्यटन से परिचय विषय पर डॉ श्यामनारायण सिंह, पर्यटन के मूल घटक पर डॉ प्रशांत कुमार सिंह दिनांक 7/11 को पर्यटन व्यवसाय विषय पर डॉ दीपक त्रिपाठी, विरासत पर्यटन पर डॉ पुनीत राय, साहसिक पर्यटन पर डॉ मुकेश सिंह अहीरवार, आदिवासी पर्यटन विषय पर डॉ दिनेश कुमार परस्ते का एवं दिनांक 9/11 को अम्बिकापुर के जयेश वर्मा द्वारा “सरगुजा क्षेत्र में पर्यटन का वर्तमान परिदृश्य” विषय पर व्याख्यान दिया गया और उत्तराखण्ड से आये डॉ अनिल कुमार तामता द्वारा आतिथ्य व्यवसाय विषय पर हिमांशु शेखर द्वारा टूर गाइडिंग और एस्कोर्टिंग पर डॉ प्रशांत कुमार सिंह द्वारा पर्यटन उद्योग में रोजगार के अवसर विषय पर व्याख्यान दिया गया , इस कार्यशाला में देश के विभिन्न भागों से विषय विशेषज्ञ आए हैं उनके साथ साथ बलरामपुर, शंकरगढ़ और राजपुर महाविद्यालय के 45 छात्र छात्राएँ भाग ले रहे हैं सभी को बलरामपुर के पर्यटन स्थलों का भ्रमण भी कराया गया! यह कार्यशाला विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी विभाग DST (भारत सरकार) द्वारा वित्त पोषित है तथा IIT भिलाई से सहयोग प्राप्त है