दिपेश रोहिला
पत्थलगांव। लोकआस्था के महापर्व छठ पूजा पत्थलगांव क्षेत्र सहित पूरे जिले में धूमधाम से मनाया गया। तृतीय और चतुर्थ दिवस भास्कर भगवान को संध्या और प्रातः अर्घ्य देने के लिए किलकिलेश्वर धाम में भारी संख्या में छठ व्रति समेत सैंकड़ों परिवारों के सदस्य पहुंचे। यहां गुरुवार की दोपहर 2 बजे से ही घाट पर पहुंचकर छठ व्रतियों ने पूजन सुव्यवस्थित करने में लगे हुए थे। वहीं 4 बजते तक सैकड़ों की संख्या में कई छठ व्रतियों ने गाजे बाजे,ढोल नगाड़ों और आतिशबाजी के साथ पहुंचना शुरू कर दिया। देखते ही देखते भारी संख्या में भीड़ उमड़ पड़ी। यहां विधि विधान के साथ अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को छठ व्रतियों सहित परिवारजनों ने संध्या 5 बजकर 35 मिनट पर अर्घ्य दिया। एवं चौथे दिन शुक्रवार की सुबह छठ व्रतियों के उदयाचलगामी सूर्यदेव को अर्घ्य देने के साथ ही महापर्व का समापन हुआ।
इस मौके पर गुरुवार की देर शाम छठ महापर्व के त्यौहार को असली रंग देने के लिए किलकिलेश्वर धाम में छठ गीतों एवं भजन संध्या कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जिसमें उत्तरप्रदेश से आए गायक गायिकाओं ने 6 बजे से लेकर रात्रि 11 बजे तक अपनी सुरीली आवाजों से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उक्त कार्यक्रम में मुख्यअतिथि के तौर पर सरगुजा विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष (कैबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त) एवं पत्थलगांव विधायक श्रीमती गोमती साय, विशिष्ट अतिथि पुलिस अधीक्षक जशपुर शशि मोहन सिंह,श्री श्री 1008 बाबा कपिल दास मुनि बाबा (किलकिला),पूर्व गौ सेवा आयोग सदस्य शेखर त्रिपाठी, वीरेंद्र सिंह,जय प्रताप सिंह राजपूत,राजेंद्र अग्रवाल मंच पर उपस्थित रहे। इस भजन संध्या की शुरुआत श्रीमती साय एवं अतिथियों द्वारा मां सरस्वती के छायाचित्र पर पुष्प अर्पित कर की गई।
इसके पश्चात बिहार की स्वर कोकिला एवं अधिकांश छठी माई के गीतों को जन-जन तक पहुंचने वाली स्व. शारदा सिन्हा को सिंगर श्रीमती एकता मालन,सुश्री राजनंदिनी सिंह व कलाकारों ने वाणी से श्रद्धांजलि देते हुए अपने गीतों और भजनों की शुरुआत की। इस दौरान कांच ही बांस के बहंगिया,उगा हो सुरूज देव,जोड़े जोड़े फलवा,छठ में पूरा पत्थलगांव झूमे ला, हिंदी भजनों में बम बम बोल रहा है काशी,राधे राधे सहित अनेकों छठ के मनमोहक नए–पुराने भजन गीतों में श्रद्धालु जमकर थिरकते दिखे। यहां पहुंच रहे श्रद्धालुओं के लिए भंडारे का आयोजन राजेंद्र अग्रवाल एवं परिवार द्वारा किया गया था,जिसमें प्रसाद ग्रहण कर लोग पुण्य के भागी बने।
कार्यक्रम में अपने उद्बोधन में श्रीमती गोमती साय ने कहा कि छठ महापर्व खासकर बिहार, झारखंड, उत्तरप्रदेश राज्यों में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है परंतु कुछ वर्षों से छत्तीसगढ़ सहित अनेकों राज्यों में भी इसे धूमधाम से मनाया जा रहा है जो की अत्यंत ही हर्ष का विषय है, उन्होंने कहा कि पृथ्वी पर साक्षात भगवान के दर्शन जिनका हो सके वह सूर्य देवता ही है जिनकी बहन माता छठी कहलाती है। इस महापर्व में छठ व्रतियों द्वारा 36 घंटे तक निर्जला उपवास रखा जाना कोई आम बात नहीं है भगवान सूर्यदेव और माता षष्ठी की ही शक्ति है जो निर्जला व्रत रखकर अनुष्ठान किया जाता है। उन्होंने क्षेत्र वासियों के सुख समृद्धि की मंगल कामना की।
वही पूर्व गौ सेवा आयोग के सदस्य शिखर त्रिपाठी ने अपने उद्बोधन में कहा कि छठ महापर्व त्यौहार ही नहीं एक भावना है, एक परिवार में आए दरार को खत्म करने की यह एक विधि है, अपने रिश्तों में आए खटास को मिठास में बदलने का एक तरीका है, उन्होंने आगे कहा कि छठ पूजा यह पूजन ही नहीं बल्कि आस्था है, यही एकमात्र पूजा है जहां सूर्यदेव की हर रूप में पूजा की जाती है, उगते सूर्य की तो हर कोई पूजा करता है परंतु छठ एकमात्र ऐसी पूजा है जिसमें डूबते सूर्य को भी अर्घ्य दिया जाता है।
इस मौके पर जशपुर पुलिस अधीक्षक शशि मोहन सिंह ने छठ महापर्व की क्षेत्रवासियों को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि देशभर में अब इस महापर्व को बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है, भगवान सूर्यदेव और छठी मैया के प्रति अपार श्रद्धा और भक्ति रखने वालों कि प्रत्येक मनोकामनाएं पूर्ण हो। उन्होंने कहा कि छठ महापर्व के मौके पर किलकिलेश्वर धाम में भजन संध्या का आयोजित किया जाना अत्यंत ही हर्ष का विषय है जिसे लेकर अत्यंत उत्सुकता से स्वयं जशपुर से पत्थलगांव आया हूं।
उक्त भजन संध्या के समापन की घोषणा एवं कार्यक्रम में मंच संचालन पत्थलगांव प्रेस क्लब अध्यक्ष एवं जशपुरांचल संपादक विजय त्रिपाठी द्वारा की गई। इस पूरे भजन संध्या कार्यक्रम में अनुविभागीय अधिकारी पुलिस डॉ. ध्रुवेश जायसवाल,थाना प्रभारी विनीत पाण्डेय एवं उनकी टीम द्वारा सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद रखी गई थी।