सरायपाली :- ओडिशा के झारसुगड़ा के पास ग्राम किरमिरा में पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ पड़ने वाले मतदान का मामला अब पूरी तरह राजनीतिक होने के साथ साथ अब यह मामला पुलिस तक भी पहुंच गया है । जिस तरह से इस मामले को पहुंच दिया गया है इसके खिलाफ झारसुगड़ा में कलेक्ट्रेट के सामने पीड़ित पक्षो द्वारा जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया गया है । झारसुगड़ा से मिली जानकारी के अनुसार यह मामला आगे जाकर और तूल पकड़ सकता है । इस घटना को लेकर ओड़िसा व छत्तीसगढ़ सरकार के कार्यशैली को लेकर बीजेडी में काफी आक्रोश दिखाई दे रहा है । इस घटना के संबंध में पूर्व सीएम नवीन पटनायक द्वारा छत्तीसगढ़ के सीएम को लिखा गया अनुरोध पत्र भी किसी काम नही आया ।
इस घटना के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार झारसुगड़ा के ग्राम किरमिरा में ब्लाक अध्यक्ष पद पर बिष्णु प्रिय साहू पहले बीजेडी दल से चुनी गई थी बाद में सरकार बदल जाने के बाद उसके भाजपा में शामिल हो जाने से पंचायत प्रतिनिधियों व पार्टी कार्यकर्ताओं ने विरोध करते हुवे अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था। इस हेतु शुक्रवार को मतदान होना था । मतदान के पूर्व अपने समर्थकों , सरपंचों व पंचायत प्रतिनिधियों के साथ बीजेडी सरकार में कद्दावर नेता माने जाने वाले स्वास्थ्य मंत्री रहे नबो दास के बेटे विशाल दास महासमुंद घूमने आए थे व मतदान के लिए वापस जा रहे थे । रात्रि में सरायपाली बस स्टैण्ड स्थित राधिका इन होटल में मैनेजर भोई व पुलिस वालों के साथ झीना झुपट्टी ,होटल में बलात प्रवेश व बलवा किये जाने के आरोप में विशाल दास सहित 12 बीजेडी कार्यकर्ताओ के खिलाफ धारा 147 , 191/2 ,331 ,186, 221 व 121अ के तहत अपराध पंजीबद्ध कर सभी आरोपियों का बयान दर्ज कर व नोटिस दिए जाने के 15 -16 घंटो के बाद छोड़ा गया । पुलिस रिकार्ड में व वेबसाइड में प्रकरण संवेदनशील कहकर इसे अपलोड नही किया गया है ।
इस संबंध में बीजेडी के वरिष्ठ नेता व बरगढ़ के पूर्व विधायक देवेश आचार्य ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुवे कहा कि देश व राज्यो में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत सभी कार्य किये जाते हैं । किरमिरा के पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा लोकतांत्रिक तरीके से अविश्वास प्रस्ताव अध्यक्ष के खिलाफ लाया गया था ।यह सभी का लोकतांत्रिक अधिकार है । शुक्रवार को इस पर मतदान होना था पर एक पंचायत स्तर के प्रक्रिया में ओडिशा व छत्तीसगढ़ की भाजपा की सरकार व उसके प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा चुने हुवे जनप्रतिनिधियों , वरिष्ठ कार्यकर्ताओ व महिलाओं तक को झूठे प्रकरणों में फंसा कर व उन्हें बलात रूप से होटल व थाने में ले जाकर उन्हें मतदान किये जाने से रोका गया है । यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया व लोकतंत्र की दोनों सरकारों द्वारा हत्या की गई है । इस मामले में ओड़िसा के वरिष्ठ व सम्मानीय मुख्यमंत्री रहे नवीन पटनायक द्वारा छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री को इस मामले में दखल देते हुवे अनुरोध पत्र का भी भाजपा सरकारों ने सम्मान नही किया यह और ही दुखद घटना है ।
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पूर्व विधायक देवेश आचार्य ने कहा कि इस घटना को लेकर पार्टी कानूनी प्रक्रिया व मामले को न्यायालय ले जाने पर भी विचार कर रही है ।
इस संबंध में पूर्व मंत्री के बेटे विशाल दास ने कहा कि उन सभी लोगो पर जो आरोप लगाए गए हैं वह पूर्णत निराधार व झूठे हैं ऐसी कोई भी घटना घटित नही हुई है । वे निर्वाचित प्रतिनिधि हैं उन्हें भी नियम कानूनों की जानकारी है । नियम विरुद्ध कुछ भी आचरण नही किया गया है । अपने एक दलबदलू पंचायत अध्यक्ष को बचाने व उसे सरंक्षण देने के लिए दोनों भाजपा शाषित राज्यों द्वारा षड्यंत्र पूर्वक सभी निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ झूठे प्रकरणों में फंसाया गया है साथ ही उन्हें मतदान प्रक्रिया में भाग लिए जाने से भी जबरन रोका गया । हम कानूनी रूप से भी इस गैरकानूनी रूप से पंजीबद्ध किये गए प्रकरण के खिलाफ लड़ाई लड़ेंगे ।
ज्ञातव्य हो कि विशाल दास की बहन दीपाली दास ( पूर्व विधायक ) द्वारा इस घटना के खिलाफ कल झारसुगड़ा में कलेक्ट्रेट कार्यालय के समक्ष अपने सैकड़ो समर्थकों के साथ विरोध प्रदर्शन किया गया था । इस घटना को लेकर गांव में भी असंतोष व्याप्त है ।