बड़ी खबर- Chhattisgarh शराब घोटाला, Vijay Bhatia को नहीं मिली राहत

हाईकोर्ट ने रिट याचिका खारिज की

कारोबारी के वकील ने गिरफ्तारी को लेकर उठाए थे सवाल

बिलासपुर 

 छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में आरोपी कारोबारी विजय भाटिया को हाईकोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है। भाटिया की ओर से दाखिल रिट याचिका को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा की डिवीजन बेंच ने गुरुवार को खारिज कर दिया। शराब कारोबारी ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से आपराधिक मामले में रिट याचिका लगाई थी। इस मामले में चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा की डिवीजन बेंच में गुरुवार को सुनवाई हुई।

गिरफ्तारी को लेकर उठाया था सवाल

शराब कारोबारी भाटिया की ओर से सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा ने अदालत में पक्ष रखते हुए कहा कि एसीबी (ACB) ने बिना समन के उन्हें गिरफ्तार किया। इसके साथ ही उन्होंने यह भी तर्क दिया कि एफआईआर दर्ज होने के बाद भी एक साल तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।

वहीं, एसीबी की ओर से अधिवक्ता सौरभ पांडे ने अदालत को बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए करीब 300 गवाहों से पूछताछ की गई है और सबूत जुटाने में समय लगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आरोपी को ईडी (ED) ने पूछताछ के बाद 31 मई 2025 को दोपहर में एसीबी के हवाले किया, और फिर 24 घंटे के भीतर 1 जून को रायपुर में मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया। सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद, हाईकोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया।

विदेश भागने की कोशिश से पहले ही दिल्ली से हुई गिरफ्तारी

31 मई को दिल्ली से विजय भाटिया को गिरफ्तार किया गया था। ईओडब्ल्यू (EOW) को जानकारी मिली थी कि वह अपने परिवार के साथ विदेश भागने की तैयारी में था, जिसके चलते समय रहते उसे हिरासत में ले लिया गया। जांच में खुलासा हुआ है कि भाटिया ने विदेशी कंपनी की शराब सप्लाई कर 15 करोड़ रुपए से अधिक का कमीशन लिया, और इस धनराशि को प्रॉपर्टी में निवेश किया गया। साथ ही, भाटिया और कारोबारी बंसल के खातों से कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं व उनके करीबियों के खातों में संदिग्ध लेन-देन के प्रमाण भी जांच एजेंसियों को मिले हैं। फिलहाल इसकी जांच चल रही है।