वादे पर अमल की प्रतीक्षा
भाटापारा। स्वतंत्रता दिवस सामने है,भाटापारा की आम जनता की उम्मीदें एक बार फिर से प्रदेश सरकार की ओर है कि इस 15 अगस्त में भाटापारा जिले की घोषणा जरूर होगी। 42 साल से जिले के लिए संघर्षरत आम जनता की उम्मीदें अब साय सरकार पर टिकी हुई है।
विदित हो कि 2023 में तत्कालीन विधायक ने जिला निर्माण संघर्ष समिति के बैनर में आयोजित धरने पर यह आश्वासन दिया था कि प्रदेश में भाजपा की सरकार आने पर भाटापारा को स्वतंत्र जिले का दर्जा दिया जाएगा । आज प्रदेश में भाजपा की सरकार है और लगभग 7 महीने व्यतीत भी हो चुके हैं। अब यहां की आम जनता उनसे उम्मीद कर रही है कि वादे के मुताबिक वे भाटापारा को स्वतंत्र जिले का दर्जा जरूर दिलाएंगे।
चुनावी सभा में भी मिला था आश्वासन
2023 के विधानसभा चुनाव के दौरान लोकोत्सव मैदान में आयोजित भाजपा की चुनावी सभा में असम राज्य के मुख्यमंत्री हेमंताविश्वा शर्मा की उपस्थिति में भी भाटापारा की आम जनता को आश्वस्त किया गया था कि भाजपा की सरकार बनते ही भाटापारा स्वतंत्र जिला बनेगा। अब यहां की जनता उम्मीद लगाए बैठी है कि भाटापारा स्वतंत्र जिला जरूर बनेगा।
15 अगस्त के दिन झंडोत्तोलन के उपरांत मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश में कई जन कल्याणकारी योजनाओं की घोषणा की जाती है। इस बार भी भाटापारा की जनता उम्मीद लगाए बैठी है कि भाटापारा को स्वतंत्र जिला बनाने की घोषणा मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय 15 अगस्त के दिन जरूर करेंगे।
जिला बनने से ही होगा विकास
विडंबना ही है कि प्रदेश की सबसे बड़ी नगर पालिका होने के बावजूद भाटापारा विकास को तरस रहा है। मूलभूत सुविधाओं की यहां भारी कमी है। भाटापारा में समस्याओं का अंबार है। चिकित्सा, खेल एवं अन्य मूलभूत सुविधाओं के लिए भाटापारा दूसरे बड़े शहर पर आश्रित है। ऐसे में यहां की जनता यह मान चुकी है इस क्षेत्र का संपूर्ण विकास तभी होगा जब भाटापारा जिला बनेगा अन्यथा इस क्षेत्र में विकास की बात करना बेमानी होगी।