Anti corruption bureau : भ्रष्टाचार में लिप्त यूआईटी के तत्कालीन उप सचिव सहित पांच को तीन-तीन वर्ष की सजा

Anti corruption bureau :

Anti corruption bureau यूआईटी के तत्कालीन उप सचिव सहित पांच को तीन-तीन वर्ष की सजा

Anti corruption bureau अलवर !  राजस्थान के अलवर में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की अदालत ने नगर विकास न्यास अलवर के तत्कालीन उप सचिव सहित पांच आरोपियों को आज तीन -तीन वर्ष की सजा सुनाई।

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Anti corruption bureau विशिष्ट लोक अभियोजक अशोक भारद्वाज ने बताया कि नगर विकास न्यास की अल्प आय आवास योजना के तहत शिवाजी पार्क योजना में 1986 में शिवाजी पार्क निवासी निर्मला गुप्ता एवं राजेंद्र गुप्ता के नाम अलॉटमेंट हुआ था।

यह 7 आवास आलोट हुए थे। इसके लिए वर्ष 2003 में नगर विकास न्यास में लीज डीड के लिए आवेदन किया गया था और लीज डीड के लिए रिपोर्टिंग की गई। जिसमें हल्का पटवारी से लेकर सभी अधिकारी जिसमें 34880 रूपए लीज जमा होनी थी।

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Anti corruption bureau  रिपोर्ट के दौरान लाभार्थियों ने अतिक्रमण किया हुआ था। सभी आवासीय मकानों का उपयोग शिक्षा संस्था के रूप में किया गया। नाम परिवर्तन के लिए भी उन्होंने आवेदन किया था। उन्होंने उक्त राशि 34880 रूपए की जगह 20880 रूपए ही जमा कराएं। नगर विकास न्यास को द्वारा सीधा 14000 रूपए का नुकसान हुआ।

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Anti corruption bureau : भ्रष्टाचार में लिप्त यूआईटी के तत्कालीन उप सचिव सहित पांच को तीन-तीन वर्ष की सजा


इसमें नगर विकास न्यास के तत्कालीन उप सचिव देवेंद्र सिंह ढिल्लों ,कार्यालय अधीक्षक रामेश्वर दयाल एवं कनिष्ठ लिपिक कमला सेन शामिल थी। इसके अलावा लाभार्थी निर्मला गुप्ता और राजेंद्र गुप्ता शामिल थे। इस मामले की शिकायत 2008 में की गई की राजस्व को नुकसान पहुंचाया गया है। शिकायत का सत्यापन कराया गया शिकायत सही पाई गई और इसकी जांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्तर पर की गई जिसमें सभी को दोषी पाया गया।


मामला अदालत तक पहुंच गया। नगर विकास के तत्कालीन अधिकारियों ने यूआईटी को 14000 रूपए का राजस्व नुकसान पहुंचाया। इस षड्यंत्र में दोष साबित होने पर सभी आरोपियों को तीन-तीन वर्ष का कठोर कारावास तथा 35 – 35 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है।

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