:राजेश राज गुप्ता:
कोरिया। जिले के शिवपुर-चरचा क्षेत्र में आवारा कुत्तों का आतंक अब चरम पर पहुंच गया है। बुधवार की देर रात एक पागल कुत्ते ने 15 लोगों को बुरी तरह से काट लिया, जिसमें चार मासूम बच्चे भी हैं। इस घटना ने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया है, वहीं स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी के कारण लोगों में भारी आक्रोश व्याप्त है।

सबसे चिंताजनक स्थिति 9 वर्षीय हसन रजा की है, जिसकी हालत बेहद नाजुक बनी हुई है। बच्चे को गंभीर चोटों और संक्रमण के खतरे को देखते हुए, प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए तत्काल रायपुर एम्स (AIIMS) रेफर किया गया है। परिवार में इस घटना के बाद कोहराम मचा हुआ है।

लोगों का कहना है कि प्रशासन और नगर निगम आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या पर नियंत्रण लगाने में पूरी तरह विफल रहा है। बुधवार की रात हुई भयावह घटना के बाद भी, गुरुवार की सुबह ऑफीसर कॉलोनी क्षेत्र में उसी पागल कुत्ते ने एक और महिला को काटकर घायल कर दिया। लगातार हो रहे हमलों से क्षेत्र में भय का माहौल है और लोग घरों से निकलने में भी डर रहे हैं।

एसईसीएल अस्पताल ने रेबीज इंजेक्शन देने से किया इनकार
इतनी बड़ी संख्या में लोगों के घायल होने के बावजूद, क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। जब घायलों को इलाज के लिए ले जाया गया, तो यह सामने आया कि इलाके के प्रमुख स्वास्थ्य केंद्र, एसईसीएल (SECL) अस्पताल, ने आम जनता को रेबीज (एंटी-रेबीज) इंजेक्शन देने से साफ इनकार कर दिया।

अस्पताल प्रबंधन के इस रवैये से घायलों के परिजनों और स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है। लोगों का कहना है कि जब जिला अस्पताल में इतनी बड़ी संख्या में मरीजों का भार पड़ रहा है, तब प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र का अस्पताल आम जनता को जीवन रक्षक इंजेक्शन देने से कैसे मना कर सकता है।

स्थानीय निवासियों ने जिला प्रशासन से तत्काल आवारा कुत्तों पर नियंत्रण करने और सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर रेबीज इंजेक्शन की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने की मांग की है। लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही इस समस्या पर नियंत्रण नहीं पाया गया, तो वे बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।