:राजकुमार मल:
भाटापारा-बलौदाबाजार- फूड एंड सेफ्टी लाइसेंस की अनिवार्यता
अब प्राइवेट वेयर हाउस पर भी प्रभावी होगी। तय अवधि में पेस्ट कंट्रोल भी करवाना होगा।
इसके अलावा खाद्य सुरक्षा के हर वह उपाय करने होंगे, जो खाद्य सुरक्षा अधिनियम के दायरे में हैं।
जिले में स्थापित और स्थापित हो रही खाद्य प्रसंस्करण ईकाइयों की जरूरतों को देखते हुए बड़ी संख्या में निजी क्षेत्र में वेयर हाउस बना रहे हैं। फौरी जांच में खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने पाया है कि निजी क्षेत्र के वेयर हाउस, संचालन में कई ऐसी गलतियां कर रहे हैं, जिससे भंडारित खाद्य सामग्री की गुणवत्ता पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। इसलिए प्रशासन अब सघन जांच की योजना बना रहा है।

इसलिए लाइसेंस की अनिवार्यता
गुणवत्ता खराब होने की स्थिति में जवाबदेही से बचते रहे हैं निजी क्षेत्र के वेयरहाउस संचालक। अब ऐसा नहीं कर पाएंगे क्योंकि लाइसेंस लेने के अनिवार्यता के बाद प्रतिकूल स्थिति में उन्हें प्रथम जवाबदेह माना जाएगा। सघन जांच के दौरान यह जरूरी अनिवार्यता नहीं मिली तो विधि सम्मत सख्त कार्रवाई की जाएगी।
तय समय में पेस्ट कंट्रोल
तय समय में पूरे भंडार गृह का पेस्ट कंट्रोल अनिवार्य है। इससे संबंधित दस्तावेज रखने होंगे। पेस्ट कंट्रोल के समय भंडारित खाद्य सामग्री को कैप कव्हर से ढंकना अहम है। भंडारित खाद्य सामग्री को कीट प्रकोप से बचाने के उपायों की जानकारी लिखित में रखनी होगी। प्रवेश और निर्गम की राह बाधा रहित होनी चाहिए।
बढ़ रहीं खाद्य प्रसंस्करण ईकाइयां
खाद्य प्रसंस्करण ईकाइयों की संख्या हर साल बढ़ रही है। ऐसे में प्राइवेट वेयर हाउस की ज़रूरतें भी बढ़ रहीं हैं। अपुष्ट जानकारी के अनुसार जिले में 150 से 160 की संख्या के आसपास पोहा बनाने वाली ईकाइयां संचालित हो रहीं हैं। जबकि दाल मिलों की संख्या 60 से 70 के करीब जा पहुंची है। लंबी अवधि के बाद जिले में चावल मिलों की भी संख्या बढ़ती जा रही है इस वक्त 85 के करीब राईस मिलें संचालन में हैं।

लाइसेंस अनिवार्य
खाद्य एवं पेय पदार्थ का भंडारण करने वाले निजी क्षेत्र के भंडार गृहों को
भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम के तहत फूड एंड सेफ्टी लाइसेंस लेना अनिवार्य है।
जांच के दौरान यह नहीं मिला तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
:उमेश वर्मा, खाद्य सुरक्षा अधिकारी, बलौदा बाजार: