इन कार्यों को हुआ भूमिपूजन
भूमिपूजन कार्यों में अमृत 2.0 के तहत नगर पालिक निगम अंबिकापुर क्षेत्र में 123.28 करोड़ रूपए की लागत राशि के कुल 46 एमएलडी क्षमता के 3 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण कार्य का भूमिपूजन, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत 55.45 करोड़ की लागत के 15 सड़क निर्माण कार्यों का भूमिपूजन, 55.05 करोड़ की लागत से 16 ग्राम पंचायतों में स्टॉप डेम, एनीकट, एवं नहर नवीनीकरण कार्य, जिले में 28.40 करोड़ की लागत से 243 आंगनबाड़ी भवन निर्माण कार्यों का भूमिपूजन, निकाय क्षेत्र अंतर्गत 5.92 करोड़ की लागत से विभिन्न वार्डों के सीसी रोड, नाली, सड़क डामरीकरण एवं अन्य 101 कार्यों का भूमिपूजन सहित कुल 379.12 करोड़ की राशि के 1434 कार्यों का भूमि पूजन किया गया।
इन कार्यों का हुआ लोकार्पण –
लोकार्पण कार्यों में लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत 132.83 करोड की लागत से निर्मित 10 सड़कों का लोकार्पण, 3.59 करोड़ की लागत से तैयार जल जीवन मिशन के तहत पांच ग्रामों में एकल ग्राम एवं सोलर आधारित नल जल प्रदाय योजना, नगर निगम अम्बिकापुर में 3.52 करोड़ की लागत से निर्मित सर्व समाज मांगलिक भवन, राज्य विपणन बोर्ड द्वारा 500 मीट्रिक टन के तीन नवनिर्मित गोदाम एवं 5 किसान कुटीर भवन लागत 1.46 करोड़ सहित 157.02 करोड़ की राशि के कुल 180 कार्यों का लोकार्पण किया गया।
नगर पालिक निगम अंबिकापुर में बनेगा 123.28 करोड़ रूपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा सरगुजा जिला प्रवास के दौरान नगर पालिक निगम अंबिकापुर क्षेत्र में 123.28 करोड़ रूपए की लागत राशि के कुल 46 एमएलडी क्षमता के 3 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण कार्य का भूमिपूजन किया गया। बता दें कि नगर पालिक निगम अंबिकापुर क्षेत्र में गंदे पानी के उपचार हेतु भारत सरकार आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा अमृत 2.0 मिशन अंतर्गत सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण कार्य की स्वीकृति प्राप्त हुई है।
इस प्लांट की स्थापना से नगर निगम अंबिकापुर में तरल अपशिष्ट का भी शत-प्रतिशत प्रबंधन सुनिश्चित होगा। प्लांट के माध्यम से नगर के तीन प्रमुख नाले चंपा नाला, मुक्तिधाम नाला एवं सरगवां उद्यान नाला क्षेत्र में प्लांट की स्थापना प्रस्तावित है। वर्तमान में नगर से प्रतिदिन 18 एमएलडी अपशिष्ट जल उत्सर्जित हो रहा है, जो इन नालों के माध्यम से बिना उपचार के जल स्रोत में मिलता है।
इस प्लांट में प्रदूषित जल का उपचार किया जाएगा, प्लांट द्वारा उपचारित जल का पुनरुपयोग किया जा सकता है। इस जल का उपयोग निर्माण कार्य, उद्यान एवं खेतों में सिंचाई कार्य, उद्योगों में किया जा सकता है।
नगर में बढ़ती जनसंख्या को दृष्टिगत रखते हुए इस प्लांट की क्षमता 46 एमएलडी प्रस्तावित की गई है।