साल भर भी ठीक से नहीं जली सोलर स्ट्रीट लाईटें

चहिते ठेकेदारों से जनपद प्रतिनिधियों ने कराया लाखों का कार्य

भानुप्रतापपुर। जनपद स्तर पर अपने क्षेत्र के गांव व गली मोहल्लों को रोशन करने के नाम पर जनपद के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व सदस्यो द्वारा लाखों खर्च कर सोलर स्ट्रीट लाईट की स्थापना 2 वर्ष पूर्व कराई गई थी। वर्तमान में इनमें से कुछ ही लाईटें कुछ घंटों तक जलती हैं बाकी लाईटें खराब पड़ी हुई है। इस ओर न तो जनपद के प्रतिनिधि ध्यान दे रहे हैं न ही उनके चहिते ठेकेदार। अधिकारी भी इस पर कार्यवाही से बच रहें हैं क्योंकि इसमें मोटी कमीशन का खेल किया गया है। सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सरकार ने एक अलग क्रेडा विभाग की स्थापना की है। लेकिन शासन की मंशा के विपरीत कमीशनखोरी के चक्कर मे क्रेडा विभाग के नियमों को दरकिनार करते हुए जनपद के प्रतिनिधि व अधिकारी भ्रष्टाचार करने में लगे हुए हैं।

ज्ञात हो कि जनपद पंचायत भानुप्रतापपुर के 15 वें वित्त आयोग की राशि से सोलर स्ट्रीट लाइट क्रय करने में भारी अनियमितता बरती गई हैं।बिजली की बचत करने और सौर ऊर्जा से गांवों को रोशन करने के लिए सरकार ने ग्राम प्रधानों के माध्यम से सोलर लाइटें लगाने की योजना बनाई। जनप्रतिनिधि भी इसके लिए अपनी निधि से पैसे दे रहे। लेकिन यह योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी है। एक तो जनपद पंचायत के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व अधिकारी मोटी कमीशन के चक्कर मे अपने चहेते ठेकेदारों को काम दिलाते हैं और लाइटों में दोयम दर्जे के सामान का प्रयोग किया जाता है, जिसके कारण सोलर लाइटें शोपीस बनकर रह जाती हैं। भानुप्रतापपुर जनपद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व सदस्यों द्वारा अपने क्षेत्र में और भी कई विकास के कार्य कराये गये हैं जो कमीशन के चक्कर में भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ने लग गए है।

इन गांव में लगी है सोलर लाईटें जो बन्द पड़ी है

ग्राम पंचायत जातावाडा के आश्रित ग्राम उत्तामार जो कि जनपद अध्यक्ष बृजबति मरकाम का क्षेत्र हैं। जिसमें जनपद अध्यक्ष के अनुशंसा से 15 वें वित्त आयोग योजना अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में सोलर स्ट्रीट लाईट स्थापना कार्य कराया गया है। जिसकी स्वीकृति 1 लाख 99 हजार का था जिसमें ठेकेदार द्वारा गांव में मात्र 7 सोलर स्ट्रीट लाईट लगाया गया है। वहीं ग्राम पंचायत कनेचूर के आश्रित ग्राम जामपारा जो जनपद उपाध्यक्ष सुनाराम तेता का क्षेत्र है। जिसमें उनके अनुशंसा से 15 वें वित्त आयोग योजना अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में सोलर स्ट्रीट लाईट स्थापना कार्य कराया गया है। जिसकी स्वीकृति 1 लाख 99 हजार का था। जिसमें ठेकेदार द्वारा गांव के गलियों में मात्र 7 सोलर स्ट्रीट लाईट लगाया गया है। ठेकेदार व जनप्रतिनिधी मिल कर अधिकारियों के साथ सांठगांठ कर इस कार्य मे मोटी कमीशन का खेल कर गए।

बाजार मूल्य से कई गुना अधिक का बिल लगाया

जनपद प्रतिनिधि के द्वारा जो सोलर स्ट्रीट लाईट का कार्य कराया गया है उसका बाजार मूल्य 10 से 15 हजार के बीच में है। लेकिन ग्राम पंचायतों में जो कार्य कराए गए हैं उसमें एक लाइट की खरीदी 25 से 30 हजार में की गई है। इस तरह जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों द्वारा शासकीय राशि का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। जनपद प्रतिनिधि के चहिते ठेकेदार ही कार्य करते हैं जिसमे इनका कमीशन फिक्स रहता है, और भुगतान के लिए सचिव व सरपंचों पर दबाव बनाया जाता है। लाईटें इतनी घटिया किस्म की है कि मात्र 3 से 4 घंटा ही चलती हैं। उत्तामार के ग्रामीणों ने बताया कि लाखों रुपए खर्च कर गांव में स्ट्रीट लाईट लगाया गया है लेकिन रात में तीन चार घंटा ही जलता है उसके बाद बंद हो जाता है। लाइट लगने के बाद भी गांव के गलियों में अंधेरा रहता है।