Editor-in-Chief सुभाष मिश्र की कलम से – मंत्रिपरिषद की बैठक के निर्णय 

Editor-in-Chief सुभाष मिश्र

-सुभाष मिश्र

विष्णु का सुशासन और मोदी की गारंटी का राज है। जबसे भाजपा सरकार में आई है और आदिवासी समुदाय से आने वाले विष्णुदेव साय मुख्यमंत्री बने हैं, तब से उनको लेकर बहुत सी बातें होती हैं। जब भी कैबिनेट में कोई फैसला होता है तो सरकार यह बताने का प्रयास करती है कि सरकार हमेशा छत्तीसगढ़ के समग्र विकास का काम कर रही है। यही वजह है कि छत्तीसगढ़ के हालिया कैबिनेट की बैठक में भाजपा का 2047 का विजन दिखा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भी 2047 तक विकसित भारत का सपना है तो मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय भी इसी तरह की बात करते हैं। छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है, छत्तीसगढ़ में धान का अपना महत्व है। धान की खरीदी, धान के लिए पैसे, धान की दरें आदि की चर्चा होती है। लिहाजा, छत्तीसगढ़ की राजनीति में भी धान को लेकर केन्द्रित होती है। चाहे भाजपा हो या कांग्रेस दोनों ही धान के मुद्दे को नकार नहीं सकते हैं। इसी तरह छत्तीसगढ़ एक औद्योगिक हब बने, क्योंकि यहाँ खनिज संसाधन बहुत हैं तो कैबिनेट की बैठक में एक औद्योगिक नीति को लेकर भी बातचीत हुई। सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद नया रायपुर की उस तरह की बसावट नहीं हो पाई, जिस तरह की होनी चाहिए। वहां लोग पहुंचे इसको प्रेरित करने के लिए मुख्यमंत्री ने अपना आवास भी नया रायपुर में ले गए हैं। उनके साथ दूसरे मंत्री भी जा रहे हैं। नया रायपुर को कैसे विकसित किया जाए ऐसी बहुत सी सोच है। वहीं शिक्षा में प्रगति के लिए शिक्षकों को इधर से उधर करने की बात हो रही है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में कई निर्णय लिए गए उसमें खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ को समर्थन मूल्य पर धान खरीदी हेतु स्वीकृत शासकीय प्रत्याभूति राशि 14 हजार 700 करोड़ रूपये की वैधता अवधि को एक वर्ष बढ़ाते हुए 31 अक्टूबर 2025 तक पुनर्वैधीकरण करने का निर्णय लिया गया। त्रि-स्तरीय पंचायत एवं नगरीय निकाय के चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के प्रथम प्रतिवेदन एवं अनुशंसा अनुसार आरक्षण प्रदान किए जाने का निर्णय लिया गया। इसके तहत स्थानीय निकायों में आरक्षण को एकमुश्त सीमा 25 प्रतिशत को शिथिल कर अन्य पिछड़ा वर्ग की जनसंख्या के अनुपात में 50 प्रतिशत आरक्षण की अधिकतम सीमा तक आरक्षण प्रदान किया जाएगा। ऐसे निकाय जहां पर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति का आरक्षण कुल मिलाकर 50 प्रतिशत या उससे अधिक है, वहां अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण उस निकाय में शून्य होगा। यदि अनुसूचित जाति, जनजाति का आरक्षण निकाय में 50 प्रतिशत से कम है, तो उस निकाय में अधिकतम 50 प्रतिशत की सीमा तक अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण होगा, परंतु यह आरक्षण उस निकाय की अन्य पिछड़ा वर्ग के आबादी से अधिक नहीं होगा। निकाय के जिन पदों के आरक्षण राज्य स्तर से तय होते हैं जैसे जिला पंचायत अध्यक्ष, नगर निगम महापौर, नगर पालिका अध्यक्ष इत्यादि, उन पदों के लिए ऐसे निकायों की कुल जनसंख्या के आधार पर उपरोक्त सिद्धांत का पालन करते हुए आरक्षित पदों की संख्या तय की जाएगी। यहाँ सोचने वाली बात यह है कि छत्तीसगढ़ में पंचायती राज व्यवस्था लागू है। यहाँ अच्छी बात यह है कि जहां 50 प्रतिशत आरक्षण लागू है, उससे अधिक महिलाएं काम करती हैं। नगरीय निकाय में कांग्रेस का कब्जा रहा है। अब पंचायत के चुनाव होने वाले हैं। अब तो मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव एक साथ करवाना चाहते हैं। उन्होंने यह पहल एक देश एक चुनाव के फार्मूले के तहत किए हैं। भाजपा निश्चित रूप से चाहेगी कि पंचायत और नगरीय निकाय में उसकी ही सरकार बने।
शिक्षक पंचायत संवर्ग के 97 शिक्षकों का स्कूल शिक्षा विभाग में संविलियन किये जाने का अनुमोदन किया गया। शेष शिक्षक पंचायत के प्रकरणों पर पंचायत विभाग से पात्रता की अनुशंसा प्राप्त होने पर संविलियन करने हेतु स्कूल शिक्षा विभाग को अधिकृत किया गया। स्कूल शिक्षा विभाग के प्राचार्यों को वर्ष 2007 से वर्ष 2019 तक प्रथम मतांकन के आधार पर प्रथम व द्वितीय समयमान वेतनमान स्वीकृत करने के लिए मात्र एक बार की छूट देने का मंत्रिपरिषद ने निर्णय लिया। राज्य की नई औद्योगिक विकास नीति 2024-29 के प्रारूप एवं प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। यह नई औद्योगिक विकास नीति 01 नवम्बर 2024 से प्रारंभ होकर 31 अक्टूबर 2029 तक प्रभावशील रहेगी। इस नीति में अमृतकाल छत्तीसगढ़ विजन ञ्च 2047 की परिकल्पना को साकार करने के लिए प्रावधान किए गए हैं। इस नीति से प्रदेश में औद्योगिक विकास के नये आयाम स्थापित होंगे। नई औद्योगिक नीति में भारत सरकार द्वारा वर्ष 2020 में एमएसएमईडी एक्ट-2006 में सूक्ष्म, लघु, मध्यम एवं वृहद उद्योगों की परिभाषा में किए गए संशोधन को अपनाया गया है और राज्य में संतुलित विकास के लिए औद्योगिक विकास प्रोत्साहन प्रदान करने का विशेष प्रावधान किया गया है। नई औद्योगिक नीति 2024-29 के उद्दश्यों की पूर्ति के लिए राज्य में नवीन उद्यमों की स्थापना, विस्तारीकरण, विविधीकरण, प्रतिस्थापन एवं अन्य कार्यों के लिए औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा। राज्य के सभी क्षेत्रों में सर्वागींण औद्योगिक विकास के लक्ष्य की पूर्ति के लिए सभी जिलों के विकासखण्डों को तीन क्षेणियों में विभाजित करके दिए जाने वाले औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन की मात्रा का निर्धारण भी किया जाएगा। नई औद्योगिक विकास नीति में कोर सेक्टर के उत्पादों जैसे स्टील, सीमेंट, ताप विद्युत एवं एल्यूमिनियम के लिए पृथक प्रावधान तथा राज्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर थ्रस्ट एवं सामान्य उद्योगों में विभाजित किया गया है। फर्मास्यूटिकल, टेक्सटाईल, फूडप्रोसेसिंग, कृषि उत्पाद संरक्षण, एनटीएफपी प्रसंस्करण इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद, आईटी एवं आईटीईएस आदि के लिए आकर्षक औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन का प्रावधान किया गया है। छत्तीसगढ़ विजन ञ्च 2047 विजन डॉक्यूमेंट के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। नवा रायपुर अटल नगर में निवेश, रोजगार एवं बसाहट को प्रोत्साहन देने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग, स्वास्थ्य सेवाएं, शैक्षणिक संस्थान, इलेक्ट्रानिक्स एवं इलेक्ट्रिकल उद्योगों के विकास हेतु रियायती प्रीमियम दर पर भूखण्ड आबंटन की व्यवस्था करने का निर्णय लिया गया।
ग्राम नियानार जगदलपुर जिला बस्तर में एनएमडीसी के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए आवासीय परिसर के निर्माण हेतु छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल को आबंटित 118 एकड़ शासकीय भूमि, मण्डल द्वारा सीएसआईडीसी को रजिस्ट्री के माध्यम से विक्रय की अनुमति प्रदान करने का निर्णय लिया गया। नवा रायपुर परियोजना हेतु आपसी करार द्वारा निजी भूमि क्रय करने पर नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण को 31 मार्च 2026 तक मुद्रांक शुल्क में छूट दिए जाने का निर्णय लिया गया। दिव्यांगजन कार्यालय में राज्य आयुक्त के एक पद के सृजन का किया गया। मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना प्रारंभ करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया। इस योजना के तहत राज्य के 60 वर्ष या अधिक आयु के व्यक्ति, दिव्यांगजन, विधवा, परित्यक महिलाओं को उनके जीवनकाल में एक बार प्रदेश के बाहर स्थित चिंहिंत तीर्थ स्थानों में से एक या एक से अधिक स्थानों की नि:शुल्क यात्रा कराई जाएगी। इसके लिए 2024-25 के प्रथम अनुपूरक में 25 करोड़ रूपये का बजट प्रावधान किया गया है। वर्ष 2012 में मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना शुरू की गई थी। इस योजना के तहत वर्ष 2019 तक 2 लाख 47 हजार हितग्राहियों को 272 यात्राओं के माध्यम से तीर्थ यात्रा कराई गई है। वर्ष 2019 में इस योजना का नाम बदलकर तीरथ बरत योजना कर दिया गया था, परंतु वर्ष 2019 से वर्ष 2023 तक इस योजना के तहत तीर्थ यात्राएं नहीं हुईं। मंत्रिपरिषद ने मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के नाम से इसे पुन: शुरू करने का निर्णय लिया है। छत्तीसगढ़ के तकनीकी शिक्षा विभाग में भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने का निर्णय लिया। इससे छात्र-छात्राओं को समग्र एवं लचीले शिक्षा प्रणाली के साथ ही गुणवत्तायुक्त शिक्षण की सुविधा मिलेगी। शोध और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए अधिक संसाधन और सहयोग प्राप्त होंगे। उद्योगों को अधिक कुशल कार्य बल मिलेगा। जनहित को देखते हुए अचल सम्पत्ति के अंतरण संबंधी दस्तावेजों के रजिस्ट्रीकरण फीस के युक्तियुक्तकरण का निर्णय लिया गया है। बैठक में रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1908 (1908 का 16) से संबंधित रजिस्ट्रीकरण शुल्क सारणी में पुनरीक्षण संबंधित प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। छत्तीसगढ़ नगर पालिक अधिनियम 1956 (संशोधन) अध्यादेश-2024 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। छत्तीसगढ़ नगर पालिका अधिनियम 1961 (संशोधन) अध्यादेश-2024 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। इस तरह के निर्णय मंत्री परिषद में लिए गए हैं।
मंत्री परिषद के निर्णय निश्चित रूप से काफी महत्वपूर्ण हैं। चाहे पंचायत चुनाव हो चाहे नगरीय निकाय के चुनाव हो को ध्यान में रखकर निर्णय किया गया है। छत्तीसगढ़ में चाहे औद्योगिक विकास की बात हो या नया रायपुर में बसाहट की बात हो। विष्णुदेव साय मंत्री परिषद के निर्णयों के दीर्घकालिक प्रभाव डालेंगे। भाजपा जबसे सत्ता में आई है, तब से लोगों को यह उम्मीद है कि डबल इंजन की सरकार ऐसा काम करेगी कि दोबारा सत्ता में वापसी में कोई परेशानी ना हो। इसके लिए केंद्र की सरकार हो या राज्य की सरकार हो या संगठन के लोग हों सब सरकार के कामकाज पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। यही वजह है कि मंत्री परिषद के निर्णयों में वह परिलक्षित हो रहा है। यह उम्मीद की जा सकती है कि छत्तीसगढ़ जिन राज्यों के साथ अस्तित्व में आया है, उसकी अपेक्षा कई क्षेत्रों में अधिक तेजी विकास कर रहा है तो इसमें राज्य की नई औद्योगिक नीति, नया रायपुर हो या बस्तर में नगरनार स्टील प्लांट लगाना समेत सभी जगह नए तरह का विकास देखने को मिलेगा।

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