घरघोड़ा : क्षेत्र में पर्यावरण की हालत दिनों-दिन बिगड़त जा रही है जल, जंगल, जमीन सभी नष्ट हो रहे हैं पर्यावरण पर मंडरा रहे खतरे से सभी अच्छी तरह वाकिफ हैं, इसके बावजूद हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं पर्यावरण का संतुलन बन रहे इसका एक ही उपाय है । इन खतरों को टालने के लिये अपनी प्रकृति को सहेजना होगा । यदि समय रहते उचित कदम नहीं उठाया गया तो क्षेत्र को इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। सर्वत्र पर्यावरण के बिगड़ते स्वरूप का असर देखा जा रहा है ।
Gharghoda News:पर्यावरण पुरी तरह बिगड़ गया है इसमें दो राय नहीं है कि क्षेत्र में लगातार हो रही औद्योगिक प्रगति ने यहां के स्वच्छ प्राकृतिक वातावरण को बिगाड़ कर रख दिया है आज से करीब दो दशक पूर्व गर्मी का दिन एक पंखे से चल जाया करता था । बारिश भी अच्छी होती थी और ठंड का मौसम भी राहत पहुंचाता था पर आज की बात और ही अलग है । अब पर्यावरण पुरी तरह गरमा गया है इतनी गर्मी पड़ रही है कि एसी भी कमजोर पड़ जा रही है गर्मी को रोकने में । वहीं ठंड के मौसम में ठंडी की कारण मौत हो जाती है ।
Gharghoda News:बारीश इतनी हो रही है कि बाढ़ आ जा रही है । इस सबका जिम्मेदार कौन है ? पर्यावरण असंतुलन है ! यह सब दृश्यमान है कि जल, जंगल, जमीन पर बुरी तरह उद्योगों का कब्जा है । इन उद्योगों की चिमनियों से निकलने वाला धुंआ घरों की छत पर कालिख पोत रहा है । अभी भी वक्त है प्रयास करें तो हमारा पर्यावरण संभल सकता है ।
Gharghoda News:प्रशासन उद्योग की खबर लें, औद्योगिक प्रदूषण को लेकर सचेत हो इस तरह की पहल सभी तरफ होनी चाहिए । अधिक से अधिक पेंड़ लगाने के विषय में कार्य होना चाहिए जितने पेड़ लगेंगे उतनी हरियाली होगी । हरियाली की वजह से प्रदूषण समाप्त होगा, वहीं जिला क्षेत्र में और उद्योग स्थापित होने की दस्तक सुनाई दे रही है ।