The Office of the Prime Minister : आश्चर्य की बात, ठग, ब्लैकमेलर, झांसा देने वाले और घोटालेबाज का भाजपा नेतृत्व से संबंध के दावों की असलियत क्या है : कांग्रेस

The Office of the Prime Minister :

The Office of the Prime Minister धोखेबाज,जालसाजों का भाजपा नेतृत्व से संबंध के दावों की असलियत क्या है : कांग्रेस

The Office of the Prime Minister नयी दिल्ली !  कांग्रेस ने कहां है यह आश्चर्य की बात है कि इन दिनों जितने ठग, ब्लैकमेलर, झांसा देने वाले और घोटालेबाज पकड़े जा रहे हैं उनमें कई खुद को प्रधानमंत्री कार्यालय से सम्बद्ध, गृहमंत्री अमित शाह के करीबी या भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के सीधे संपर्क में होने का दावा कर रहे हैं।

कांग्रेस संचार विभाग की प्रमुख पवन खेड़ा ने शनिवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इस तरह के हालात पहली बार देखे जा रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि ठगी का एक बड़ा बरगद नयी दिल्ली में है और उसके नीचे खरपतवार की तरह ठग चल रहे हैं। धोखेबाजों और जालसाजों का झुंड संघ परिवार के ईकोसिस्टम के तहत पनप रहा है और पकड़े जाने पर ये सारे ठग खुद को पीएमएओ से जुड़ा हुआ, गृह मंत्री तथा भाजपा अध्यक्ष के करीबी बता रहे है।

उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट होना चाहिए कि क्या ठग, ब्लैकमेलर, झांसा देने वाले, धोखेबाज, और घोटालेबाज एक सोची-समझी साजिश के तहत मोदी सरकार में काम कर रहे हैं या तथाकथित सुप्रीम लीडर, इन धोखेबाजों से अनजान हैं। कमाल यह है कि ज्ञानी को ज्ञानी मिलते हैं लेकिन भजपा के शीर्ष नेतृत्व को ठग मिल रहे हैं। वो ठगों के लिए चुंबक बने हैं और ठग उनके आस-पास मंडराते हुए उनका नाम इस्तेमाल करते हुए विजिटिंग कार्ड्स में उनके कार्यालयों का नाम लगा रहे हैं।

प्रवक्ता ने कहा “पिछले कुछ साल में जितने ठग पकड़े गए हैं वो सब भजपा नेतृत्व के करीबी होने का दावा करते हैं। आज जो चारों तरफ ‘ठग्स ऑफ हिन्दुस्तान’ दिख रहे हैं, असली पावरफुल कैबिनेट इन्हीं ठगों की है। कोई ठग खुद को अमित शाह का भतीजा बताता है, कोई नड्डा का करीबी बताता है। इन्होंने कई राज्यों के विधायकों को मूर्ख बना दिया है। सवाल है कि इनमें इतना आत्मविश्वास कहां से आता है। सबको पता है कि भजपा के नेता वोट लेकर जनता को ठगते हैं, काम नहीं करते। लेकिन ये ठग तो उनके नाम पर पैसे लेकर भी काम नहीं कर रहे।”

उन्होंने कहा “यश अमीन उर्फ विराज शाह खुद को अमित शाह का भतीजा बताकर विधायकों को मंत्री बना रहे थे। बृजेश रत्न ने खुद को अमित शाह का करीबी बताकर एक व्यवसायी से दो करोड़ रुपये की ठगी की लेकिन शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। शाह तो शाह, शहंशाह भी कम नहीं हैं। अंकित कुमार, वासुदेव, सतेंद्र ये सभी अपने को पीएमओ का अधिकारी बताते हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय का नाम लेकर ठगी करते हैं, विजिटिंग कार्ड छपा रखे हैं।”

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कांग्रेस प्रवक्ता ने सवाल किया कि पीएमओ इन ठगों को माननीय प्रधानमंत्री के कार्यालय का नाम उपयोग करने और इसे कलंकित करने की अनुमति कैसे दे सकता है। ऐसा क्यों है कि वे सिर्फ एक अस्पष्ट समाचार रिपोर्ट का हिस्सा बन गए और एजेंसियों द्वारा कोई कठोर कार्रवाई नहीं की गई।

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