Editor-in-Chief

Editor-in-Chief सुभाष मिश्र की कलम से – न्याय की देवी ने खोली ‘आँख’ 

-सुभाष मिश्रअब कानून अंधा नहीं रहा। कई बार बात होती है कि अंधा कानून है, क्योंकि अब तक न्याय की देवी की आंखों पर काली पट्टी बंधी होती थी। पट्टी बांधने का अर्थ यह होता है कि न्य...

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