0 स्वच्छता ही सेवा के अंतर्गत बनाए

एमसीबी। कलेक्टर डी. राहुल वेंकट के दिशा निर्देश एवं परियोजना निदेशक के मार्गदर्शन में स्वच्छता संस्कार स्वच्छता अंतर्गत जिले के विभिन्न विद्यालयों में छात्र-छात्राओं के माध्यम से स्वच्छता के महत्व एवं उपयोगिता को जागरूकता गतिविधियों के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया जा रहा है, छात्र-छात्राओं के द्वारा स्वच्छता रैली, कबाड़ से जुगाड़, ह्यूमन चैन, निबंध लेखन प्रतियोगिता, रंगोली प्रतियोगिता के माध्यम से जहां अपनी व्यक्तिगत स्वच्छता की आदतों में व्यवहार परिवर्तन कर स्वच्छता की आयाम को अंगीकार कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर ग्रामीण अंचलों में निवासरत ग्रामीणों को भी स्वच्छता की उपयोगिता एवं महत्वता से जागरूक बना रहे हैं। वेस्ट टू बेस्ट अर्थात अनुपयोगी वस्तुओं से उनका पुनः उपयोग कर सुंदर व आकर्षक वस्तुएं बनाई जा रही हैं। जिसका मूल उद्देश्य अपशिष्ट को संसाधन के रूप में उपयोग कर हम जहां एक ओर अपशिष्ट प्रबंधन की ओर आगे बढ़ रहे हैं। वहीं दूसरी ओर अपशिष्ट को कम कर रहे हैं और अपशिष्ट से वस्तुओं का निर्माण कर अतिरिक्त सृजित कर सकते हैं।
रिसोर्स सेग्रीगेशन को दे रहे बढ़ावा –
अपशिष्ट संग्रहण एवं पृथक्करण हेतु परिवारजन को भी कर रहे जागरूक
स्वच्छता ही सेवा के तहत छात्र-छात्रा अपने अभिभावकों को भी गीले एवं सूखे कचरे की उपयोगिता एवं स्वच्छता के महत्व से अवगत करा रहे हैं घर से निकलने वाले सूखे कचरे को इधर-उधर ना फेंक कर रिसोर्स सेग्रीगेशन के महत्व को समझा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर गांव के चौक चौराहे एवं स्कूल परिक्षेत्र स्वच्छ रहे इसके लिए स्वयं जिम्मेदारियां भी ले रहे हैं।
निबंध और वाद-विवाद प्रतियोगिताओं से बौद्धिक विकास
शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य ठीक है की परिकल्पना को सरकार एवं मूर्त रूप प्रदान कर रहे हैं यदि हमारा परिवेश हमारा रहन-सहन एवं व्यक्तिगत स्वच्छता के प्रति सजग है तो हम स्वच्छता से स्वस्थ जीवन की ओर अग्रसर हो सकेंगे और स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन मस्तिष्क वास करता है जिससे बौद्धिक विकास की ओर अग्रसर किया जा सकता है।