शिव महापुराण में शामिल होने मयाली पहुंचे सीएम विष्णुदेव साय
(दिपेश रोहिला)
जशपुर/पत्थलगांव। जशपुर जिला के कुनकुरी ग्राम मयाली में 21 मार्च से 27 मार्च तक मधेश्वर पहाड़ के समीप आयोजित हो रही शिव महापुराण कथा के आज पंचम दिवस पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय शामिल हुए। उन्होंने भक्तिभाव से एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने शिव कथा का श्रवण किया। उन्होंने कथा वाचक पंडित श्री प्रदीप मिश्रा को मधेश्वर महादेव की छायाचित्र भेंटकर और माला पहनाकर उनका अभिनंदन किया और उनसे प्रदेश के सुख, समृद्धि एवं खुशहाली का आशीर्वाद लिया। कथा स्थल में मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय सहित परिवार के सदस्यगण,जनप्रतिनिधिगण शामिल हुए।
कर्मा पूजन के अवसर पर पंडित श्री प्रदीप मिश्रा ने जशपुरवासियों समेत मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय को बधाई दिया। कथा की शुरुआत करते हुए उन्होंने कहा कि मनुष्य को जब मानव शरीर प्राप्त होता है तो उसे मृत्युलोक भेजा जाता है। उन्होंने कहा सनातनियों को पथ से भटकाने के लिए विदेशियों द्वारा ज्ञान, भक्ति सहित अन्य चीजों की जानकारियां गलत तरीके से दी जाती है। आपका विश्वास सनातन धर्म के 33 कोटि भगवान पर है तो आप रास्ते से कभी नहीं भटकेंगे। बताया जाता है कि मानव वानर से मनुष्य बना मगर सृष्टि की रचना के लिए शास्त्र पुराण कहते हैं कि ब्रह्मा जी के जंघा से मनु और सतरूपा उत्पन्न हुए जिनके हम सभी संतान हैं। विधर्मियों और विदेशी ताकतों द्वारा सनातन धर्म की लेखनिय दबाने के लिए अपनी लेखनिय को तैयार किया गया।
उन्होंने कहा ब्रह्मा जी ब्रह्मलोक, विष्णु जी बैकुंठलोक और मृत्युलोक में भगवान शंकर वास करते हैं। भगवान शंकर ने विष्णु के सामने आकर कहा कि जब तक मनुष्य गर्भ से जन्म होने तक संसार में रहेगा उसके आगे बढ़ाने की जवाबदारी मेरी होगी। महादेव आश्रित रहने पर ठोकर कदापि नहीं मिलती और एक लोटा जल शिवलिंग में चढ़ाने से वह मनुष्य शिव का हो जाता है। उन्होंने छत्तीसगढ़वासियों को कहा कि पूरा छत्तीसगढ़ शिवमय और दैवीमय है जो कि दिखावा कभी नहीं करता। दूसरे प्रदेशों में गांव क्षेत्र में रहने वाले लोग शहर जाकर वहां काम कर अपना मकान बनाकर वहां के निवासी बन जा रहे हैं मगर यहां के किसान अपना खेत नहीं छोड़ना चाहते वह जानते हैं की मनुष्य जीवन जीने के लिए खेती आवश्यक जोकि भरण पोषण का एकमात्र स्थान है।
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पंडित श्री प्रदीप मिश्रा ने कहा कि जिस मनुष्य ने भक्ति को ही अपने हृदय में नहीं बसाया वह तकलीफ और दु:ख की चपेट में आता चला जाता है। आगे उन्होंने अकबर के दरबार में तानसेन की संगीत प्रतिभा के आगे, बैजू बावरा ने अपनी संगीत साधना से तानसेन को चुनौती दी, तानसेन ने ऐसा राग गाया, जिससे दीप प्रज्वलित और दरबार में उपस्थित लोगों के कपड़ों में आग लगने लगी। तभी बैजू बावरा ने अपनी प्रस्तुति ऐसी दी कि बरसात होने लगी और सभी आग बुझ गई। दुबारा जब तानसेन ने राग शुरू किया तो हिरणों का झुंड इकट्ठा हो गया, और बैजू ने जवाब में ऐसा राग गाया, जिससे हिरण वापस आए और तानसेन का हार वापस आ गया। इसके बाद अकबर ने बैजू बावरा से कहा तुम हिंदू पत्थरों की पूजा करते हो क्या तुम्हारे गाने पर पत्थर पिघल सकता है, तब बैजू बावरा ने अपने और की शुरुआत करते हुए अकबर के सामने रखे पत्थर को पिघला दिया। और एक संगीत प्रतियोगिता में तानसेन को हरा दिया, जिससे तानसेन ने बैजू की प्रतिभा को स्वीकार किया। उसी प्रकार सच्ची श्रद्धा और भक्त हो तो पत्थर भी पिघलने लगता है इसलिए हिंदू पत्थर की पूजा करते हैं, ईश्वर आडंबर और छल से प्रसन्न नहीं हो सकते परमात्मा को प्रकट करने के लिए सच्चे मन से श्रद्धा और भक्ति की जाती है।
उक्त अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अपने उद्बोधन में कहा कि जहां दुनिया का सबसे बड़ा प्राकृतिक शिवलिंग मधेश्वर महादेव के रूप में विराजमान है वहां विश्व विख्यात कथावाचक शिव पंडित श्री प्रदीप मिश्रा शिव महापुराण की कथा का वाचन कर रहे हैं। झारखंड और उड़ीसा के भी शिवभक्त इस कथा का रसपान कर रहे हैं। उन्होंने कहा जशपुर के आदिवासी अंचल में इस शिव महापुराण की कथा के आयोजन से हम सभी धन्य हो गए हैं जशपुरवासियों की ओर से उन्होंने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि टीवी में प्रत्येक दिन वे शिव महापुराण देखा करते थे आगे उन्होंने कहा हम सभी हिंदुओं एवं जशपुरवासियों की इच्छा थी कि पंडित श्री प्रदीप मिश्रा को साक्षात देखें उन्होंने सभी समाजसेवियों को आर्थिक और शारीरिक रूप से मदद करने पर उनका आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा जशपुर जिले में आए दिनों धर्मांतरण और गौ हत्याएं होती थी जिसे हिंदू कुल तिलक,घर वापसी अभियान के महानायक स्व. दिलीप सिंह जूदेव ने लाखों हिंदुओं को हिंदू धर्म में घरवापसी कराई ऐसे क्षेत्रों में यहां आना निश्चित रूप से हम सनातनियों को लाभ होगा।
उन्होंने कहा रामलला दर्शन योजना के तहत प्रदेश के 22000 से अधिक श्रद्धालुओं को निःशुल्क अयोध्या दर्शन कराया जा चुका है। माता कौशल्या का मायका छत्तीसगढ़ में होने पाए भगवान श्रीराम को हम सभी भाँचा मानते है। पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के कार्यकाल में मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना संचालित की जाती थी। इस योजना का पुनः 27 मार्च को शुभारंभ किया जाएगा। इस योजना के माध्यम से उनके इच्छानुसार तीर्थ स्थल का दर्शन कराया जाएगा।